लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को कार्ययोजना बनाकर बड़ा चिकित्सकीय जांच अभियान चलाने का सोमवार को निर्देश दिया. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि निरुद्ध क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी जांच का कार्य किया जाए और इसके लिए टीमों की संख्या में वृद्धि करते हुए लगभग एक लाख से अधिक टीम गठित की जाएं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां लोक भवन में एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण तथा शहरी इलाकों में प्रत्येक सप्ताह टीम द्वारा निर्धारित क्षेत्रों में जांच की जाए और जांच टीम को पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा सेनेटाइजर आदि अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाए. कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना के कार्य को तेज किए जाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रियों द्वारा कोविड हेल्प डेस्क का निरीक्षण किया जाए.
इसी प्रकार अपर मुख्य सचिव गृह तथा पुलिस महानिदेशक, पुलिस विभाग के विभिन्न संस्थानों में स्थापित कोविड हेल्प डेस्क की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करें. उन्होंने जांच क्षमता को बढ़ाकर 25 हजार जांच प्रतिदिन किए जाने के निर्देश दिए और कहा कि इस संबंध में वैकल्पिक जांच व्यवस्था के तहत एन्टीजीन टेस्ट आदि को आवश्यकतानुसार अपनाए जाने पर विचार किया जाए.
मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले में विशेष सचिव स्तर के एक अधिकारी की तैनाती के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि यह अधिकारी जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ समन्वय कर कोविड एवं गैर कोविड चिकित्सालयों, एम्बुलेंस सेवा, सर्विलांस की कार्रवाई सहित सम्पूर्ण चिकित्सा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने में सहयोग करेंगे.
सीएम योगी ने कहा कि अस्पतालों में भर्ती रोगियों को निश्चित समय पर दवा, भोजन तथा नाश्ता आदि उपलब्ध कराया जाए. मरीजों को पीने के लिए गुनगुने पानी की व्यवस्था की जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि डॉक्टर तथा नर्सिंग स्टाफ नियमित राउण्ड लें. मरीजों की निरंतर निगरानी की जाए. उन्होंने टेलीविजन तथा रेडियो आदि के माध्यम से आमजन को संक्रमण के संबंध में जागरुक बनाने के निर्देश दिए. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संक्रमण से बचाव तथा उपचार हेतु की गयी व्यवस्था की जानकारी भी लोगों को दी जाए.
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने सोमवार को निर्देश दिये कि महिला संरक्षण गृह, नारी निकेतन, अनाथालय एवं बाल सुधार गृह जैसी सामाजिक संस्थाओं में कोविड-19 की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए विशेष सावधानियां बरती जाएं. उन्होंने कहा कि संस्थान में प्रवेश से पूर्व प्रत्येक कर्मचारी और व्यक्ति की प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग की जाए और इसके साथ ही संस्थान के प्रवेश द्वारा पर सेनिटाइजर की भी व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि संस्था में सर्दी, जुकाम, बुखार से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को प्रवेश न दिया जाए.
मुख्य सचिव तिवारी ने सोमवार को जारी एक बयान में बताया कि ये निर्देश संस्थाओं में कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु समाज कल्याण तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव को परिपत्र जारी कर दिये हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को रोकना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि संस्थाओं में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु अंतःवासियों को मास्क, दुपट्टा, गमछा अथवा रुमाल आदि का प्रयोग अनिवार्य रूप से करने के लिए निर्देश दिये जाये.