Lucknow: यूपी में शहरी क्षेत्र में बुनियादी नागरिक सुविधाओं की हकीकत परखने को शासन के वरिष्ठ अफसर धरातल पर उतरेंगे. ये अफसर विभिन्न जनपदों में जाकर स्थलीय निरीक्षण कर सही जानकारी जुटाएंगे और अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे. इसके आधार पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी.
इसके लिए यूपी नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव और स्थानीय निकाय निदेशक समेत शासन के विशेष सचिवों और निदेशालय के लिए 26 अधिकारियों को नोडल अफसर बनाया गया है. सभी वरिष्ठ अधिकारियों को जनपद आवंटित किए गए हैं. ये अधिकारी 6 से 8 जुलाई तक आवंटित जनपदों का दौरा करेंगे.
इस दौरान अफसर वहां केंद्र और प्रदेश सरकार की संचालित योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे, जो शासन को सौंपी जाएगी. इस संबंध में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने आदेश जारी कर दिया है.
Also Read: मुजफ्फरनगर: कांवड़ यात्रा को लेकर शिक्षण संस्थानों में 8 से 16 जुलाई तक अवकाश, मार्ग में लगाए गए CCTV कैमरे
इनमें प्रमख रूप से अमृत अभिजात को अयोध्या व गाजियाबाद, डॉ. नितिन बंसल को सीतापुर, लखीमपुर खीरी व उन्नाव, सविता शुक्ला को सुलतानपुर, आजमगढ़ व मऊ, रश्मि सिंह को लखनऊ, रायबरेली व हरदोई, पीके श्रीवास्तव को बहराइच और गोंडा तथा अखिल सिंह को अंबेडकर नगर व बस्ती जनपद आवंटित किया गया है.
यूपी में इस समय कुल 762 नगर निकाय हैं. इनमें 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद और 545 नगर पंचायतें हैं. इन सभी निकायों में आम जनता को स्वच्छ पेयजल, सफाई, जल निकासी, सड़क, सीवर, बिजली समेत अन्य सुविधा मुहैया कराने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार कई योजनाओं को संचालित कर रही है.
इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के तहत ओडीएफ (डबल प्लस) और स्टार रेटिंग को लेकर भी गतिविधियां चल रही हैं. ऐसे में योगी आदित्यनाथ सरकार ने तय किया है कि इन योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण कराते हुए जमीनी हकीकत की जानकारी जुटाई जाए. इसी उद्देश्य से सरकार ने शासन और निदेशालय स्तर के 26 अधिकारियों को नोडल अफसर नामित किया है. ये अफसर सभी 762 नगर निकायों में संचालित योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगे.
शासन के ये वरिष्ठ अफसर स्मार्ट सिटी योजना के तहत संचालित सुविधाओं, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत बने मकानों में पेयजल, शौचालय और विद्युत की व्यवस्था, जलभराव वाले स्थानों पर जल निकासी की व्यवस्था, शुद्ध पेयजलापूर्ति, अन्त्येष्टि स्थलों का विकास, सावन मेले से संबंधित व्यवस्था और संचारी रोग के बचाव के लिए दवा आदि के छिड़काव व सफाई का जायजा लेंगे.
इसके साथ ही प्रतिबंधित प्लास्टिक के उपयोग की स्थिति, पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों का सत्यापन, अमृत योजना (सीवरेज, पार्क विकास, पेयजल, हरित क्षेत्र), स्वच्छ भारत मिशन, डोर टू डोर कूड़ा संग्रहण व निस्तारण, वार्ड स्तर पर कूड़ेदान, कूड़ा को अलग-अलग करने की व्यवस्था, सूखे कचरे का प्रसंस्करण, वाटर बॉडिज, नाले-नालियों की सफाई, वार्ड स्तर कूड़ा संग्रहण, अधिक मात्रा में कूड़ा पैदा कराने वाले लोगों द्वारा प्रोसेसिंग की व्यवस्था, वैज्ञानिक तरीके के कूड़ा की डंपिंग आदि का निरीक्षण किया जाएगा.