UP Assembly Monsoon Session 2023: सीएम योगी का पलटवार- चांदी की चम्मच से खाने वाले गरीब की पीड़ा क्या समझेंगे
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खासतौर पर उत्तर प्रदेश के अंदर आज के दिन हम देखेंगे तो 15 से 20 जून के अंदर मानसून प्रवेश कर जाता था, हमारे अन्नदाता उसके हिसाब से ही तैयारी करते हैं. इस वर्ष मानसून की जो स्थिति है वो प्रदेश के अनुकूल नहीं है.
UP Assembly Monsoon Session 202: यूपी विधानमंडल के मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को नेता सदन और नेता विरोधी दल के बीच जमकर शब्द बाण चले. नेता सदन सीएम योगी आदित्यनाथ ने नेता विरोधी दल अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें केवल गोरखपुर की बाढ़ ही दिखी और कुछ नहीं नजर आया.
तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीं नहीं
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नेता विरोधी दल के वक्तव्य को देखकर यही लगा कि 2014, 2017, 2019 और 2022 का जो जनादेश है वो जनता ने ऐसे ही नहीं दिया. दुष्यंत कुमार ने इस पर बहुत अच्छी बात कही है कि तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीं नहीं और कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीं नहीं. उन्हें जमीनी हकीकत की कोई जानकारी नहीं है.
सपा सरकार ध्यान रखती तो किसान आत्महत्या नहीं करते
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तुलसीदास जी ने ये बात कही भी है कि समरथ को नहीं कोई दोष गोसाईं…ऐसे ही लोगों पर बातें अक्षरशः ठीक बैठती हैं, क्योंकि जो लोग जन्म से चांदी के चम्मच से खाने के आदी हैं वो गरीब-किसान-दलित की समस्या और उसकी पीड़ा को क्या समझेंगे. उन्होंने अति पिछड़ों और पिछड़ों के साथ क्या व्यवहार किया था, ये पूरा देश जानता है. महान नेता चौधरी चरण सिंह ने कहा था कि देश की प्रगति का मार्ग खेत, खलियानों और गलियों से होकर जाता है. इस बात को अगर समाजवादी पार्टी ने इस को ध्यान में रखा होता है तो इनके कार्यकाल में सबसे ज्यादा आत्महत्या किसानों ने नहीं की होती.
शिवपाल यादव से जताई सहानुभूति
सीएम योगी ने तंज कसते हुए कहा कि लगता है पेपर की कटिंग पर होमवर्क करते समय शिवपाल जी ने कुछ पुरानी कटिंग भी बीच में रखवा दी थीं, क्योंकि इतिहास गवाह है कि जब परिवार में सत्ता का संघर्ष बढ़ता है तो कुछ न कुछ चीजें तो सामने आएंगी. शिवपाल जी ने इतना पापड़ बेला है तो कुछ तो सामने आएगा. शिवपाल जी के प्रति हमारी सहानुभूति है. आपके साथ अन्याय हुआ है. आपके साथ ये लोग न्याय करेंगे भी नहीं.
यूपी के अनकूल नहीं है मानसून की स्थिति
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खासतौर पर उत्तर प्रदेश के अंदर आज के दिन हम देखेंगे तो 15 से 20 जून के अंदर मानसून प्रवेश कर जाता था, हमारे अन्नदाता उसके हिसाब से ही तैयारी करते हैं. इस वर्ष मानसून की जो स्थिति है वो प्रदेश के अनुकूल नहीं है.
आज आधा उत्तर प्रदेश ऐसा है जहां काफी कम बारिश हुई है. ये स्थिति उत्तर प्रदेश के लिए पश्चिम के कुछ जिलों में अतिरिक्त पानी की बात सामने आई है. लेकिन, यह स्थिति भी ठीक नहीं है. हम लोग किसी भी स्थिति में इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते.हमने इसके लिए मीटिंग की और इस पर रणनीति बनाई.
40 से ज्यादा जनपदों में सूखा देखने को मिला
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बाढ़ और सूखा के अलावा अन्य अनेक कदम उठाए हैं. कैसे इनसे बचाव किया जा सकता है. इस बार पश्चिमी यूपी में बाढ़ आई मगर 40 से ज्यादा जनपदों में सूखा देखने को मिला. बहुत सी जगह सिंचाई और पॉवर कॉर्पोरेशन ने अपने स्तर पर कार्य किये. नोडल अधिकारियों और प्रभारी मंत्रियों ने जनपदों के दौरे किये. प्रदेश सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के राहत के कार्य किये.
पहले आपदा के दौरान दी जाती थी सूखी ब्रेड
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में वह पहली बार सीतापुर और लखीमपुर में बाढ़ पीड़ितों से मिलने गए तो पता लगा कि उन्हें सूखे ब्रेड दिये जाते थे. कोई राहत नहीं, कोई मुआवजा नहीं मिलता था. आपदा राहत की धनराशि का बंदरबांट हो जाया करता था. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने उसी दिन बैठक ली और राहत किट तैयार करने का निर्णय किया, जिसमें 10 किलोग्राम चावल, 10 किलोग्राम आटा, 10 किलोग्राम आलू, दाल, नमक, दियासलाई, मसाले, केरोसिन ये सभी कुछ उपलब्ध कराने की व्यवस्था की और महिलाओं को डिग्निटी किट भी उपलब्ध कराया.
बाढ़ के नुकसान का चल रहा आकलन
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के कारण फसलों को जो नुकसान पहुंचा उसके आकलन का कार्य चल रहा है. उत्तर प्रदेश, देश का ऐसा भूभाग है जहां का एक बड़ा हिस्सा सिंचाई की सुविधाओं के लिए अनुकूल है. धान की नर्सरी लग चुकी है. सरकार अपने स्तर पर इस पर काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्तर पर प्रयास कर रही है कि हम अधिक से अधिक किसानों को मदद कर सकें. किसानों को मुआवजा देने की कार्रवाई को प्रारंभ कर दिया गया. 61320 किसानों को मुआवजा उपलब्ध कराया गया। प्रदेश सरकार ने इससे पहले भी किसानों को मुआवजा उपलब्ध कराया.
प्रदेश में बनाए गए 909 बाढ़ शरणालय
उन्होंने कहा कि इस वर्ष 26964 ड्राई राशन किट बाढ़ पीड़ितों को उपलब्ध कराया गया. 2550 डिग्निटी किट प्रदान किए गए। 909 बाढ़ शरणालय बनाए गए. पशुओं के लिए चारे भी बनाये गए. प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल कैंप, पशुओं का टीकाकरण, अतिरिक्त नौकाओं की व्यवस्था की गई. प्रशासन की कार्रवाई और जनप्रतिनिधियों की सक्रियता से पब्लिक में संतुष्टि का भाव देखने को मिला.
बारिश को लेकर विषम स्थिति
प्रदेश में 403 एमएम बरसात को सामान्य माना जाता है, मगर पिछले कुछ वर्ष से देखने को मिला है कि मौसम चक्र में विसंगति का दुष्प्रभाव सबसे अधिक अन्नदाताओं पर पड़ता है. 403 एमएम बारिश में से अब तक 303 एमएम बारिश हुई है. मगर ये बारिश एक बार में हुई है.
विरासत में मिली जर्जर व्यवस्था
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें विरासत में एक जर्जर व्यवस्था मिली थी उसे ठीक करने में समय तो लगता है. कोई भी व्यक्ति अगर सांप के काटने से, वन्यजीव से या सांड के हमले से मरने पर इसे आपदा की श्रेणी में रखा गया है. उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने ऐसा किया.
2024 में विपक्ष का नहीं खुलेगा खाता, शिवपाल यादव को दी सलाह
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विपक्ष अपनी विफलता को छुपाने के लिए आरोप लगा रहा है. अब गरीबों को जो सरकारी आयुष्मान के कारण सुविधा मिल रही है वो नहीं दिखाई दे रही है. हमें विरासत में एक जर्जर व्यवस्था मिली थी उसे ठीक करने में समय तो लगता है. मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर तंज कसा कि 2024 में आपका खाता भी नहीं खुलने वाला है. 2024 में फिर से डबल इंजन की सरकार आने वाले है. मुख्यमंत्री ने शिवपाल यादव की ओर देखते हुए कहा कि मैं कह रहा हूं आपके पास भी मौका है आपना रास्ता चुन लीजिए.
हम सांड की नंदी के रूप में करते हैं पूजा
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सरकार पहली सरकार है जिसने अन्नदाता किसानों के हित में दो अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाए थे. हमने अपने पहले कार्यकाल में वन्य जीव और मानव संघर्ष को आपदा की श्रेणी में लाने का काम किया. कोई व्यक्ति सर्पदंश और सांड से मरे, इन सभी को आपदा में घोषित करने वाला यूपी देश का पहला राज्य है. हम तो सांड की नंदी के रूप में पूजा करते हैं. शिवपाल जी आप नहीं करते क्या, तो कुछ तो समझाया करें इन्हें.
अब तक 20 तेंदुओं का किया गया रेस्क्यू
उन्होंने कहा कि बिजनौर के किसानों की चर्चा नेता विरोधी दल कर रहे थे, आपको पता होना चाहिए कि 20 तेंदुओं को वहां से निकाला गया है और रेस्क्यू टीमें वहां लगातार कैंप कर रही हैं. हम किसान को सुरक्षित रखेंगे, साथ ही वन्यजीवों को रेस्क्यू करके सुरक्षित करने का कार्य भी करेंगे. मुख्यमंत्री ने नेता विरोधी दल से सवाल पूछना कि पीएम आवास योजना से लाभान्वित 55 लाख लोग पीडीए के पार्ट नहीं हैं क्या? क्यों नहीं अब तक इन्हें आवास मिला था, क्योंकि वो दलित और गरीब थे। 2017 से अबतक 55 लाख लोगों को आवास दिलाये गये हैं.
पहले दलित को नहीं मिलता था आवास
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोहिया आवास में आप सपा के कैडर को आवास देते थे. सपा कार्यालय ये तय करता था कि किसको आवास मिलना है. जब पीएम आवास की घषणा हुई, तब केंद्र में कांग्रेस और प्रदेश में सपा की सरकार थी, उस वक्त की सूची को हमने स्वीकार करते हुए सभी को मकान देने का कार्य किया है. जब मोदी सरकार आई तब भारत सरकार कहती थी कि आवास लीजिए और ये कहते थे कि दलित हमारा वोट बैंक नहीं है. ये लोग आवास देते ही नहीं थे. लगभग ढाई वर्ष तक ये सरकार में रहे.
2017 में जब हमारी सरकार आई उसके बाद 55 लाख गरीबों को आवास दिया गया है, जिसमें से 44 लाख से अधिक आवास में गृह प्रवेश भी हो चुका है. डबल इंजन सरकार ने एक और काम किया है. प्रयागराज में एक भूमाफिया की जमीन को मुक्त कराके 76 गरीबों को वहां भी आवास देने का कार्य किया गया है.
पूर्वी यूपी में इंसेफलाइटिस से चार साल में 50 हजार मौतें
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंसेफलाइटिस से पूर्वी यूपी में चालीस साल में 50 हजार बच्चों की मौत हुई थी. चार बार सपा को प्रदेश की सत्ता संभालने का मौका मिला था. 90 फीसदी मरने वाले बच्चे दलित, अल्पसंख्यक और अति पिछड़ी जाति के थे, क्या यहां पीडीए नहीं था. तब क्या कर रहे थे चार बार के आपके मुख्यमंत्री. और आपको तो पांच साल का मौका मिला था. उन्होंने कहा कहा कि मुझे ये बताने में गर्व होता है कि हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में इंसेफलाइटिस का समूल नाश कर दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आप जाइए गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, बस्ती, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोंडा, पीलीभीत, लखीमपुर और सहारनपुर तक इंसेफेलाइटिस समाप्त हो चुका है. बस घोषणा होना बाकी है.
10 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत की योजना का लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकारी अस्पताल में मरीज इसलिए आ रहा है कि उसे दवाएं मिल रही हैं और डॉक्टर मिल रहा है. आपके समय में न दवा थी, न डॉक्टर थे. अपनी विफलता को छिपाने के लिए आपको वहां किसी गरीब का आना और उसे आयुष्मान भारत सुविधा के अंतर्गत 5 लाख की बीमा की सुविधा मिलना बुरा लगता है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर 10 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत की सुविधा मिल रही है वो आपके लिए जाति हो सकती है, वोट बैंक का मुद्दा हो सकता है. हमारे लिए यूपी का नागरिक परिवार का हिस्सा है. हमें विरासत में जर्जर व्यवस्था मिली थी, उसे सुधारने में वक्त जरूर लगेगा मगर वहां उमड़ती भीड़ ये बताती है लोगों का इस व्यवस्था में विश्वास भी बढ़ा है। वहां पहले से सुविधा बेहतर हुई है. पब्लिक को आपमें विश्वास ही नहीं था इसलिए आपको नकार दिया.