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UP Dy Speaker Election: सोमवार को 6 घंटे का सत्र, डिप्टी स्पीकर के कैंडिडेट नितिन अग्रवाल को BJP का समर्थन

डिप्टी स्पीकर के चयन में योगी सरकार अपनी ताकत और रूतबे को दिखाना चाहती है. लिहाजा, यह चुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए खुद किसी बड़े टूर्नामेंट से कम नहीं है. वहीं, डिप्टी स्पीकर पद के लिए बीजेपी ने सपा के टिकट पर साल 2017 में जीते नितिन अग्रवाल को कैंडिडेट बनाया है.

UP Deputy Speaker Election: उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. सियासी सरगर्मी के बीच चर्चाएं डिप्टी स्पीकर के इलेक्शन को लेकर भी है. सियासी जानकारों का दावा है कि डिप्टी स्पीकर के चयन में योगी सरकार अपनी ताकत और रूतबे को दिखाना चाहती है. लिहाजा, यह चुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए खुद किसी बड़े टूर्नामेंट से कम नहीं है. वहीं, डिप्टी स्पीकर पद के लिए बीजेपी ने सपा के टिकट पर साल 2017 में जीते नितिन अग्रवाल को कैंडिडेट बनाया है.

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नितिन अग्रवाल सपा के बागी विधायक हैं. वो कई मौके पर समाजवादी पार्टी को घेरते भी नजर आए. वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ सपा के टिकट पर जीते नितिन अग्रवाल को डिप्टी स्पीकर बनवाना चाहते हैं. यूपी विधानसभा के डिप्टी स्पीकर चुनाव 18 अक्टूबर (सोमवार) को होने वाला है. इसके लिए योगी सरकार ने विधानसभा के छह घंटे का विशेष सत्र बुलाया है. बीजेपी ने डिप्टी स्पीकर के लिए नितिन अग्रवाल को चुना है. कहीं ना कहीं बीजेपी ने डिप्टी स्पीकर के चुनाव को समाजवादी पार्टी वर्सेज समाजवादी पार्टी बनाकर सपा के मुखिया अखिलेश यादव की टेंशन बढ़ाने का काम कर दिया है.

नितिन अग्रवाल के नामांकन में खुद सीएम योगी आदित्यनाथ भी पहुंचे थे. सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना है कि बीजेपी संसदीय परंपराओं का पालन कर रही है. विधानसभा के डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष के लिए है. इसी कारण बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े विपक्षी दल के विधायक को कैंडिडेट बनाया है.

डिप्टी स्पीकर के चुनाव में बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक

नितिन अग्रवाल की बात करें तो वो सात बार विधायक नरेश अग्रवाल के बेटे हैं. साल 2017 में नितिन अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वक्त गुजरा और उनका सपा से मोहभंग हो गया. वो बीजेपी खेमे में माने जाते हैं. इसके पहले साल 2008 में नितिन अग्रवाल ने उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की. इसके बाद नितिन अग्रवाल सपा में शामिल हुए. दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने वाले नितिन अग्रवाल ने पुणे से एमबीए की डिग्री ली है.

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साल 2017 में नितिन अग्रवाल पर अखिलेश यादव ने भरोसा जताकर मैदान में उतारा. उन्होंने जीत भी हासिल की. सपा की सरकार में नितिन अग्रवाल को स्वास्थ्य राज्यमंत्री का जिम्मा मिला. उन्होंने लघु विकास विभाग के राज्यमंत्री का कामकाज भी संभाला है. राज्य में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद नितिन अग्रवाल के पिता नरेश अग्रवाल ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. नरेश अग्रवाल को सपा ने राज्यसभा की टिकट नहीं दिया था. यही उनकी समाजवादी पार्टी से नाराजगी की बड़ी वजह बनी.

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