UP AQI Today: यूपी के कई शहरों में दूषित हवा से बढ़ी धुंध, दुनिया के प्रदूषित शहरों में हापुड़ 5वें स्थान पर
उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर 62 में आज सुबह आठ बजे एक्यूआई 260 दर्ज किया गया, जो खराब हवा की श्रेणी में आता है. वहीं ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई लेवल 255 दर्ज किया गया. इनमें गाजियाबाद की हालत सबसे ज्यादा खराब है, बुधवार को भी लोनी इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स 309 रहा, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है.
UP Air Quality Index: उत्तर प्रदेश के कई शहरों में मौसम का मिजाज बदलने के बाद हवा जहरीली हो गई है. इस वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खासतौर से सांस के मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. सुबह की सैर पर निकलने वाले लोग भी हवा में प्रदूषण होने से परेशान हैं. बरेली की आबोहवा मंगलवार सुबह ठीक थी. मगर, मंगलवार आधी रात के बाद प्रदूषण काफी बढ़ गया है, जिसके चलते सांस के मरीजों का सांस लेना मुश्किल हो गया है. बरेली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) आधी रात को एक बजे 131 तक पहुंच गया. बुधवार सुबह तक कुछ सुधार हुआ है. सुबह AQI 93 पर आ गया है. वहीं प्रदेश के अन्य शहरों की हवा भी काफी खराब हो गई है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हवा में ऑक्सीजन की कमी होने लगी है. जिसके चलते इस क्षेत्र की आबोहवा बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है. यहां के सांस के मरीजों का सांस लेना मुश्किल है. बरेली शहर के सिविल लाइंस का AQI 93, राजेंद्र नगर का AQI 68, और सुभाष नगर का AQI 119 है. यह तीनों ही AQI काफी खराब हैं. दुनिया के 100 प्रदूषित शहरों में हापुड़ पांचवें स्थान पर है. यहां का AQI बुधवार को 332 रहा. 14वें स्थान पर मेरठ है. मेरठ का AQI 285 रहा. 20वें स्थान पर नोएडा का AQI 264 और 21वें स्थान पर गाजियाबाद का AQI 261 रहा. इसके साथ ही प्रदेश की राजधानी लखनऊ हवा की खराब सेहत के मामले में 440 वें स्थान पर है. यहां का AQI 230 है. 61वें स्थान पर प्रयागराज है, जहां का AQI 202 रहा. 65 वें स्थान पर सहारनपुर का AQI 199, 78वें स्थान पर फैजाबाद का AQI 187, 82वें स्थान पर फिरोजाबाद का AQI 183, 96वें स्थान पर इटावा का AQI 173 है. मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हवा के प्रदूषण होने के कई कारण है. इस सीजन में आमतौर पर ऐसा देखने को मिलता है. वहीं विजयदशमी पर रावण दहन के साथ आतिशबाजी से बरेली और पश्चिमी यूपी की आबोहवा खराब हो गई है.
गाजियाबाद-नोएडा में प्रदूषण में इजाफा
नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर 62 में आज सुबह आठ बजे एक्यूआई 260 दर्ज किया गया, जो खराब हवा की श्रेणी में आता है. वहीं ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई लेवल 255 दर्ज किया गया. इनमें गाजियाबाद की हालत सबसे ज्यादा खराब है, बुधवार को भी लोनी इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स 309 रहा, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है. उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों की बात की जाए तो मेरठ में गंगानगर स्टेशन में आज एयर क्वालिटी इंडेक्स 245 रहा और हवा की श्रेणी खराब क्वालिटी में हैं. वहीं बागपत में एक्यूआई मॉडरेट श्रेणी में 157। तक रहा, आगरा के संजय पैलेस में एक्यूआई लेवल 151 और हवा की क्वालिटी मॉडरेट श्रेणी में दर्ज की गई.
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इन शहरों की हवा में सुधार
उत्तर प्रदेश के ओद्योगिक नगरी कानपुर की बात की जाए तो यहां पर हवा कि क्वालिटी बेहतर देखी गई. बुधवार को यहां किदवई नगर में एक्यूआई लेवल 97 दर्ज किया गया जो संतोषजनक हालत में है वहीं वाराणसी में भी हवा की गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है और एक्यूआई लेवल 89 दर्ज किया गया है. हालांकि गोरखपुर में हवा में हल्का प्रदूषण का लेवल बढ़ा है. यहां पर एयर क्लाविटी इंडेक्स 120 और हवा कि क्वालिटी मॉडरेट दर्ज की गई.
इतनी मात्रा में होनी चाहिए ऑक्सीजन
ऑक्सीजन इंसान के लिए काफी जरूरी है. इसकी कमी से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगता है. सांस लेने वाली हवा का ऑक्सीजन स्तर 19.5 प्रतिशत ऑक्सीजन होना चाहिए. इसके नीचे ऑक्सीजन जाने से नुकसान होता है.
घर से मास्क लगाकर निकलें
AQI बढ़ने से बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर काफी असर पड़ रहा है. ऐसे में घरों से निकलने में एहतियात बरतने की जरूरत है. लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है. डॉक्टर एन-95 मास्क लगाकर घर से निकलने की सलाह दे रहे हैं. क्योंकि, बरेली में सांस के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है.
यह होना चाहिए AQI
0 से 50 AQI है, तो यह बहुत अच्छी बात है. इससे सेहत पर कम असर होता है. 51-100 AQI भी ठीक है, लेकिन संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत हो सकती है. 101 के बाद ठीक नहीं है. 101 से 200 AQI से फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत होती है. 201-300 AQI काफी खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत होना तय है. 301-400 AQI बहुत खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा होता है. 401-500 AQI सबसे अधिक खतरनाक है. इंसान की सेहत पर सबसे अधिक खराब होती है.
बढ़ता AQI सेहत के लिए काफी हानिकारक
इंसान की सेहत के लिए AQI का बढ़ना काफी घातक है. वायु प्रदूषण का सबसे अधिक असर हमारे फेफड़ों पर होता है. दरअसल, प्रदूषित कणों से इंसान के फेफड़ों में जाने वाली नली को नुकसान पहुंचता है, जिसके चलते नली पतली होती चली जाती है. इसका असर फेफड़े और इसके आस-पास की मांसपेशियों पर पड़ता है. वायु प्रदूषण से स्वस्थ व्यक्तियों में भी अस्थमा जैसी बीमारियां घर कर सकती है. इसके अलावा निमोनिया, दमा और लंग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां भी वायु प्रदूषण से होती है. वायु प्रदूषण के कारण नेफ्रोपैथी नामक बीमारी भी घर कर सकती है. इसका सीधा संबंध किडनी से होता. इसके अलावा प्रदूषित वायु में पाए जाने वाले कार्बन से किडनी डैमेज का भी खतरा बन जाता है. स्वस्थ व्यक्तियों के लिए सबसे जरूरी ऑर्गन हार्ट होता है और वायु प्रदूषण फेफड़ों और किडनी के अलावा दिल पर भी वार करता है. वायु प्रदूषण से दिल की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में वायु प्रदूषण में इजाफा के चलते धड़कनों का असंतुलित होना, हार्ट फेल होना और हाइपरटेंशन जैसी जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं. इन समस्याओं के लक्षण शरीर पर दिखाई देने लग जाते हैं. प्रदूषित हवा का असर हमारे दिमाग पर भी पड़ता है. डॉक्टरों के मुताबिक उम्रदराज लोगों और बुजुर्गों के मस्तिष्क पर प्रदूषित के कण हमला करते है. इससे उन्हें बोलने के लिए संघर्ष करना पड़ता है और आसान गणित के सवालों को सुलझाने में भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
दूषित हवा और प्रदूषण गर्भवती महिलाओं को भी अपने निशाने पर लेता है. जहरीली सांस लेने का असर गर्भ पर भी होता है. इससे प्री-मेच्योर डिलीवरी का खतरा बन जाता है. इसके अलावा जन्म के समय बच्चे का वजन कम रह सकता है, जिससे कुपोषण जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती है. इंसान की त्वचा में रूखापन, जलन, रेडनेस और एक्जिमा जैसी तकलीफें आपको हो रही हैं, तो समझ जाए कि वायु प्रदूषण आपकी त्वचा पर वार कर रहा है. प्रदूषित हवा में मौजूद कणों की वजह से त्वचा काफी प्रभावित हो सकती है. वायु प्रदूषण, सेकेंड हैंड स्मोक, रेडान, अल्ट्रावायलेट रेडिएशन, एस्बेस्टस के अलावा, कुछ केमिकल समेत अन्य प्रदूषक तत्वों के संपर्क में आने से कैंसर का भी खतरा हो सकता है. यह कैंसर जानलेवा साहित हो सकता है.
ऐसे बचें प्रदूषण से
डॉक्टरों के मुताबिक अगर आपको वायु प्रदूषण से बचाव करना है, तो मास्क का उपयोग करना होगा. इसके अलावा पर्याप्त पानी पीना और बेवजह बाहर घूमने से भी बचना पड़ेगा. इन सब उपायों के बाद ही वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है. इसके अलावा अगर घर के अंदर वायु प्रदूषण को रोकना है, तो आपको किचन के अंदर चिमनी और वाशरूम में एग्जास्ट फैन का इस्तमाल करना होगा, जिससे घर में पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेशन होता रहे.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली