लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण से शनिवार को तीन और लोगों की मौत हो गयी, जिससे प्रदेश में कोविड-19 के कारण मरनेवालों की संख्या बढ़ कर 204 हो गयी है. उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को बताया कि अब तक कुल 4462 लोग पूरी तरह ठीक होकर अपने घर वापस जा चुके हैं. कोरोना वायरस से अब तक प्रदेश में 204 लोगों की मौत हुई है.
Total 4,462 #COVID19 patients have recovered till date. Death toll in the state stands at 204. Recovery rate is at 59%: State Principal Secretary (Health), Amit Mohan Prasad pic.twitter.com/FjS2KieOp3
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 30, 2020
प्रदेश में रिकवरी रेट लगभग 59% चल रहा है. शुक्रवार को 8659 सैंपल की टेस्टिंग हुई और 9091 सैंपल विभिन्न प्रयोगशालाओं को भेजे गये. हमारी टेस्टिंग की क्षमता लगातार बढ़ रही है. अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में जो माइग्रेंट वर्कर्स आ रहे हैं और जो होम क्वारंटाइन में हैं, उनको होम क्वारंटाइन का बहुत मजबूती से पालन करना है. निगरानी समितियों को मजबूती से इसका पालन करवाना है.
23 करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में हम बहुत हद तक कोरोना संक्रमण को रोकने में सफल रहे हैं। यह समाज और निगरानी समितियों के सहयोग से ही सम्भव हुआ है. जो लोग अपना दायित्व समझ कर मास्क लगा रहे हैं, सोशल डिस्टेंसिंग अपना रहे हैं, दो गज की दूरी मेनटेन कर रहे हैं, साबुन व पानी से हाथ धुल रहे हैं, वे इस संक्रमण से अपना और दूसरों का भी बचाव कर रहे हैं.
जिन लोगों के पास अपने घर में होम क्वारंटाइन की व्यवस्था नहीं है, उसको सरकार के द्वारा इंस्टीट्यूशनल कोरेंटिन में रखा जायेगा. अगर किसी के पास होम कोरेंटिन के लिए अपनी कोई व्यवस्था नहीं है, तो उनके साथ कोई जोर-जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए, ना ही गांव के लोग उन्हें कहीं बाहर रख सकते हैं. अगर किसी के साथ ऐसी कोई समस्या है तो उनके होम कोरेंटिन की व्यवस्था किसी विद्यालय में या ग्राम पंचायत घर में होनी चाहिए और वहां सरकार द्वारा निःशुल्क भोजन की व्यवस्था भी की जायेगी.
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उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से घबराने की जरूरत नहीं है. बड़ी संख्या में लोग उपचारित होकर घर जा रहे हैं. 95% मामलों में कोई कॉंप्लिकेशन नहीं होती है. केवल 5% में कॉम्प्लिकेशन तभी होती हैं, जब लोग विलंब से अपनी जांच कराते हैं. अगर व्यक्ति समय से अपनी जांच और इलाज कराये तो इस बीमारी से किसी भी प्रकार से घबराने की आवश्यकता नहीं है.