यूपी विधानसभा मानसून सत्र: विपक्ष महंगाई और कानून व्यवस्था को बनाएगा मुद्दा, सत्तापक्ष ने की पलटवार की तैयारी
विधानमंडल के मानसून सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदस्यों से प्रदेश में बाढ़ व सूखे की स्थिति पर चर्चा का आह्वान किया है. वहीं मुख्य विपक्षी दल सपा ने मणिपुर की घटना पर निंदा प्रस्ताव लाने की रणनीति तैयार की है.
UP Assembly Monsoon Session 2023: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का 7 अगस्त से शुरू हो रहा मानसून सत्र हंगामेदार होने की संभावना है. विपक्ष जहां विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है, वहीं सत्तापक्ष की ओर से भी जवाब देने की रणनीति बनाई गई है.
इस बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने मानसूत्र सत्र से पहले रविवार को कार्यपरामर्शदात्री समिति की बैठक बुलाई. इसके अलावा सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष ने सभी दलों से सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण संचालित होने के लिए सहयोग की अपील की. हालांकि हर बार सत्र से पहले ऐसी बैठक में कही गई बात और सदन का नजारा पूरी तरह से अलग होता है.
विधानसभा के मानसून सत्र से पहले जिस तरह से संसद में विपक्ष और सरकार के बीच में तकरार देखने को मिल रही है, माना जा रहा है कि वैसा ही नजारा विधानसभा और विधान परिषद में नजर आएगा. दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे पर सियासी हमले की पूरी तैयारी है.
इसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों अपने-अपने एजेंडे को धार देने की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अलावा कांग्रेस व बसपा जहां टमाटर, छुट्टा पशु, महंगाई और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे. वहीं भाजपा भी विकास के मुद्दे पर केंद्रित रहते हुए पलटवार करने की पूरी तैयारी कर रही है.
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन के सकारात्मक रूप से संचालन के लिए रविवार को जो सर्वदलीय बैठक बुलाई है, उसमें सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की ओर से मनोज पांडेय उपस्थित रहे. इसके अलावा अन्य दलों के नेताओं की भी मौजूदगी रही. सुभासपा के एनडीए में शामिल होने के बाद इस बार उसके सदस्य सत्तापक्ष के साथ बैठते नजर आएंगे.
मानसून सत्र के पहले होने वाली इस सर्वदलीय बैठक में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, समाजवादी पार्टी की ओर से मनोज पांडेय, संजय निषाद (नेता विधानमंडल दल, निषाद पार्टी), आशीष पटेल (नेता विधान मंडल दल, अपना दल), ओमप्रकाश राजभर (नेता विधानमंडल दल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी), राजपाल बालियान (नेता विधानमंडल दल, आरएलडी), उमाशंकर सिंह (नेता विधानमंडल दल, बसपा), आराधना मिश्रा “मोना” (नेता विधानमंडल दल, कांग्रेस), राजा भैया (नेता विधानमंडल दल, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक) शामिल हुए.
इस बैठक के अलावा सत्तापक्ष और विपक्ष की अपनी अपनी बैठकें भी बुलाई गई. सपा विधानमंडल दल की बैठक पार्टी कार्यालय पर रविवार सुबह बुलाई गई. इसमें सभी विधायक और विधान परिषद सदस्य मौजूद रहे. नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव महंगाई, हाईवे पर छुट्टा पशुओं और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर लगातार बयान दे रहे हैं. माना जा रहा है कि विधानसभा सत्र के दौरान सपा इन्हीं मुद्दों को सदन के अंदर प्रमुखता से उठाएगी. वहीं मुख्य विपक्षी दल सपा ने मणिपुर की घटना पर निंदा प्रस्ताव लाने की रणनीति तैयार की है. इससे सदन में गतिरोध होना तय माना जा रहा है.
इसके अलावा भाजपा ने भी रविवार को शाम लोकभवन में अपने विधानमंडल दल की बैठक बुलाई. इसमें प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह मौजूद रहे. भाजपा ने अपने सभी विधायकों से कहा है कि वे सदन में पूरे समय मौजूद रहें. अगर किसी को कहीं जाना है तो उससे पहले इस संबंध में संसदीय कार्यमंत्री से जरूर बात करें.
कहा जा रहा है कि विपक्ष के हर आरोप का जवाब देने के लिए पूरी तैयारी से सदन में जाएं. विपक्ष प्रश्नप्रहर में सत्ता पक्ष को फंसाने की कोशिश करेगा, जिसका जवाब पूरे तर्कों के साथ दिया जाए. सत्तापक्ष ने अपने विकास कार्यों, सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता और गरीबों के लिए चलाई जा रही योजनाओं समेत अपनी प्रमुख उपलब्धियों को रखकर विपक्षी पार्टियों के आरोपों का जवाब देने के लिए कमर कस ली है.
बजट सत्र में सुर्खियों में रहा था सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान
इससे पहले बजट सत्र काफी हंगामेदार रहा था. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी गरमागरम बहस भी हुई थी. इस सत्र में प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड को लेकर दिए गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान की काफी चर्चा हुई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि माफिया को मिट्टी में मिला देंगे. वहीं अब मानसून सत्र भी काफी हंगामेदार रहने की संभावना है. भाजपा ने यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य रखा है तो मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 80 हराओ और बीजेपी हटाओ का नारा दिया है. सत्तापक्ष और विपक्ष में सदन में तकरार का माहौल देखने को मिल सकता है.
मानसून सत्र में पेश किए जाएंगे 13 विधेयक
इस बीच मानसून सत्र में बजट सत्र के बाद प्रदेश सरकार की ओर से जारी 13 अध्यादेश भी विधेयक के रूप में सदन में रखे जाएंगे. इनमें उत्तर प्रदेश दंड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) (संशोधन) अध्यादेश 2023, उत्तर प्रदेश नागर स्थानीय स्वायत्त शासन विधि (संशोधन) अध्यादेश-2023, उत्तर प्रदेश नगर पालिका (संशोधन) अध्यादेश-2023 और उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी (संशोधन) अध्यादेश 2023 हैं.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश 2023, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश 2023, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (तृतीय संशोधन) अध्यादेश 2023, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय ( चतुर्थ संशोधन) अध्यादेश 2023, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (पांचवां संशोधन) अध्यादेश 2023, उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज (संशोधन) अध्यादेश 2023, उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (संशोधन) अध्यादेश 2023, उत्तर प्रदेश जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्याग राज विश्वविद्यालय अध्यादेश 2023 और उत्तर प्रदेश माल एवं सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश 2023 को सदन में विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा.