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Uttar Pradesh Chunav: यूपी के सियासी रण में ‘अजेय’ रहा है यह परिवार, इस बार मिलेगी कड़ी टक्कर?

Uttar Pradesh Chunav: यूपी के सियासी रण में कई परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने आज तक कभी हार का मुंह नहीं देखा. इस बार का विधानसभा चुनाव एक अलग माहौल मे हो रहा है. ऐसे में माना जा रहा कि इन परिवारों को भी कड़ी टक्कर मिलेगी. देखें यह रिपोर्ट...

By Prabhat Khabar News Desk | January 30, 2022 4:46 PM

Uttar Pradesh Chunav 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बज चुका है. राजनीतिक पार्टियों के साथ ही प्रत्याशियों ने भी जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. आज हम आपको कुछ ऐसे सियासी खानदान के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके सामने किसी पार्टी का कोई भी प्रत्याशी चुनावी मैदान में नहीं टिका.

तिवारी परिवार

पूर्वांचल की राजनीति में हरिशंकर तिवारी का नाम सबसे पहले लिया जाता है. हरिशंकर तिवारी कांग्रेस के बड़े नेता रहे. उनके बेटे विनय शंकर तिवारी इस समय गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से विधायक हैं. हरिशंकर तिवारी के बड़े बेटे कुशल तिवारी संत कबीर नगर से सांसद रहे हैं. हरिशंकर तिवारी के भांजे और यूपी विधानसभा के सभापति रह चुके गणेश शंकर पांडेय सहित पूरा तिवारी कुनबा अब समाजवादी पार्टी में शामिल हो गया है.

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अंसारी परिवार

पूर्वांचल की राजनीति में अंसारी परिवार का भी वर्चस्व रहा है. मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी इसी परिवार के हैं. मुख्तार अंसारी के दादा मुख्तार अहमद अंसारी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं. उनके चाचा हामिद अंसारी देश के उपराष्ट्रपति रहे. मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से सांसद हैं. वहीं, उनके बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी भी विधायक रह चुके हैं. बीते दिनों उन्होंने बसपा छोड़कर सपा का दामन थाम लिया था.

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कल्याण सिंह का परिवार

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह अब इस दुनिया में नहीं हैं. पिछले साल 2021 में उनका निधन हो गया. उनके बेटे राजवीर सिंह इस समय एटा से सांसद है. वहीं, उनका पोता संदीप सिंह योगी सरकार में राज्यमंत्री हैं. इस तरह से कल्याण सिंह की तीसरी पीढ़ी भी सियासत में अपना दबदबा बनाए हुए है.

‘प्रसाद’ परिवार

जितिन प्रसाद का भी नाम इस लिस्ट में शामिल हैं. वह अपने पिता जितेंद्र प्रसाद की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. जितिन प्रसाद ने 2021 में कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. मौजूदा समय में वह विधान परिषद के सदस्य हैं. उन्हें योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया है.

‘अग्रवाल’ परिवार

नरेश अग्रवाल यूपी की सियासत का जाना पहचाना नाम है. नरेश अग्रवाल वैश्य समाज का प्रमुख चेहरा रहे हैं. अब उनके बेटे नितिन अग्रवाल उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. नितिन अग्रवाल को यूपी विधानसभा का उपसभापति बनाया गया है.

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राजनाथ सिंह का परिवार

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह इस समय देश के रक्षा मंत्री हैं. इससे पहले उन्होंने गृहमंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी. राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह भी नोएडा से विधायक हैं. वह भी अपने पिता की राजनीतिक विरासत को बढ़ाने का काम कर रहे हैं.

आजम खान का परिवार

सपा सांसद मोहम्मद आजम खान रामपुर से 9 बार विधायक निर्वाचित हुए हैं. सबसे पहले उन्हें 1980 में जीत मिली थी. इसके बाद वह 1985, 1989, 1991 और 1993 में लगातार विधायक निर्वाचित हुए. हालांकि 1996 में कांग्रेस के अफरोज अली खान जीत दर्ज करने में कामयाब रहे, लेकिन इसके बाद 2002 से 2017 तक एक बार फिर आजम खान रामपुर से लगातार चार बार विधायक चुने गए. हालांकि सांसद बनने के बाद इस सीट से अब उनकी पत्नी तजीन फात्मा विधायक हैं. उनका बेटा अब्दुल्लाह आजम खान स्वार सीट से विधायक बने हैं. वह अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं.

Posted By: Achyut Kumar

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