विधानसभा में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर पहुंचाने का संकल्प लिया है. वर्तमान में माध्यमिक स्तर के 804 राजकीय एवं 729 सहायता प्राप्त विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा तथा कौशल विकास मिशन के माध्यम से प्रवीण योजनान्तर्गत 301 राजकीय विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा के साथ-साथ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था की गई है. युवाओं को दीर्घकालीन व अल्पकालीन रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान किए जाने के लिए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन तथा असेवित क्षेत्रों में नए केन्द्रों की निजी संस्थाओं की भागीदारी के साथ स्थापना भी की जा रही है. उच्च शिक्षा संस्थानों में भी कौशल आधारित कोर्स बीबीए में रिटेल, लॉजिस्टिक, हेल्थकेयर और टूरिज्म व हॉस्पिटैलिटी की पढ़ाई के लिए 113 महाविद्यालयों का चयन किया गया है. व्यावसायिक शिक्षा के बेहतर बनाने के लिए कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिये व्यावहारिक, वोकेशनल ओरियेंटेशन कार्यक्रम चलाया जाएगा. वहीं माध्यमिक स्तर पर वित्तीय वर्ष 2024-2025 में व्यावसायिक शिक्षा योजना को बेहतर बनाने के लिए विद्यालयों को हब एवं स्पोक्स मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा. ओडीओपी के अनुरूप अधिकाधिक विद्यार्थियों को जॉब रोल/सेक्टर में नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क एवं नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुसार पाठ्यक्रम संचालित किए जाने की भी योजना है. इसमें राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के माध्यम से 12वीं उत्तीर्ण करने पर यूपी बोर्ड के प्रमाण-पत्र के साथ-साथ कम्प्यूटर शिक्षा का प्रमाण-पत्र दिए जाने पर काम किया जाएगा.
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विद्यार्थियों को मिलने वाले कौशल प्रशिक्षण के क्रेडिट उनके क्रेडिट बैंक में शामिल किया जाएगा. इससे विद्यार्थियों को रोजगार के साथ-साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा. टाटा टेक्नोलोजीज लिमिटेड की सहभागिता से प्रदेश के राजकीय क्षेत्र के 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में आधुनिक कार्यशालाओं एवं क्लासों का निर्माण अन्तिम चरण पर है. प्रदेश के अन्य ऐसे अवशेष 69 संस्थान जहां कम से कम 5000 वर्ग फीट की भूमि उपलब्ध है उनका उन्नयन वित्तीय वर्ष 2024-2025 में कराया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिए 818.75 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है. अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से युवाओं को उद्योगों में भत्ते के साथ प्रशिक्षण प्रदान किए जाने के क्रम में मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 70 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है.
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वहीं आवासीय क्रीड़ा छात्रावासों में अध्ययनरत खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रशिक्षण की आवश्यकता को देखते हुए 50 अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को मानदेय 1.50 लाख रुपए प्रतिमाह पर प्रशिक्षण के रखे जाने की व्यवस्था की गई है. प्रदेश के सभी जिलों में खेल अवस्थापनाओं के विकास हेतु 195 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो वर्तमान वर्ष के बजट से 67 प्रतिशत अधिक है. प्रदेश में निजी सहभागिता से खेल अवस्थापनाओं के निर्माण हेतु 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है. राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार योजना के लिए 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है. स्पोर्टस साइन्स एण्ड इन्जरी सेन्टर की स्थापना हेतु 12 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है.