यूपी में तीसरे मोर्चे की दस्तक, 3 सितंबर को लखनऊ में होगी जुटान, पूर्व सांसद डीपी यादव रहेंगे मौजूद

यूपी में तीसरा मोर्चा आकार ले रहा है. इसमें ऐसे छोटे दलों को शामिल किया जा रहा है, जो पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों की अगुवाई करते हैं लेकिन बड़े दल इन्हें तवज्जो नहीं देते. 3 सितंबर को लखनऊ में इसकी पहली रैली होने जा रही है.

By Amit Yadav | September 1, 2023 6:47 PM

लखनऊ: I.N.D.I.A. और PDA की सरगर्मियों के बीच एक यूपी में एक तीसरा मोर्चा आकार ले रहा है. इस मोर्चे की पहली झलक 3 सितंबर को रवींद्रालय सभागार चारबाग में दिखेगी. जहां इस मोर्चे की पहली जुटान होने जा रही है. खास बात यह है कि इसमें पूर्व मंत्री डीपी यादव भी शामिल हो रहे हैं. इसके अलावा वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के प्रमुख विश्वात्मा, इटावा के पूर्व विधायक शिव प्रसाद यादव सहित कई नेता इस मौके पर मौजूद रहेंगे.

पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक की आवाज उठाएंगे

वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के नीति निर्देशक विश्वात्मा ने बताया कि नेशनल यूनियन ऑफ बैकवर्ड क्लासेस, एससी, एसटी एंड माइनरटीज के तत्वाधान में ‘तीसरा मोर्चा विमर्श’ की जुटान हो रही है. इसका उद्देश्य वंचित जन को आर्थिक और सामाजिक न्याय दिलाने, शांति, सद्भाव, संविधान की सुरक्षा करने की रणनीति पर चर्चा होगी. उन्होंने बताया कि आर्थिक सामाजिक रूप से वंचित जन के लिये कोई भी कार्यक्रम न तो बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन में दिखाई दे रहा है और न ही नवगठित I.N.D.I.A. में दिख रहा है.

Also Read: पौने दो सौ साल पुराना है रमचौरा के केले का इतिहास, अब जीआई की रेस में
जनता की बात करेगा तीसरा मोर्चा

विश्वात्मा ने बताया कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के नाम पर नवगठित गठबंधन केवल एक ही मुद्दा उठा रहा है, मोदी हटाओ. सामाजिक और आर्थिक नीतियों पर नवगठित I.N.D.I.A. गठबंधन चुप्पी साधे हुए है. यह बात देश की जनता और बहुत से दलों को मंजूर नहीं है. इसलिये इस तीसरे मोर्चे के गठन की जरूरत महसूस की जा रही है. इस मोर्चे में पूर्व सांसद डीपी यादव का राष्ट्रीय परिवर्तन दल और वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल सह आयोज के रूप में रहेंगी. इसमें पूर्व न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह यादव, दिल्ली विवि के प्रोफेसर रतन लाल और उन्नाव के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामकुमार यादव भी रहेंगे.

छोटे दलों को जोड़ने की कवायद

विश्वात्मा ने कहा कि मोर्चे में ऐसे दल भी शामिल हो रहे हैं जो सपा, बसपा, बीजेपी की नीतियों से नाराज हैं. ऐसे में इन दलों को भी तीसरा मोर्चा विमर्श में शामिल होने का न्यौता दिया गया है. क्योंकि कोई संविधान का डर दिखा रहा है, तो कई समाज को बांटना चाह रहा है और सत्ता पर काबिज रहने के मौके ढूंढ़ रहा है. 3 सितंबर की बैठक के बाद जिलों में सम्मेलन की तारीख तय की जाएगी.

Next Article

Exit mobile version