Lucknow News: राजधानी लखनऊ में बीते 533 दिनों से ईको गार्डेन में 6800 चयन सूची पर नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी है. अपनी मांगों को लेकर 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष का दरवाजा खटखटा रहे हैं, जिससे उन्हें न्याय मिल सके. गुरुवार को ये अभ्यर्थी राजधानी में बसपा प्रदेश मुख्यालय पहुंचे और अपनी मांगों को दोहराया. शिक्षक अभ्यर्थियों ने बसपा कार्यालय के बाहर आरक्षण के नारे लगाए. ये अभ्यर्थी उस समय बसपा कार्यालय के बाहर पहुंचे, जब अंदर पार्टी सुप्रीमो मायावती भी मौजूद थीं. मायावती के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पदाधिकारियों की बैठक के दौरान शिक्षक अभ्यर्थियों ने अपनी मांगों को लेकर उनसे समर्थन की मांग की और नारे लगाए. बाद में बसपा सुप्रीमो ने सोशल साइट एक्स के जरिए अभ्यर्थियों की मांगों का समर्थन किया. मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश के चर्चित शिक्षक भर्ती में एससी व ओबीसी समाज के आरक्षण को सही से नहीं लागू किए जाने के विरुद्ध जरूरी सुधार की मांग को लेकर हजारों अभ्यार्थी यहां लगातार आंदोलित हैं और दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इनके साथ तुरन्त न्याय सुनिश्चित करे, बीएसपी की यह मांग है. मायावती ने कहा कि चयनित शिक्षक अभ्यार्थियों का कहना है कि पिछड़ा वर्ग आयोग, राजस्व परिषद तथा माननीय कोर्ट ने भी सरकार से भर्ती सूची पर फिर से विचार करने को कहा है. ऐसे में राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह पीड़ितों को न्याय दिलाने की त्वरित व्यवस्था करे.
इससे पहले बुधवार को चारबाग से विधानसभा की तरफ हजारों अभ्यर्थियों ने कूच किया. ये अभ्यर्थी पिछड़े और दलितों को न्याय देने की मांग का नारा लगाते हुए विधानसभा का घेराव करने जा रहे थे. पुलिस ने हुसैनगंज चौराहे के पास बैरिकेडिंग करके अभ्यर्थियों को रोक लिया और हिरासत में लेने के बाद बसों में भरकर फिर से ईको गार्डेन भेज दिया. अभ्यर्थियों ने इस दौरान पुलिस पर बर्बरतापूर्ण व्यहवार अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इससे कई अभ्यर्थी घायल हुए हैं. लखनऊ में 69000 शिक्षक अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे विजय यादव के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद 5 जनवरी 2022 को ही आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए सूची जारी की जा चुकी है. इसके बाद भी अभी तक नियुक्ति नहीं हुई है. ऐसे में हमारी मांग है कि सीएम के निर्देशों का पालन किया जाए. उन्होंने मांगे नहीं माने जाने पर प्रदर्शन जारी रखने की बात कही.
Also Read: UP Weather Update: लखनऊ, आगरा, गोरखपुर सहित कई जगह बारिश और सर्द हवाओं ने गिराया पारा, जानें मौसम का हाल
इस प्रकरण पर यूपी कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि पिछले 532 दिनों से लखनऊ में शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी धरना दे रहे हैं. कभी ये अभ्यर्थी बाबा के दरवाजे पर जाने के लिए कदम बढ़ाते हैं तो कभी डिप्टी सीएम या विभागीय मंत्री के. गाहे-बगाहे ये भाजपा कार्यालय पहुंचकर भी अपनी गुहार लगाते हैं. मगर, इन्हें कभी जाने नहीं दिया जाता है. हर बार इन्हें रास्ते से उठाया जाता है और इको गार्डन भेज दिया जाता है. यूपी कांग्रेस ने कहा कि ये अभ्यर्थी विधानसभा घेराव करने के लिए फिर से निकले. लेकिन, डरपोक भाजपा सरकार ने एक बार फिर पुलिस को आगे कर दिया और इन्हें उठाकर इको गार्डेन भिजवा दिया. पार्टी ने कहा कि आखिर इन अभ्यर्थियों की गुहार ये सरकार क्यों नहीं सुन ले रही है?
इससे पहले अभ्यर्थियों ने विगत सोमवार को पूर्व मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के राजधानी स्थित आवास का घेराव किया. अभ्यर्थियों ने सुभासपा अध्यक्ष ने नियुक्ति पत्र दिलाने में सहयोग की मांग की. उन्होंने कहा कि 6800 अभ्यर्थियों के साथ न्याय होना बेहद जरूरी है, ये संघर्ष लंबा होता जा रहा है. अभ्यर्थियों ने प्रकरण को लेकर अब तक की पूरी जानकारी ओम प्रकाश राजभर को दी. इस पर सुभासपा अध्यक्ष ने उनकी मांगों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष रखने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि भले ही वह भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा हैं. लेकिन, प्रदेश सरकार में मंत्री नहीं हैं. इसके बावजूद वह अभ्यर्थियों की समस्या और उनके पक्ष से मुख्यमंत्री को जरूर अवगत कराएंगे.
लखनऊ में 69000 शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यर्थियों से बातचीत में ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि धरना देने से समस्या का समाधान नहीं होगा. उन्होंने अभ्यर्थियों से मांगपत्र मांगा, जिससे वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप सकें. राजभर ने कहा कि सदन में कोई नेता नहीं है जो पिछड़े और दलितों के लिए आवाज उठाता हो. उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा और कहा कि आज तक कभी इन अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण की बात उन्होंने नहीं की. राजभर ने कहा कि जबकि वह स्वयं अभ्यर्थियों के साथ खड़े हैं. इसके पहले अभ्यर्थियों ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर के बाहर प्रदर्शन किया. आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मुलाकात की. उन्होंने मामले को सुनने के बाद सकारात्मक आश्वासन दिया. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को लेकर सरकार गंभीर है और यह मामला कोर्ट में भी चल रहा है. कोर्ट का जैसा दिशा निर्देश मिलेगा तत्काल उसका पालन किया जाएगा. उन्होंने अभ्यर्थियों को आश्वासन देते हुए कहा कि सभी लोग सकारात्मक रहें. किसी के हक अधिकार के साथ कोई अन्याय नहीं होगा सभी को न्याय मिलेगा.
आरक्षण विसंगति प्रकरण पर अभ्यर्थियों ने कहा कि विभाग के अधिकारी इस मामले को लटकाये हुए हैं. विभागीय अधिकारी शिक्षा मंत्री को भी सही जानकारी नहीं देते है. जिस कारण से यह मामला दिन प्रतिदिन बढ़ता चला जा रहा. अधिकारियों का यही रवैया कोर्ट में भी देखने को मिला है. अभ्यर्थियों के मुताबिक 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई है, जिसकी वजह से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया. इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करते हुए पीड़ित दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने आदेश अधिकारियों को दिया था, जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के उपरांत 6800 दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की. लेकिन, अभी तक न्याय नहीं मिल सका. अभ्यर्थियों ने मांग की है कि सरकार इस मामले का त्वरित समाधान निकाले और सभी 6800 चयनित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों का हक अधिकार देते हुए उनकी नियुक्ति करें. अभ्यर्थी इससे पहले बेसिक शिक्षा मंत्री स्वतंत्र प्रभार संदीप सिंह के आवास का भी घेराव कर चुके हैं.