लखनऊ : हापुड़ और मेरठ में मंगलवार को कोरोना वायरस ने दो और लोगों की जान ले ली. इसके बाद उत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण से मरनेवालों की संख्या बढ़ कर 82 हो गयी. वहीं, संक्रमितों की संख्या साढ़े तीन हजार के पार चली गयी है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक प्रदेश में हापुड़ और मेरठ जिले में कोविड-19 संक्रमित दो और लोगों की मौत हो गयी.
प्रदेश में सबसे ज्यादा 24 मौतें आगरा में हुई हैं. उसके बाद मेरठ में 14, मुरादाबाद में सात, कानपुर नगर में छह, फिरोजाबाद और मथुरा में चार-चार, अलीगढ़ में तीन, गाजियाबाद, झांसी और गौतम बुद्ध नगर में दो-दो तथा हापुड़, ललितपुर, प्रयागराज, एटा, मैनपुरी, बिजनौर, कानपुर देहात, अमरोहा, बरेली, बस्ती, बुलंदशहर, लखनऊ, वाराणसी और श्रावस्ती में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है. प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 संक्रमण के 112 नये मामले सामने आये हैं. इस तरह राज्य में अब तक संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ कर 3,664 हो गयी है. इनमें से 1,873 रोगी ठीक हो कर घर जा चुके हैं.
प्रदेश में इस वक्त कोरोना वायरस से संक्रमित 1,709 मरीजों का इलाज चल रहा है. इसके पूर्व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक, जब से कोरोना वायरस संक्रमण फैला है, सोमवार शाम पहली बार ये स्थिति आयी कि ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी पानेवालों की संख्या 1,758 थी और संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 1,735 थी. मंगलवार को भी यही स्थिति रही. यह अच्छे लक्षण हैं.
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 53,459 पृथक बेड और 1260 बेड वेंटिलेटर की सुविधा के साथ है. पृथक केंद्रों में इस समय 9,515 लोग हैं. उन्होंने बताया कि सोमवार को कुल 4,754 नमूनों की जांच की गयी. उन्होंने कहा कि हम आरोग्य सेतु ऐप का लगातार उपयोग कर रहे हैं. देश में बड़ी भारी संख्या में लगातार लोग उसे डाउनलोड कर रहे हैं. उसका लाभ भी देखने को मिल रहा है. उससे जितने अलर्ट मिल रहे हैं, उन्हें जिलों को उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि जिलों में लोगों से संपर्क कर उनका हालचाल पूछा जा सके.
प्रमुख सचिव ने बताया कि इसके अलावा लखनऊ मुख्यालय स्थित नियंत्रण कक्ष से भी लगातार लोगों को फोन किया जा रहा है. अब तक 2,722 लोगों को फोन किया गया. उनमें से दस लोग संक्रमित निकले, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि निगरानी टीम हॉटस्पाट एवं गैर हॉटस्पाट क्षेत्रों में लगातार सर्वेक्षण कर लोगों से संपर्क कर रही हैं. अगर किसी में किसी तरह का लक्षण है, तो उनके परीक्षण के लिए सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दी जा रही है. जहां आवयश्कता हुई, लोगों को चिकित्सालयों में भर्ती कराया गया है.
प्रसाद ने कहा कि प्रवासी कामगार रोज भिन्न-भिन्न राज्यों से लौट रहे हैं. पृथकवास में रखे गये श्रमिकों एवं कामगारों को लेकर कई जिलों से सूचना प्राप्त हो रही है कि उनमें से कुछ संक्रमित हैं. उन्होंने कहा कि बहुत जरूरी है कि 21 दिन घर पर पृथकवास में रहने का कड़ाई से पालन कराया जाये. उन्होंने कहा कि वे अगर 21 दिन घर पर रहते हैं और बाहर नहीं निकलते, तो किसी तरह का संक्रमण नहीं फैलेगा. जिन लोगों को लक्षण नहीं होने के कारण घर में ही पृथकवास में भेजा गया है, उनसे अनुरोध है कि वे घरों में भी बुजुर्ग, पहले से बीमार लोगों और गर्भवती महिला से दूरी बना कर रखें, क्योंकि उन्हें संक्रमित होने पर ज्यादा कठिनाई का सामना करना पड़ता है. ऐसे लोगों को हर हाल में बचाने की जरूरत है.