Lucknow : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लेवाना होटल को ध्वस्त करने का रास्ता साफ हो गया है. शासन ने एलडीए का आदेश सही पाया है. सचिव आवास रणवीर प्रसाद ने सुनवाई के बाद लेवाना हॉस्पिटैलिटी एलएलपी की याचिका को खारिज कर दी है. लेवाना होटल में आग से बीते साल चार लोगों की मौत हो गई थी.
यह होटल पूरी तरह अवैध था. अग्निशमन विभाग को आग बुझाने में भारी मशक्कत करनी पड़ी थी. घटना के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण ने जांच कराई तो पता चला कि निर्माण में काफी घपलेबाजी की गई थी. यहां पहले कार्यालय बनाया गया फिर आवासीय नक्शा पास हुआ. इसके बाद होटल खड़ा कर दिया गया.
एलडीए के ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ लेवाना हॉस्पिटैलिटी एलएलपी ने शासन में याचिका दायर की थी. इसमें एलडीए की ओर से निरस्त नक्शे की बहाली और ध्वस्तीकरण आदेश को रोकने की गुहार लगाई गई थी. मगर मामले में 20 जुलाई 1996 को इस शर्त संग नक्शा मंजूर किया गया था कि प्रशनगत भवन का स्वरूप छह माह में कार्यालय से आवासीय में बदल दिया जाएगा. मगर ऐसा किया ही नहीं गया.
यह शर्तों का सरासर उल्लंघन है. ऐसे में आवास विकास के सचिव रणवीर प्रसाद ने एलडीए के 9 नवंबर 2022 को ध्वस्त करने का आदेश सही पाया. उन्होंने होटल प्रबंधन को राहत नहीं दी है और लेवाना हॉस्पिटैलिटी की याचिका खारिज कर दी है.
गौरतलब है कि 5 सितंबर 2022 को लखनऊ के हजरतगंज इलाके में स्थित लेवाना होटल में आग लग गई थी. इस दौरान चार लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, 10 लोग घायल भी हुए थे. जिसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को संज्ञान में लेते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.