Lucknow: योगी सरकार के बजट से व्यापारियों का एक वर्ग नाराज है. सर्वहित व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार यादव का कहना है कि 6 करोड़ 15 लाख के बजट से व्यापारियों को निराशा हाथ लगी है. प्रदेश सरकार ने व्यापारियों की लंबे समय से ई-कॉमर्स नीति बनाने की मांग को अनदेखा किया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने बज़ट में व्यापारियों के लिए कुछ नहीं दिया. बजट से पता चलता है कि व्यापारी सरकार के लिए सिर्फ आय का साधान है. इससे ज्यादा सरकार की नज़र में व्यापारियों की कोई वैल्यू नहीं है.
यदि होती तो सरकार व्यापारियों के लिए भी बज़ट में कुछ रखती या व्यापारियों की लंबित मांगे मानती. उत्तर प्रदेश सरकार व्यापारियों में एकजुटता ना होने का फायदा उठा रही है. मौजूदा समय में किसी भी व्यापारिक संगठन में इतनी क्षमता नहीं कि व्यापारी हितों की नीतियां सरकार से बनवा सके. व्यापारियों को व्यापारी हितों के लिए नए नेतृत्व की तरफ देखना होगा. व्यापारियों को अपने हित के लिये एक बैनर के नीचे आना होगा.
बजट को देखें तो पता चलता है कि लगभग 4000 महिलाओं के लिए 20 करोड़ की राशि आवंटित की गई जो दुर्भाग्यपूर्ण है. उत्तर प्रदेश में महिलाओं की जनसंख्या लगभग 11 करोड़ है. अगर हम यह मानें कि इस जनसंख्या का 10% महिलाएं भी व्यापार से जुड़ी हुई हैं तो उनकी संख्या 1.10 करोड़ होती है.सरकार ने एमएसएमई में महिलाओं के कौशल विकास के लिए 20 करोड़ की राशि दी है.
50 हजार रुपये अगर एक महिला के कौशल विकास के लिए माना जाए तो सरकार की तरफ से आवंटित की गई 20 करोड़ की राशि में सिर्फ 4000 महिलाओं का ही समायोजन हो सकता है. इस तरह सिर्फ 4000 महिलाओं के लिए दी गई यह राशि बहुत ही कम है. यह 20 करोड़ की राशि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है.