UP Cabinet Decision: यूपी के लोगों को मिलेगी सस्ती बिजली, कैबिनेट ने सोनभद्र में ओबरा डी परियोजना को दी मंजूरी

एनटीपीसी और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी में ओबरा डी परियोजना शुरू होगी. यह प्रदेश की पहली अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल यूनिट होगी. इसमें एडवांस टेक्नोलॉजी और अधिक एफिशिएंसी से बिजली की उत्पादन लागत कम होगी.

By Amit Yadav | July 11, 2023 5:02 PM
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लखनऊ: योगी सरकार ने प्रदेश में उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मुहैया कराने के प्रयास शुरू कर दिए हैं.मंगलवार को लोकभवन में सीएम योगी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में सोनभद्र के ओबरा में लगभग 18 हजार करोड़ की लागत से 800-800 मेगावाट की 2 तापीय परियोजनाओं ‘ओबरा डी’ को मंजूरी दी गयी. इन परियोजनाओं को एनटीपीसी के साथ 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी में पूर्ण किया जाएगा.

एडवांस टेक्नोलॉजी को होगा प्लांट

इस परियोजना में 30 प्रतिशत की इक्विटी दी जाएगी. जबकि 70 प्रतिशत राशि का प्रबंध वित्तीय संस्थानों से किया जाएगा. खास बात ये होगी कि यह राज्य की पहली अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल यूनिट होगी. ऐसा प्लांट अब तक प्रदेश में नहीं बना है. इस तरह के प्लांट की टेक्नोलॉजी एडवांस होती है. इनकी एफिशिएंसी काफी ज्यादा होती है और कोयले की खपत भी काफी कम होती है. इसके चलते कॉस्ट में भी कमी आती है.

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50 महीने में तैयार हो जाएगी पहली यूनिट

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि बिजली की खपत बढ़ रही है. आगे भी ये लगातार बढ़ती जाएगी. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हमने एनटीपीसी के साथ ओबरा में एक तापीय प्लांट लगाने का समझौता किया था. इसी समझौते के तहत प्रदेश सरकार और एनटीपीसी ने प्लांट शुरू करने का निर्णय लिया है. यह प्लांट लगभग 500 एकड़ की जमीन पर बनेगा और यदि आगे और जमीन की जरूरत होगी तो उसकी भी व्यवस्था कर ली जाएगी. पहली यूनिट के 50 महीने में और दूसरी यूनिट के 56 महीने में तैयार होने का लक्ष्य है।

एक रुपए प्रति यूनिट सस्ती पड़ेगी बिजली

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि थर्मल सेक्टर में हमारी क्षमता 7 हजार मेगावाट है. ये दो प्लांट इसके लगभग एक चौथाई के बराबर बनने जा रहे हैं. हमें उम्मीद है कि यह प्लांट न सिर्फ प्रदेश का बल्कि पूरे देश का एनर्जी हब बन सकता है. उन्होंने बताया कि अच्छी बात ये है कि बगल में ही कोल माइंस एनसीएल है. जहां से इन प्लांट को कोयला मिलेगा.

इस प्लांट से हम 4.79 रुपए प्रति यूनिट बिजली

कोयले की खपत के साथ-साथ ढुलाई में भी कम खर्च होने से काफी बचत होगी. फिलहाल हम 5.50 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीदते हैं. जबकि इस प्लांट से हम 4.79 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीद पाएंगे. यानि हम उपभोक्ताओं को एक रुपए प्रति यूनिट सस्ती उपलब्ध करा पाएंगे.

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