यूपी और सिक्किम ने एमओयू पर किए साइन, दोनों प्रदेश इस सेक्टर में मिलकर करेंगे काम, जानें पूरी डिटेल
यूपी की सांस्कृतिक विविधता का प्रसार राज्य से बाहर अन्य प्रान्तों में भी करने के लिए नई पहल की जा रही है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश और सिक्किम के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इससे दोनों राज्यों के सांस्कृति रिश्ते और ज्यादा मजबूत होंगे.
Lucknow News: उत्तर प्रदेश और सिक्किम अब सांस्कृतिक लिहाज से मिलकर काम करेंगे. दोनों राज्य एक दूसरे की संस्कृति को अच्छी तरह समझने का प्रयास करेंगे, इससे उनके रिश्ते और ज्यादा प्रगाढ़ होंगे.
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह की उपस्थिति में गोमतीनगर स्थित भारतेन्दु नाट्य अकादमी में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश एवं सिक्किम राज्य के मध्य सांस्कृतिक आदान-प्रदान को लेकर समझौता ज्ञापन यानी एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. इसके साथ ही भारतेन्दु कला पत्रिका का विमोचन एवं ‘मास्टर इन ड्रमैटिक्स आर्ट’ पाठ्यक्रम का सत्रारम्भ कार्यक्रम भी आयोजित किया गया.
पर्यटन मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश का अन्य प्रान्तों के साथ भी सांस्कृतिक आदान-प्रदान को लेकर एमओयू हुआ है. इससे उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता का प्रसार प्रदेश से बाहर अन्य प्रान्तों में भी हो रहा है.
पर्यटन मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह समझौता ज्ञापन दोनों ही प्रदेशों के सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा. उन्होंने कहा कि दोनों ही प्रदेशों के सांस्कृतिक विविधता को एक-दूसरे से रूबरू होने का अवसर प्रदान करेगा.
इस मौके पर पर्यटन मंत्री ने मास्टर इन ड्रमैटिक्स आर्ट सत्र का शुभारंभ करते हुए कहा कि भारत की सांस्कृतिक विविधता को बच्चों के माध्यम से बढ़ावा मिलेगा. ये बच्चे जहां भी जाएंगे, वहां भारत की संस्कृति का प्रचार-प्रसार होगा। उन्होंने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी.
उन्होंने कहा कि 2047 में जब भारत अपना स्वर्णिम काल मनाये तब शैक्षणिक, सांस्कृतिक, सामरिक जैसे विविध रूपों में इतनी प्रगति कर ले कि भारत विश्वगुरू के रूप में विश्व का नेतृत्व करे.
पर्यटन मंत्री ने कहा कि सांस्कृतिक स्वरूपों एवं भावनाओं को एकजुट करने के लिए उत्तर प्रदेश का पर्यटन एवं संस्कृति विभाग निरन्तर प्रयास कर रहा है. विभिन्न प्रकार की भाषा, बोली, धर्म के बावजूद सांस्कृतिक रूप से कैसे हम एकजुट रहें यही हमारा प्रयास है.
उन्होंने कहा कि भारत की आजादी में विभिन्न प्रान्तों के बलिदानी वीर सपूतों ने एकजुट होकर प्रयास किया और भारत को आजादी दिलाई. इन विषमताओं के बावजूद भारत आज भी एक है और उसे वर्तमान विषमताओं जैसे सामाजिक विषमता, आर्थिक विषमता इत्यादि से आजादी लेनी है.
पर्यटन मंत्री ने कहा कि यूपी आज काशी, मथुरा, अयोध्या, कुशीनगर अपने सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक वैभव से समृद्ध एवं सम्पन्न हो रहा है जिसका लाभ प्रदेशवासियों को भी प्राप्त हो रहा. उन्होंने कहा कि कलाकारों की कटेगरी वाइज सूची बनाकर उसके अनुरूप हर वर्ग के कलाकार को उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की तरफ से कार्य प्रदान किया जा रहा है, जिससे कि उनकी आर्थिक मदद हो रही है और सांस्कृतिक विरासत का बखूबी प्रचार एवं विस्तार भी हो रहा है.
उन्होंने कहा कि इंटर कॉलेज, उच्च विद्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कराकर सांस्कृतिक विविधता को आज गांव तक पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि अवध की संस्कृति ब्रज तक जाए. ब्रज की संस्कृति पूर्वांचल तक जाय एवं पूर्वांचल की संस्कृति अवध एवं ब्रज तक पहुंचे। विलुप्तता के कगार पर पहुंच चुकी बहुत सी सांस्कृतिक गतिविधियों को बचाने का प्रयास निरन्तर जारी है.
इस अवसर पर सिक्किम प्रान्त के संस्कृति सचिव बसंत लामा ने एमओयू के हस्ताक्षर का स्वागत किया और कहा कि आजादी के 75वें वर्ष के अवसर पर चल रहे अमृत काल के दौरान एक भारत, श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत दोनों प्रदेशों के मध्य हुए इस समझौते से दोनों प्रदेशों के कल्चरल एक्टिविटिज को मजबूती मिलेगी.
उन्होंने कहा कि इससे दोनों प्रदेशों के लोग एक-दूसरे के सांस्कृतिक विविधता से परिचित होंगे साथ ही इसका आदान-प्रदान भी होगा. उन्होंने कहा कि दोनों प्रदेश 10-10 महत्वपूर्ण सांस्कृतिक विविधता वाले स्थलों का चिन्हांकन करते हुए पर्यटन एवं संस्कृति की दृष्टि से बढ़ावा देंगे. उन्होंने कहा कि इस समझौते से दोनों ही प्रान्तों को इसका लाभ मिलेगा.
इस कार्यक्रम के अवसर पर दोनों प्रान्तों के प्रमुख लोक नृत्यों जैसे उत्तर प्रदेश का ढेंढ़िया, मयूर एवं सिक्किम प्रान्त का फूला छिद्दोम्सा व हिंहीक्षम का आयोजन भी किया गया. इस अवसर पर माननीय कुलपति भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति प्रो. माण्डवी सिंह, विशेष सचिव संस्कृति अमरनाथ उपाध्याय सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे.
पांच प्रमुख पर्यटक स्थलों में हेलीपोर्ट का निर्माण
इस बीच पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के पांच प्रमुख पर्यटक स्थलों जैसे लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा तथा मथुरा में पर्यटन विभाग द्वारा हेलीपोर्ट का निर्माण कराया जा रहा है. इन सब हेलीपोर्ट के निर्माण होने के बाद हेलीकाप्टर सेवा प्रारम्भ होने पर पर्यटकों को वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ तथा मथुरा के पवित्र तीर्थ स्थल गोवर्धन प्रक्रिया, गोवर्धन तीर्थदर्शन एवं आगरा दर्शन आदि की सुविधा प्राप्त होगी.
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इन हेलीपोर्ट-हेलीपैड के अतिरिक्त लखनऊ, प्रयागराज, कपिलवस्तु स्थित हेलीपैड को पीपीपी मोड पर संचालित कराये जाने को लेकर काम किया जा रहा है. वाराणसी, नीमसार, सीतापुर तथा अयोध्या हेलीपैड-हेलीपोर्ट को पीपीपी मोड पर संचालित कराये जाने के लिए कार्यवाही अंतिम चरण में है.
पर्यटन मंत्री ने बताया कि जनपद आगरा एवं मथुरा स्थित हेलीपोर्ट को सार्वजनिक-निजी-सहभागिता (पीपीपी) मोड पर विकसित एवं संचालित कराये जाने के लिए निजी निवेशक का चयन कर लिया गया है. हेलीपोर्ट सेवा प्रारम्भ हो जाने से पर्यटक कम से कम समय में अधिक से अधिक स्थानों का भ्रमण कर सकेंगे. हेलीपोर्ट सेवा से लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही होटल एवं रेस्टोरेन्ट व्यवसायियों, ट्रैवल ऑपरेटर एवं छोटे कारोबारियों को कारोबार प्राप्त होगा. साथ ही राज्य सरकार को भी आमदनी होगी.