यूपी के 11 जिलों को “शहरी निर्यात उत्कृष्टता” के रूप में किया गया पुरस्कृत, वाराणसी, नोएडा शामिल

यूपीः केंद्र सरकार ने भारत की नई विदेश व्यापार नीति (एफटीपी)-2023 पेश कर दी है. भारत के निर्यात उत्कृष्टता के 43 शहर उत्तर प्रदेश से हैं. मोदी सरकार ने रविवार को यूपी के तीन और जिलों वाराणसी, मिर्जापुर और मुरादाबाद को टाउंस ऑफ एक्सीलेंस की श्रेणी में रखने की घोषणा की.

By Prabhat Khabar News Desk | April 3, 2023 8:49 AM

यूपीः केंद्र सरकार ने भारत की नई विदेश व्यापार नीति (एफटीपी)-2023 पेश कर दी है. भारत के निर्यात उत्कृष्टता के 43 शहर उत्तर प्रदेश से हैं. यह उत्तर प्रदेश की बढ़ती आर्थिक/निर्यात शक्ति की एक और स्वीकृति है. मोदी सरकार ने रविवार को यूपी के तीन और जिलों वाराणसी, मिर्जापुर और मुरादाबाद को टाउंस ऑफ एक्सीलेंस की श्रेणी में रखने की घोषणा की. इसी के साथ प्रदेश के 11 जिलों को शहर का निर्यात उत्कृष्टता घोषित किया है.

यूपी के 8 जिले उत्कृष्ट शहर पहले ही घोषित

दरअसल यूपी के 8 जिले निर्यात के उत्कृष्ट शहर पहले ही घोषित हो गए हैं. इसमें फिरोजाबाद (कांच उत्पाद), खेखड़ा ( हैंडलूम), सहारनपुर (हैंडीक्राफ्ट), मलिहाबाद (फल उत्पाद), कानपुर (चर्म उत्पाद), आगरा (चर्म उत्पाद), भदोही (कालीन व दरी उत्पाद), नोएडा (परिधान उत्पाद) में शामिल है.

टाउन ऑफ़ एक्सीलेंस के लाभ

  • टाउन ऑफ़ एक्सीलेंस के अनेकों लाभ है. इससे वैश्विक पहचान मिलेगी. साथ ही ब्रांड विश्वसनीयता को बढ़ावा मिलेगा.

  • टाउन ऑफ़ एक्सीलेंस इन जिलों को तकनीकी व्यापार और विपणन में भागीदारी का मौका भी मिलेगा.

  • टर्न ऑफ एक्सीलेंस इन सभी जिलों में निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही निर्यात प्रोत्साहन योजना के तहत बढ़ावा मिलेगा.

निर्यात उत्कृष्ट शहरों में यूपी के चार शहर शामिल

नई एफटीपी में निर्यात उत्कृष्ट शहरों (टीईई) में चार नए शहरों को शामिल किया गया है. जिनमें फरीदाबाद, मुरादाबाद, मिर्जापुर और वाराणसी हैं. ये पहले से मौजूदा 39 टीईई के इतर हैं. एफटीपी 2023 से ई-वाणिज्य निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा और इसके 2030 तक बढ़कर 200-300 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. इसके अलावा, इसमें कूरियर सेवाओं के माध्यम से निर्यात के लिए मूल्य सीमा 5 लाख रुपये प्रति खेप से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की जा रही है. नई एफटीपी का लक्ष्य भारतीय रुपये को वैश्विक मुद्रा बनाने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में घरेलू मुद्रा को बढ़ावा देने का है.

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