सरकार नहीं, DG VK Anand से है शिक्षकों को दिक्कत, हजारों टीचर ने निदेशालय घेरा तो बैकफुट पर आया शासन, अब ये ..
शिक्षक महासंघ के बैनर तले निदेशालय पहुंचे शिक्षकों ने माइक और लाउड स्पीकर पर खुलेआम यह आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग के आला अधिकारी महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद तानाशाही दिखा रहे हैं. झूठा प्रचार कर रहे हैं कि सरकार शिक्षक से नाराज है. शिक्षकों ने कहा कि वह सरकार से नहीं डीजी से नाराज हैं.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के माध्यमिक और बेसिक स्कूलों के शिक्षकों ने शिक्षक महासंघ ने बैनरतले महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की कार्यप्रणाली के विरोध में जोरदार धरना प्रदर्शन किया. राजधानी के निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय की जिस इमारत में शिक्षक डरते हुए कदम रखते थे, आज वहां अधिकारी शिक्षकों के आगे डरे- सहमे बैठे रहे. एक दिन की छुट्टी लेकर पूरे प्रदेश से हजारों की संख्या में पहुंचे शिक्षकों ने निदेशालय में महापड़ाव डाल दिया. बार- बार ज्ञापन देने के बाद भी समस्या- मांग पूरी नहीं होने तथा महानिदेशक स्कूल शिक्षा का शिक्षकों के प्रति तानाशाही वाले रवैया और कार्यप्रणाली से आक्रोशित शिक्षक महासंघ के सदस्यों ने बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव कर सबकुछ ठप कर दिया. अधिकारियों- कर्मचारियों में अफरातफरी मच गई. कई अधिकारी कैद होकर रह गए. कुछ तो शासन स्तर की बैठकों में भाग लेने के लिए अपने चैंबर से निकल ही नहीं पाए. शिक्षकों की संख्या के आगे निदेशालय का पूरा परिसर छोटा पड़ गया था. बाहर सड़क पर भी शिक्षक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली के खिलाफ मोर्चा खोले खड़े नजर आ रहे थे. हालांकि इस महाजुटान के दौरान शिक्षकों ने बड़े अनुशासन और धैर्य दिखाया. कहीं कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.
शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि हजारों शिक्षकों की उपस्थिति के बाद भी महानिदेशक स्कूल शिक्षा दोपहर 1 बजे तक कार्यालय नहीं आए, जिससे नारा शिक्षक नेताओं ने मंच से घोषणा की कि यदि 2 बजे तक महानिदेशक वार्ता के लिए नहीं आते हैं तो शिक्षक समुदाय विधानसभा की ओर प्रस्थान करेगा. शिक्षक नेताओं की घोषणा के बाद तुरंत महानिदेशक वहां पहुंच गए. महासंघ के प्रतिनिधियों को बुलाकर वार्ता की. वार्ता में उपार्जित अवकाश, अतः जनपदीय स्थानांतरण, निशुल्क चिकित्सा सुविधा आदि सभी बिंदुओं पर वार्ता हुई और सहमति बनी की सभी मांगों पर शासन द्वारा आदेश निर्गत किया जाएगा. आगामी 16 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश शासन में वार्ता होगी.
वार्ता के बाद शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि धरना एक माह के लिए स्थगित किया जाता है . इस दौरान यदि शिक्षकों की मांगों का निराकरण नहीं किया जाता है तो एक माह बाद फिर से धरना किया जाएगा. वार्ता में शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश शर्मा, संयोजक एवं पूर्व एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी, एमएलसी एवं विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी पूर्व एमएलसी हेमसिंह पुण्डीर, सुभाष शर्मा, जगबीर किशोर जैन उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री संजय सिंह, माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री नरेंद्र कुमार वर्मा, प्राथमिक शिक्षक संघ को कोषाध्यक्ष शिव शंकर पांडे, संगठन मंत्री सुधांशु मोहन, संजीव शर्मा, यशपाल सिंह आदि उपस्थित रहे.
इन मांगों को पूरा न होने पर विधान सभा घेरेंगे शिक्षकपुरानी पेंशन बहाली, राज्य कर्मचारियों की भांति उपार्जित अवकाश, द्वितीय शनिवार अवकाश, प्रतिकर अवकाश, कैशलेस चिकित्सा, प्रत्येक विद्यालय में प्रधानाध्यापक की पदोन्नति एवं तैनाती, सभी शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान, 10 लाख रुपए का सामूहिक बीमा, अंतर्जनपदीय एवं अंत: जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण माध्यमिक शिक्षकों की सेवा सुरक्षा से संबंधित धारा 21 को शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम में सम्मिलित करने आदि मांग को लेकर प्रदेश के हजारों बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षकों ने उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के बैनर तले महानिदेशक स्कूल शिक्षा पर धरना देकर शीघ्र ही समस्याओं के निराकरण की मांग की.
शिक्षकों की भीड़ देख घबराए डीजी ने जारी किया ये आदेश…हजारों की संख्या में शिक्षकों का जुटान से शिक्षा विभाग के अधिकारी घबरा गए हैं. एक अरसे बाद निदेशालय पर शिक्षकों ने अपनी प्रभावी एकजुटता और शक्ति का प्रदर्शन किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने मंगलवार को प्रदेश भर में चेकिंग कर शिक्षकों की हाजिरी की जांच करने के निर्देश दिए हैं. सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से लेकर सभी जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट्स) के प्राचार्यों एवं खण्ड शिक्षा अधिकारियों से इस बात की नाराजगी प्रकट की है कि एक साथ एक ही दिन में इतनी अधिक संख्या में शिक्षकों को निदेशालय के घेराव के लिए अवकाश कैसे स्वीकृत कर दिया गया. सामूहिक अवकाश की सूचना महानिदेशालय को क्यों नहीं दी गई थी. डीजी ने 10 अक्तूबर को सुबह नौ बजे सभी विद्यालयों में स्थलीय निरीक्षण कराने के साथ ही कार्रवाई करने का पत्र लिखा है. हालांकि शिक्षक संघ के एक नेता ने बताया कि यदि डीजी ने बदले की भावना से कार्रवाई की तो शिक्षक शांत नहीं बैठेंगे.
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद द्वारा प्रदेश के अधिकारियों में भ्रम फैलाया जा रहा है कि सरकार शिक्षकों से नाराज है, इसलिए शिक्षकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए. इसी भ्रम में प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी ,बेसिक शिक्षकों को अपमानित एवं उत्पीड़न कर रहे हैं. डॉक्टर शर्मा ने कहा कि महानिदेशक प्रति दिन शिक्षकों को नुकसान करने वाले निर्देश जारी करते हैं, जिससे प्रदेश भर का शिक्षक महानिदेशक की कार्यप्रणाली से नाराज है. प्रदेश भर से आए हजारों शिक्षकों ने शिक्षा निदेशालय पर उपस्थित होकर स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश भर के शिक्षक सरकार से नाराज नहीं हैं, बल्कि महानिदेशक से नाराज हैं.डॉ दिनेश चंद्र शर्मा , अध्यक्ष शिक्षक महासंघ उत्तर प्रदेश
माध्यमिक शिक्षकों की सेवा सुरक्षा संबंधी धारा 21 सेवा चयन आयोग से हटाकर शिक्षकों को प्रबंध तंत्र का गुलाम बनाने का प्रयास किया जा रहा है. प्रदेश का शिक्षक उसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा.विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा किए जा रहे शिक्षक विरोधी कार्यो की जानकारी मुख्यमंत्री से भेंट करके दी जाएगी. उन्होंने कहा कि शिक्षकों का अपमान करने वाले अधिकारियों का विरोध किया जाएगा.सुरेश कुमार त्रिपाठी , संयोजक शिक्षक महासंघ , उत्तर प्रदेश