यूपी विधानसभा शीतकालीन सत्र: वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 28760 करोड़ का अनुपूरक बजट किया पेश, जानें अहम बातें
उत्तर प्रदेश विधानसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान सपा नेता मनोज पांडेय ने शीतकालीन सत्र के छोटे होने पर सवाल उठाए. इस पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पलटवार करते हुए कहा कि सपा सरकार में सदन मात्र 90 दिन चला. ये लोग जब सत्ता पक्ष में होते हैं तो अलग और विपक्ष में होने पर अलग व्यवहार करते हैं.
UP Assembly Winter Session: प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 का पहला अनपुरक बजट पेश किया. बजट का आकार 28760 करोड़ रुपए है, जिसमें राजस्व लेखे का व्यय 1946.39 करोड़ रुपए है तथा पूंजी लेखे का व्यय 9714 करोड़ रुपए का है. वित्तीय वर्ष 2023-24 के प्रस्तावित अनुपूरक मांग में नई मांग की कुल धनराशि में 7421.2 करोड़ के प्रस्ताव सम्मिलित हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 का हमारा मूल बजट 6,90,242.43 करोड़ रुपए है, उसमें राजस्व लेखे का व्यय 5 लाख 235354.01 करोड़ रुपए था तथा पूंजी लेखे का व्यय 187888.42 करोड़ रुपए है. उत्तर प्रदेश विधानसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान सपा नेता मनोज पांडेय ने शीतकालीन सत्र के छोटे होने पर सवाल उठाए. इस पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पलटवार करते हुए कहा कि सपा सरकार में सदन मात्र 90 दिन चला. ये लोग जब सत्ता पक्ष में होते हैं तो अलग और विपक्ष में होने पर अलग व्यवहार करते हैं. उन्होंने सदन के चलाने की समय सीमा को लेकर कहा कि नियमावली में यथासंभव लिखा है, यानी जैसे आवश्यकता होती है वैसा सदन आयोजित किया जाता है. उन्होंने इस पर शेर पढ़ा, ‘आईना जब भी उठाया करो, पहले देखा करो फिर दिखाया करो’.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में अनुपूरक बजट को मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को इसे वित्त मंत्री ने सदन में पेश किया. वहीं विधान परिषद में नेता सदन के रूप में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस जिम्मेदारी को निभाया. इस बजट में औद्योगिक विकास सहित सरकार ने अपने धार्मिक एजेंडे के तहत धन की व्यवस्था की है. कई अहम परियोजनाओं को इस अनुपूरक बजट से रफ्तार मिलने की उम्मीद जताई गई है. पिछले वित्तीय वर्ष का आखिरी अनुपूरक बजट 33,768 करोड़ रुपए था. पिछले अनुपूरक बजट में पूंजीगत व्यय के लिए 20 हजार करोड़ और राजस्व लेखा के लिए करीब 13756 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई थी. प्रदेश सरकार ने विगत फरवरी में चालू वित्तीय वर्ष के लिए 6,90,242.43 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया था. अनुपूरक बजट को लेकर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि भाजपा सरकार प्रदेश के चतुर्मुखी विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है.
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अनुपूरक बजट में की गई अहम घोषणाएं
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सरकार ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लिए 2000 करोड़ रुपए के आवंटन की घोषणा की है.
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उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति के क्रियान्वयन के लिए 100 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.
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-पीएम मित्र योजना के अंतर्गत लखनऊ-हरदोई में पीएम मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र एवं परिधान पार्क की स्थापना के लिए 510 करोड़ रुपए देने की घोषणा की गई है.
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को मिला जवाब- हाथ मिलते रहे हैं, अलग भी होते रहते हैं
इससे पहले सरकार की ओर से जवाब दिया गया कि वर्ष 2007 से लेकर 2012 तक 19 शुगर मिल बेची गईं और 2012 से 2017 तक 11 शुगर फैक्ट्री बंद की गईं. वहीं मौजूदा सरकार के कार्यकाल में आठ शुगर मिल शुरू की गई हैं, दो नई जल्द शुरू होंगी और कई शुगर मिल की क्षमता वृद्धि की गई है. इस पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जितना कुछ सरकार की ओर से बताया जा रहा है, क्या उससे मान लिया जाए कि किसानों की आय दोगुनी हो गई है. कम से कम ये सूची दी जाए कि किस सरकार में कौन सी चीनी मिल बंद हुई और कौन सी बेच दी गई. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो कि जब मिल बेची गई हो तब अपने हाथ मिलाकर रखे हों. इसके जवाब में गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी की ओर से अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा गया कि पता नहीं हाथ कितनी बार मिल चुके हैं. भतीजा बुआ भी बन चुके हैं, भाई बहन भी बन चुके हैं. हाथ तो मिलते रहे हैं और अलग भी होते रहते हैं.