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यूपी में 12 मीटर चौड़ी सड़क किनारे बना सकेंगे तीन मंजिला अपार्टमेंट, पार्किंग के साथ पूरी करनी होगी ये शर्तें

आवास विकास की लखनऊ स्थित इंदिरानगर में मेट्रो एवं गाजियाबाद के वसुंधरा योजना में रैपिड रूट के दोनों तरफ 500-500 मीटर दायरे में ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलमेंट के तहत ऊंची इमारतें बन सकेंगी. लखनऊ में इंदिरानगर एवं गाजियाबाद में वसुंधरा योजना के सेक्टर सात एवं आठ में नीचे माॅल और ऊपर मकान बन सकेंगे.

Lucknow News: उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने विभिन्न शहरों में अपनी कॉलोनी के भूखंडों को लेकर अहम फैसला किया है. इसके तहत कॉलोनी में 12 मीटर सड़क किनारे खाली पड़े या बने हुए मकान की जगह तीन मंजिला अपार्टमेंट बना सकेंगे. शर्त ये होगी कि इसके लिए भूखंड मालिक को अपार्टमेंट के नीचे ही पार्किंग के लिए जमीन छोड़ने पड़ेगी. इस तरह यह अपार्टमेंट जी-3 आकार में बन सकेगा. आवास विकास के बोर्ड ने इसे अपनी मंजूरी दे दी है. अपर आवास आयुक्त एवं सचिव नीरज शुक्ला के अनुसार, 12 मीटर चौड़ी सड़क पर तीन मंजिला अपार्टमेंट बनाने के लिए स्वामी को भूखंड की वर्तमान दर से कीमत का 50 फीसदी शुल्क चुकाना पड़ेगा. इस अपार्टमेंट की ऊंचाई 15 मीटर से ज्यादा नहीं होगी. स्वामी को अपार्टमेंट को बनाने से पहले आवास विकास परिषद से उसका नक्शा मंजूर कराना पड़ेगा. अहम बात है कि स्वामी को सु​विधा होगी कि वह अपार्टमेंट के अलग-अलग तल को बेच भी सकेगा. इस योजना के सिलसिले में जलसंस्थान, नगर निगम, बिजली विभाग आदि की एक कमेटी गठित की गई है, यह कमेटी अपार्टमेंट बनाने का मूल्यांकन करेगी.

लखनऊ में 10 हजार करोड़ की लागत से विकसित की जाएगी टाउनशिप

एक अन्य अहम फैसल के तहत वाराणसी के लालबहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 374 हेक्टयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. साथ ही, लखनऊ में 844 हेक्टेयर में 10 हजार करोड़ की लागत से टाउनशिप विकसित की जाएगी.

पांच साल से नहीं बिकी संपत्तियों की ऐसे होगी नीलामी

आवास विकास ने अनसोल्ड संपत्ति को बेचने का नया फंडा निकाला है. प्रदेश भर में अनुमानित कीमत 3500 करोड़ रुपए की लगभग 525 ऐसी संपत्तियां जो पिछले पांच साल नहीं बिक रही हैं, उन्हें अगली नीलामी में एक ही बोली आने पर भी नीलाम कर दिया जाएगा. ऐसी संपत्ति 183 मेरठ, 129 लखनऊ, 83 आगरा, 71 कानपुर, 53 बरेली आदि में हैं.

ऊंची इमारतों के निर्माण का रास्ता साफ

आवास विकास की लखनऊ स्थित इंदिरानगर में मेट्रो एवं गाजियाबाद के वसुंधरा योजना में रैपिड रूट के दोनों तरफ 500-500 मीटर दायरे में ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलमेंट के तहत ऊंची-ऊंची इमारतें बन सकेंगी. इस प्रस्ताव के मंजूर होने के बाद लखनऊ में इंदिरानगर एवं गाजियाबाद में वसुंधरा योजना के सेक्टर सात एवं आठ में रूट के दोनों तरफ नीचे माॅल और ऊपर मकान बन सकेंगे. इनमें भूखंड के 70 फीसदी हिस्से पर व्यावसायिक एवं 30 फीसदी पर आवासीय निर्माण हो सकेगा. ऐसी इमारतों की ऊंचाई एफएआर के आधार पर तय होगी.

आठ फीसदी ब्याज के साथ किया जाएगा रिफंड

इसे साथ ही आवास विकास परिषद ने अपनी नियमावली में बदलाव किया है. दरअसल आवंटियों का 8 फीसदी ब्याज सहित रकम का रिफंड आवास विकास ने विवादों के कारण प्रदेश भर में जिन आवंटियों को अब तक आवंटित भूखंड का कब्जा नहीं दे सका है, उनको जमा की गई रकम के साथ आठ फीसदी ब्याज के साथ रिफंड करेगा. ऐसे आवंटियों को अब भूखंड के बदले में भूखंड नहीं मिल सकेगा.आवंटित संपत्ति के निरस्त होने पर उसकी पुर्नबहाली महज दो माह के भीतर ही हो सकेगी. इसके बाद जो आवेदक आवेदन करेंगे तो निरस्त कर दिए जाएंगे. आवास विकास ने नियमावली में बदलाव करके यह प्रावधान किया है.

इन अहम प्रस्तावों को मिली मंजूरी

  • वाराणसी में जीटी रोड बाइपास योजना के बीएचयू के पास रोड को कनेक्ट करने के लिए निबिया गांव के 26 खसरों की जमीन लगभग 4.8 हेक्टेयर को अधिग्रहित करने की मंजूरी

  • उन्नाव में 581 एकड़ पर टाउनशिप को विकसित करने की मंजूरी दी गई है. पूर्व में इस योजना से 100 से 150 एकड़ जमीन कम करने का योजना थी.

  • मेरठ की जागृति योजना जिन किसानों की जमीन पर है, उनको 5 फीसदी दी गई विकसित जमीन का शुल्क न जमा किये कारण सभी का ब्याज माफ कर दिया गया है.

  • आवास विकास में 157 लेखा संवर्ग के अधिकारियों व कर्मचारियों के पदों पर होगी भर्ती, इनके कुल 261 पदों में से महज 21 अधिकारी एवं कर्मचारी ही बचे थे.

  • आवास विकास 10 हजार करोड़ रुपए का लोन लेगा.

  • आवास विकास कर्मचारी अब स्टाफ भवनों को 10 साल तक बेच नहीं सकेंगे.

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