UP Budget Session 2023: विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को सरकार को आंकड़ेबाजी पर घेरा. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ आंकड़ों के जरिए ग्रोथ रेट हासिल करने के लिए एक कंपनी पर 200 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. मुख्यमंत्री जी को जो सच्चाई नहीं बताता हो, वह आर्थिक सलाहकार बदल देना चाहिए. उन्होंने कहा कि वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लिए 34 प्रतिशत की ग्रोथ रेट चाहिए, यह तभी हासिल की जा सकती है, जब समाजवादियों के घोषणा पत्र पर काम हो.
अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री और सरकार को सच से दूर करने के लिए 200 करोड़ में एक संस्था से अनुबंध किया गया है. सिर्फ इस बात के लिए 200 करोड़ करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य की बात कर रही है. इसके लिए ग्रोथ रेट 19 प्रतिशत तक ले जाने की बात कही जा रही है. सरकार बताए कि इसका सोर्स क्या है. उन्होंने कहा कि सरकार हमसे हर चीज का सोर्स पूछती है, कम से कम वह स्वयं बताए कि 19 प्रतिशत तक कैसे इसे पहुंचाएगी. इसके लिए आपके सोर्स क्या हैं.
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अखिलेश यादव ने कहा कि वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को पाने के लिए हकीकत में जो आपको 34 प्रतिशत की ग्रोथ रेट चाहिए होगी. आपका जो छह साल का ट्रैक रिकॉर्ड है, उससे यह कैसे संभव है. ये आपको कहां पर ले जा रहा है. उन्होंने कहा कि 34 प्रतिशत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार को जो भी सहयोग चाहिए, हम आपके साथ खड़े हैं.
अखिलेश यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी को अपना सलाहकार बदल देना चाहिए. अगर आपको कोई गुमराह करें, एडवाइजर गुमराह करे, जो आपको सही सच्चाई ना बताता हो, उस आर्थिक सलाहकार का क्या करेंगे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को सलाह देने वाली कंपनी सिर्फ डाटा को मैनेज करने का काम कर रही है. सरकार उसे ग्रोथ रेट 34 प्रतिशत साबित करने के लिए 200 करोड़ रुपये दे रही है. अखिलेश यादव ने कहा कि क्या सरकार के आर्थिक सलाहकार, बड़े बड़े अधिकारी, प्लानिंग कमीशन और वित्त विभाग सब फेल हो गए हैं. जो 200 करोड़ देकर आप कंपनी से सुझाव लेंगे. सरकार ने एक अमेरिकी कंपनी को सलाह के नाम पर इस बड़े झूठ का तानाबाना बुनने का ठेका दे दिया है. इस पर सदन में विपक्ष के सदस्यों ने ‘शेम-शेम के नारे लगाए.
अखिलेश यादव ने कहा कहा कि अपने सरकार की पुरानी बनी संस्थाओं का धक्का मार दिया. सरकार कहती है कि बेरोजगारी की दर 4.2 प्रतिशत है. जिस तरह गन्ना के मामले में गुमराह किया जाता है, वैसा ही हो रहा है. हम विपक्ष के सदस्य पूछते हैं तो सरकार कहती है कि इतना भुगतान कर दिया. हम सभी सदस्य जाना चाहते हैं कि बकाया क्या-क्या हैं. लेकिन, हर बार भुगतान की बात कही जाती है. इसी तरह सरकार कहती है कि बेरोजगारी दर 4.2% है. यह रोजगार का रोजगार और नौकरी का डाटा नहीं हो सकता. अगर सच्चा आंकड़ा सरकार को बताना है तो ‘एंप्लॉयमेंट रेट’ बतानी चाहिए.