Travel : जब लोहिया पार्क में लगा घुमक्कड़ों का ‘ मेला ‘, अवध की शाम में ‘ घुमक्कड़ी जिन्दाबाद ‘ का नारा बुलंद
Travel : घुमक्कड़ों ने नवाबों के शहर की शाम को एकदम फक्कड़ी अंदाज में जीया. अवध की एक शाम 1090 सर्किल पर फूड वॉक कर गुजारी.
लखनऊ . ” सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ,
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ … “
ख़्वाजा मीर दर्द मीर के कहे इस शेर को अपने जीवन में उतारकर घुमक्कड़ी की अथाह जिज्ञासा लिए लखनऊ और दूर दराज के शहरों के घुमक्कड़ उत्तर प्रदेश की राजधानी स्थित लोहिया पार्क में इकठ्ठा हुए. बीती शाम को आसपास के शहरों से मीटअप करने पहुंचे इन घुमक्कड़ों ने नवाबों के शहर की शाम को एकदम फक्कड़ी अंदाज में जीया. अवध की एक शाम 1090 सर्किल पर फूड वॉक कर गुजारी. जी को ललचाते मोमोज ,कुल्फी, पटेटो टॉरनेडो का भरपूर स्वाद लिया.
समूह के एक लाख सदस्य पूरे होने पर मीट‘ घुमक्कड़ी जिन्दाबाद ‘ समूह के एक लाख सदस्य पूरे होने की खुशी में लखनऊ के लोहिया पार्क में इस मीट अप के सूत्रधार शेलैष कुमार और नेहा अग्रवाल नेह रहे. कम समय में ही बहुत सारे घुमक्कड़ खबर मिलते ही एकत्र हो गये. और फिर सबने केक काट कर इस यादगार पल को सेलिब्रेट किया. ‘घुमक्कड़ी जिन्दाबाद ‘ लखनऊ सम्मेलन में लखनऊ के अलावा कानपुर ,दिल्ली ,बाराबंकी ,सन्डीला आदि से भी लोग सम्मिलित हुए थे.
Also Read: Dudhwa National Park: बच्चों को फ्री एंट्री, पर्यटक 500 रु में हाथी पर बैठ देखेंगे बाघ, 200 में जिप्सी से सैर यूपी की नैसर्गिक सुंदरता को करेंगे एक्सप्लोरएक शाम के इस सम्मेलन में जुटे घुमक्कड़, ब्लॉगर, यूट्यूबर, फोटोग्राफर, पर्वतारोही और प्रकृति प्रेमियों ने पर्यटन (Tourism) को बढ़ावा देने और यूपी की नैसर्गिक सुंदरता को दुनिया के सामने एक्सप्लोर करने के लिए अपने- अपने विचार साझा किए. सम्मेलन के दौरान सभी अतिथियों ने लखनऊ को करीब से देखा. यहां की संस्कृति और खानपान को जाना. आयोजन के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए अतिथियों का स्वागत लखनवी अंदाज में किया गया. सम्मेलन के दौरान सभी अतिथियों ने लोहिया पार्क और आसपास के विभिन्न पर्यटक पॉइंट को भी देखा.
पर्यटकों की ऐसे मदद करता है ‘घुमक्कड़ी जिन्दाबाद ‘सम्मेलन लखनऊ निवासी लेखिका नेहा अग्रवाल नेह ने बताया कि ‘घुमक्कड़ी जिन्दाबाद ‘ समूह के एक लाख सदस्य पूरे होने की खुशी में मीट अप हुआ है. इसमें देश-विदेश की जानकरी घर बैठे मिल जाती है. कहीं घूमना हो तो उसके बारे में लोग सटीक सलाह भी देते हैं. किसी भी स्थान पर इसके सदस्य मदद को तैयार रहते हैं. वह कहती है कि जल्दी ही ‘लखनऊ की सैर ‘ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इसमें साइकिल या अन्य माध्यम से लखनऊ शहर की सैर की लोगों को घूमने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
साझा किए अपने- अपने अनुभवलेखिका नेहा अग्रवाल नेह , बस्ती निवासी वेनिफिर,, माइक्रो बायलॉजी में पीएचडी कर रहीं कविता, टैवल्स कंपनी संचालक शैलेश, अभिनव, प्रवीन पॉल और राहुल ने ग्रुप ट्रैवलिंग और सोलो जर्नी को लेकर अपने- अपने विचार रखे.