UP AQI Today: उत्तर प्रदेश के कई शहरों में मौसम की गुणवत्ता अभी भी खराब बनी हुई है. दिवाली के बाद से ही प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. एनसीआर का कोई शहर ऐसा नहीं है, जहां की आबोहवा साफ हो. सभी जगह की हवा में प्रदूषणकारी तत्वों में इजाफा दर्ज किया गया है. इस वजह से लोग सांस सहित कई तरह की समस्याओं को लेकर चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं. गुरुवार को नोएडा, गाजियाबाद के साथ ही कई बड़े शहरों में सुबह के समय घनी धुंध छाई रही. सबसे ज्यादा खराब स्थिति मेरठ की रही, यहां पर हवा का एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के करीब यूपी के एनसीआर वाले शहरों नोएडा, गाजियाबाद में पिछले चौबीस घंटों से इन इलाकों में हवा बहुत खराब हो चुकी है. नोएडा के सेक्टर 62 का एक्यूआई लेवल 362 दर्ज किया गया, और बेहद खराब श्रेणी में हवा की गुणवत्ता हैं. नोएडा दुनिया के 100 प्रदूषित शहरों में 12वें स्थान पर आ गया है. हवा का एक्यूआई ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क 3 में 345 है और गाजियाबाद जिले के लोनी एरिया में एयर क्वालिटी इंडेक्स 362 पर पहुंच गया जो बताता है कि हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में जा पहुंची है. इसी तरह यूपी के फतेहपुर का एक्यूआई लेवल 306, कानपुर का 303, फैजाबाद और इलाहबाद का 257, मीरजापुर का एक्यूआई लेवल 247 और जौनपुर का एक्यूआई लेवल 243 रिकॉर्ड किया गया. वहीं बरेली का एक्यूआई लेवल 281 दर्ज किया गया. यह सभी वातावरण के बेहद प्रदूषित होने की स्थिति को दर्शा रहे हैं.
मौसम की ताजा स्थिति पर नजर डालें तो नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स की माने तो प्रदेश के गाजियाबाद और नोएडा की हवा बहुत खराब स्थिति में हैं, यहां हवा बेहद खराब श्रेणी में है. वहीं मेरठ जिले में सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा है. यहां के जयभीम नगर में हवा में प्रदूषण लेवल 400 को पार जाते हुए 412 दर्ज हुआ जोकि खतरनाक स्थिति को दर्शाता है. आज सबसे ज्यादा प्रदूषित मेरठ की हवा रही है जिससे वहां सुबह के समय गहरी धुंध छाई रही.
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राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां पर भी हवा खराब स्थिति में दर्ज हुई है. यहां के लालबाग एरिया का एक्यूआई 260 दर्ज हुआ. हापुड़ जिले का एक्यूआई लेवल 298 और बागपत का एक्यूआई लेवल 381 दर्ज हुआ. बागपत प्रदूषण का लेवल बेहद खराब स्थिति में दर्ज हुआ. मौसम की बात करें तो यूपी में मौसम में बदलाव आने से ठंडक बढ़ती जा रही है. रात के समय मौसम में ठंडक बढ़ा हुआ महसूस होता है. लगातार टेंप्रेचर में कमी दर्ज की जा रही है.
वायु प्रदूषण के बीच इन दिनों स्मॉग शब्द भी काफी चर्चा में है. स्मॉग दो शब्दों से मिलकर बना एक शब्द है. इसका मतलब है धुएं और धुंध का मिश्रण. प्रदूषण से ज़ुकाम, सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, खांसी, टीबी, गले में में इन्फेक्शन, साइनस, अस्थमा, फेफड़ों से सम्बंधित बीमारियां, और कैंसर तक का खतरा होता है.
आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक खाना खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ जरूर खाएं. गुड़ खून साफ करता है. इससे आप प्रदूषण से बचे रहेंगे. फेफड़ों को धूल के कणों से बचाने के लिए आप रोजाना एक गिलास गर्म दूध जरूर पिएं. अदरक का रस और सरसों का तेल नाक में बूंद-बूंद कर डालने से भी आप हानिकारक धूल कणों से भी बचे रहेंगे. खुद को प्रदूषण के प्रभाव से बचाने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें. शहद में काली मिर्च मिलाकर खाएं, आपके फेफड़े में जमी कफ और गंदगी बाहर निकल जाएगी. अजवायन की पत्तियों का पानी पीने से भी व्यक्ति का खून साफ होने के साथ शरीर के भीतर मौजूद दूषित तत्व बाहर निकल जाते हैं. तुलसी प्रदुषण से आपकी रक्षा करती है, इसलिए रोजाना तुलसी के पत्तों का पानी पीने से आप स्वस्थ बने रहेंगे. ठंडे पानी की जगह गर्म पानी का सेवन करना शुरू कर दें.स्टीम लेना भी काफी फायदेमंद है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली