UP Budget 2022: योगी सरकार बुजुर्ग पुजारियों, संतों, पुरोहितों के कल्याण के लिये भी कार्य करेगी. इसके लिये सरकार एक पुरोहित कल्याण बोर्ड की स्थापना करेगी. 2022-23 के बजट में बोर्ड की स्थापना के लिये एक करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है. यह बोर्ड बुजुर्ग पुजारियों, संतो व पुरोहितों के समग्र कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये कार्य करेगा.
योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के हर वर्ग की जनता की सामाजिक सुरक्षा का ताना-बाना तैयार किया है. इसके लिये वर्ष 2022-23 के बजट में व्यवस्था की गई है. बुजुर्ग पुजारियों से लेकर वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांग पेशन के लिये लगभग 13 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
योगी सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन के लिये बजट में 7053 करोड़ 56 लाख रूपये की व्यवस्था की है. वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 1000 रूपये प्रतिमाह दिया जा रहा है. इसमें लगभग 56 लाख वृद्धजनों को इसका फायदा हो रहा है. इसके अलावा योगी सरकार ने निराश्रित महिला पेंशन योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन की धनराशि 500 रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1000 रूपये प्रतिमाह कर दिया है. वित्तीय वर्ष 2021-2022 में इस योजना के अंतर्गत 31 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया था. इस बार बजट में इस योजना के लिये 4032 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
योगी सरकार 2.0 में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिये 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. इसके अलावा दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान की धनराशि जो वर्ष 2017 से पहले मात्र 300 रूपये प्रतिमाह प्रति व्यक्ति थी, उसे बढ़ाकर योगी सरकार ने 1000 रूपये प्रतिमाह कर दिया है. वर्तमान में इस योजना से प्रदेश के 11 लाख से अधिक दिव्यांगजन लाभान्वित हो रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में इस योजना के लिये 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है.
योगी सरकार ने कुष्ठावस्था विकलांग भरण – पोषण योजना के लिये 34.5 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है. इस योजना में 3000 रूपये प्रति माह कुष्ठ विकलांग भरण पोषण भत्ता दिया जाता है. मैनुअल स्कॅवेंजर मृत्यु क्षतिपूर्ति योजना के लिये 01.50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
शहरी स्ट्रीट वेंडर्स को आत्मनिर्भर बनाने के लिये प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत 08.45 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण देकर उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है. प्रदेश के 10 शहरों में 19 मॉडल स्ट्रीट वेंडिंग जोन का विकास किया जा रहा है. शहरी बेघरों के लिये आश्रय योजना के अंतर्गत 130 शेल्टर होम क्रियाशील किये जा चुके हैं.
पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों एवं अनाथ बच्चों को कक्षा 6 से 12 तक गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क आवासीय शिक्षा देने के लिये प्रदेश के 18 मंडलों में 01-01 अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना करायी जा रही है. इसके लिये 300 करोड रूपये की व्यवस्था की गयी है. उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक ( सेवायोजन और रोजगार ) आयोग का गठन किया गया है.