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उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर टिप्पणी का यूपी में विरोध, केशव मौर्य बोले- विद्वेष पैदा करने का असफल प्रयास

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की 'सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए' वाली टिप्पणी पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि देश की सामाजिक समरसता में जहर घोलने वाले लोगों को इससे कुछ नहीं मिलेगा. राजनीतिक नेताओं को इससे बचना चाहिए.

Udhayanidhi Stalin Sanatana Dharma Remark Reaction: तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर दी गई टिप्पणी को लेकर उत्तर प्रदेश में भी मामला गरमा गया है. सियासी दलों के नेताओं से लेकर धार्मिक संस्थाओं से जुड़े लोग और धर्माचार्य आदि इस पर कड़ी नाराजगी जता रहे हैं.

धार्मिक टिप्पणी समुदाय में द्वेष पैदा करने का असफल प्रयास

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए’ वाली टिप्पणी पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि देश की सामाजिक समरसता में जहर घोलने वाले लोगों को इससे कुछ नहीं मिलेगा. राजनीतिक नेताओं को इससे बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह की धार्मिक टिप्पणी समुदाय में द्वेष पैदा करने का एक असफल प्रयास है. मैं इसकी निंदा करता हूं.

सनातन धर्म का वास्तविक अर्थ नहीं समझते हैं उदयनिधि स्टालिन

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए’ वाली टिप्पणी पर राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि सनातन धर्म को किसी भी कीमत पर खत्म नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म सदियों से अस्तित्व में है और रहेगा. वह उदयनिधि स्टालिन ‘सनातन धर्म’ का वास्तविक अर्थ नहीं समझते हैं, वह जो भी कह रहे हैं वह बिल्कुल गलत है.

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धर्मेंद्र प्रधान ने काशी-तमिल संगमम् की दिलाई याद

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि तमिलनाडु में कुछ लोगों की असलियत सामने आने लगी है.अभी कुछ दिन पहले हमने काशी-तमिल संगमम् का आयोजन किया. तमिलनाडु के हर गांव में भगवान विश्वनाथ का स्मृति है. ‘सनातन’ शाश्वत है, इन राजनीतिक टिप्पणियों के कुछ नहीं होने वाला है.

धर्म का राजनीतिकरण करने के लिए भाजपा नेता जिम्मेदार

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि यह देश सभी धर्मों का सम्मान करने के लिए जाना जाता है. हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष है क्योंकि हमारे देश में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं ताकि देश एकजुट रहे. लेकिन, पिछले नौ वर्षों में भाजपा ने धर्म का राजनीतिकरण किया है. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि कोई भी सामने आता है और धर्म के बारे में कुछ भी कहता है, जिसने यह कहा वह गलत है. लेकिन, धर्म का राजनीतिकरण करने के लिए भाजपा के नेता जिम्मेदार हैं.

प्रधानमंत्री के बजाय सनातन धर्म से लड़ रहा विपक्ष का गठबंधन

सनातन धर्म को खत्म करने वाली टिप्पणी पर हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने उदयनिधि स्टालिन को आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि मंत्री को समझना चाहिए की सनातन धर्म कोई टॉफी या बताशा नहीं है, जो मुंह में डाला और गल जाएगा. सनातन धर्म सदियों से अस्तित्व में है और रहेगा. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि जितने भी India National Developmental Inclusive Alliance( I.N.D.I.A) गठबंधन से जुड़े लोग हैं, वो पीएम मोदी की बजाय सनातन धर्म से लड़ रहे हैं. उनका उद्देश्य सनातन धर्म को खत्म करना है.

उन्होंने कहा कि यह लड़ाई मोदी और इंडिया गठबंधन की नहीं है. यह लड़ाई अब विचारधाराओं और सुर-असुर की हो गई है. उन्होंने कहा कि मैं सुर-असुर की लड़ाई इसलिए बोल रहा हूं कि एक गठबंधन के लोग हैं, जो सावन में ही मांस खाना शुरू कर देते हैं. वहीं, एक है हिंदू सनातनी को बचाना चाहता है. हम कभी भी स्टालिन विचारधारा को निशाना नहीं बनाते हैं या ईसाई धर्म या इस्लाम पर टिप्पणी नहीं करते हैं, फिर वे ‘हिंदू सनातन’ को क्यों निशाना बना रहे हैं.

विवाद बढ़ने पर दी सफाई

इस बीच तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए’ वाली टिप्पणी पर डीएमके की ओर से सफाई दी गई है कि हमारे नेता उदयनिधि के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है, संदर्भ से बाहर कर दिया गया है. जब हम कहते हैं कि हम ‘सनातन धर्म’ को खत्म करना चाहते हैं तो इसका मतलब है कि हम कठोर जाति व्यवस्था को खत्म करना चाहते हैं

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