UP Budget 2023: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार के वित्तीय बजट 2023 के दावों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि ये सरकार मेला लगाने में माहिर है. जिस पार्टी की सरकार केंद्र में कई वर्षों से हो, राज्य में हो, वहां का बजट दिशाहीन नजर आता है. इसमें ना आज की समस्याओं का समाधान है और ना भविष्य में आगे ले जाने का कोई रास्ता है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में बड़े-बड़े दावों के बीच यूपी में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस नहीं, ईज ऑफ डूइंग क्राइम है.
अखिलेश यादव ने कहा कि जिस प्रदेश में सबसे ज्यादा आबादी गांव में रहती है और खेती किसानी पर निर्भर हो, जहां नौजवान रोजगार, नौकरी की उम्मीद लगाए बैठा हो हो कि कुछ रास्ते खुलेंगे, वहां बजट 2023 से उन्हें निराशा हाथ लगी है. महिलाओं के लिए भी कुछ नहीं किया गया है. इसलिए ये दिशाहीन बजट है.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश की जो ग्रोथ रेट है, उससे वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी हम कब बन पाएंगे, ये बड़ा सवाल है. जिस तरह से यूपी की स्थिति है और यूपी की जो ग्रोथ रेट होनी चाहिए, उसके हिसाब से राज्य काफी पीछे है. इस ग्रोथ रेट से वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पहले दिल्ली की केंद्र सरकार ने किसानों का ध्यान नहीं दिया, उसी रास्ते पर अब यूपी की भाजपा सरकार चल रही है. किसानों को लेकर यहां की सरकार भी केंद्र की तरह बजट में कटौती कर रही है.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने दावा किया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम किया है. आज उत्तर प्रदेश की मंडियों की क्या स्थिति है, सभी को पता है. क्या किसान वहां पर अपनी उपज सही तरीके से बेच पा रहा है? इसके साथ ही 2022 तक किसानों की आय दोगुनी होने का वादा किया गया था. आज अगर हिसाब-किताब लगाएं तो क्या किसानों की आय दोगुनी हुई है. वहीं जिस तरह से पेट्रोल डीजल के दामों में इजाफा होता आया है, उसका असर यूपी के विकास प्रोजेक्ट पर भी पड़ा है.
अखिलेश यादव ने इन्वेस्टर्स समिट पर सवाल उठाते हुए कहा कि निवेश केवल यूपी में नहीं आ रहा है. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में जहां निवेशक सम्मेलन होता है, ये सभी निवेशक वहां जाते हैं. गुजरात में तो और बड़ी तैयारी होती है. सरकार बताए कि उसके पास क्या बेहतर है, जो ये उद्योगपति दूसरे राज्यों में ना जाकर उत्तर प्रदेश में आएं. क्या महंगी बिजली से उनका कारोबार प्रभावित नहीं होगा.
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सपा अध्यक्ष ने कहा कि इस सरकार ने एमएसएमई को बर्बाद करके रख दिया. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग खत्म हो गए. इनके लिए कोई राहत पैकेज नहीं है. कोई व्यवस्था नहीं है. सरकार सिंगल विंडो सिस्टम की बात करती है, हकीकत में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, फायर बिग्रेड जैसी एनओसी ही नहीं मिलती. वास्तव में यूपी में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस नहीं, ईज ऑफ डूइंग क्राइम है.