लखनऊ: यूपी बोर्ड ने मात्र 67 दिन में 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित करके 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इस बार 16 फरवरी से 4 मार्च तक परीक्षाएं आयोजित कराई गईं थी. इसके बाद रिकार्ड समय में कापियां जांची गयी. 25 अप्रैल को रिजल्ट जारीकर दिया गया.
यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 100 वर्षों के इतिहास में सबसे पहले परीक्षाफल घोषित करने का कीर्तिमान स्थापित किया है. 1921 में बोर्ड के गठन के बाद पहली बार 1923 में बोर्ड परीक्षा का संचालन किया गया था. तब से अब तक सबसे कम समय में बोर्ड ने परीक्षाफल घोषित किया है. इससे पहले 2019 में सबसे कम समय में 27 अप्रैल को परीक्षाफल की घोषणा हुई थी. तब 7 फरवरी से परीक्षा की शुरुआत हुई और 89 दिन में परीक्षाफल घोषित किया गया था.
यूपी बोर्ड के सचिव ने बताया कि हाईस्कूल में कुल 179 छात्रों ने टॉप-10 में जगह बनाई है. वहीं इंटर में यह संख्या 253 है. दोनों परीक्षाओं में कुल 432 छात्र-छात्राओं ने टॉप-10 में जगह बनायी है. महत्वपूर्ण बात ये है कि यूपी बोर्ड की परीक्षा सीबीएससी के 1 दिन बाद 16 फरवरी से शुरू हुई थी. लेकिन यूपी बोर्ड का रिजल्ट सीबीएसई से पहले घोषित कर दिया गया है. वह भी तब जब सीबीएसई की तुलना में यूपी बोर्ड में कई गुना छात्र अधिक हैं.
माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक महेंद्र देव और सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि सीएम योगी ने सभी उत्तीर्ण छात्रों को शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही उन्होंने परीक्षाओं में राज्य स्तर और जनपद स्तर पर टॉप 10 में आने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने की भी घोषणा की है.