Lucknow: यूपी में पुलिस सहित अन्य सरकारी विभागों में भर्तियां होने के बाद जहां हजारों अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र हासिल कर चुके हैं. वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग में अभी भी बड़ी संख्या में रिक्त पदों को लेकर कोई निर्णय नहीं किया जा सका है. इनमें सहायक अध्यापक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के कुल 19272 पदों पर भर्ती प्रक्रिया काफी समय से लंबित है.
उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक (टीजीटी) के 71684 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 16750 पद रिक्त हैं. इसके अलावा प्रवक्ता (पीजीटी) के 22254 पद स्वीकृत हैं और इनमें से 2522 पद काफी समय से रिक्त हैं.
प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी की ओर से विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में इन रिक्त पदों की जानकारी दी जा चुकी है. इसके बाद भी इन पदों पर भर्ती नहीं होने से सरकारी नौकरी का अरमान पाले अभ्यर्थियों में निराशा है.
खास बात है कि माध्यमिक शिक्षा महकमे में टीजीटी-पीजीटी के कुल 19272 रिक्त पदों में से 4163 पदों पर भर्ती के लिए अगस्त-2022 में आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. लेकिन, एक साल बाद भी भर्ती परीक्षा की तारीख घोषित नहीं की गई है.
इसके पीछे अहम वजह ये भी है कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में सदस्यों के सभी 10 पद वर्तमान में रिक्त हैं. इसके साथ ही अध्यक्ष का कार्यकाल भी अप्रैल में पूरा हो चुका है. ऐसे में भर्ती की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन का इंतजार है. इसके अभाव में भर्ती प्रक्रिया लंबित है.
इन पदों को लेकर सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों की मांग है कि विज्ञापित किए गए 4163 पदों के अतिरिक्त टीजीटी-पीजीटी के रिक्त पड़े 15109 पदों को भी टीजीटी-पीजीटी भर्ती परीक्षा-2022 में शामिल किया जाए. वहीं, अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयाें में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदाें पर भी भर्ती के लिए अगस्त 2022 में आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इसके बावजूद भर्ती के लिए परीक्षा तिथि अब तक घोषित नहीं की गई है. यहां भी मामला अब तक लंबित है.
भर्ती कराने वाले उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में सदस्यों के छह में से चार पद खाली हैं और अध्यक्ष का कार्यकाल फरवरी में पूरा हो चुका है. इस भर्ती प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाने के लिए नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन का इंतजार किया जा रहा है.
इसके लिए कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाकर उसकी स्वीकृति आवश्यक है. हालांकि कई बैठक होने के बावजूद माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में नहीं रखा गया है. इस वजह से अभ्यर्थियों का इंतजार और लंबा होता जा रहा है.