Loading election data...

UP Budget Session 2023: अखिलेश यादव के ‘चिकित्सक भर्ती विज्ञापन’ पर ब्रजेश पाठक नहीं दे सके जवाब, कही ये बात

UP Budget Session 2023: अखिलेश यादव ने चिकित्सक भर्ती विज्ञापन बार बार रद्द होने पर उमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक से सवाल किया कि आखिर इसका क्या कारण है? क्या आप किसी को खुश करने के लिए करने के लिए या किसी का इंतजार करने के लिए तो ऐसा नहीं कर रहे हैं

By Sanjay Singh | February 27, 2023 2:00 PM

UP Budget Session 2023: विधानसभा में बजट सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को अस्पतालों में सरकारी चिकित्सकों की भर्ती के लिए बार-बार विज्ञापन निकालने और फिर उन्हें रद्द किए जाने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार लगातार विज्ञापन निकालती है और उसे कैंसिल कर देती है.

अखिलेश यादव ने कहा कि राजधानी के सबसे प्रतिष्ठित लखनऊ कैंसर इंस्टिट्यूट के लिए भी विज्ञापन निकाला गया और फिर कैंसिल कर दिया गया. इसी तरह सैफई यूनिवर्सिटी को लेकर भी सरकार ने विज्ञापन निकलवाया और फिर कैंसिल कर दिया.

नेता प्रतिपक्ष ने उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक से सवाल किया कि आखिर इसका क्या कारण है? क्या आप किसी को खुश करने के लिए करने के लिए या किसी का इंतजार करने के लिए तो ऐसा नहीं कर रहे हैं कि जब उसका कोर्स पूरा हो जाएगा, तब उसे विज्ञापन के माध्यम से शामिल कर दिया जाएगा.

Also Read: उमेश पाल हत्याकांड: पूजा पाल बोलीं, अतीक से कनेक्शन, शाइस्ता परवीन ने की CBI जांच की मांग, एनकाउंटर का अंदेशा

उन्होंने कहा कि 45 मेडिकल कॉलेज हैं, मैं सिर्फ दो बारे में पूछ रहा हूं. लखनऊ कैंसर इंस्टिट्यूट में जो पद खाली हैं, वह कब तक भरे जाएंगे. इस पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि यह प्रश्न मूल प्रश्न से हटकर है. इसलिए वह अधिकारियों से बात करेंगे कि ऐसा क्यों हुआ? उन्होंने कहा कि इसके बाद वह इस संबंध में सदन को अवगत कराएंगे.

पांच वर्षों में आवारा पशुओं की संख्या में 17 प्रतिशत इजाफा

वहीं कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा सहित अन्य सदस्यों ने विधानसभा में सोमवार को आवारा पशुओं से किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान का मुद्दा उठाया. आराधना मिश्रा ने कहा कि प्रदेश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर आधारित है. किसान खाद, डीजल, बिजली आदि के महंगे होने के बावजूद उत्पादन करता है, इसके बाद उसके फसल की रक्षा करने के लिए पहरेदारी करनी पड़ती है.

कंटीले तारों पर इसलिए लगाया गया प्रतिबंध, किसान इसका करें उपयोग

उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 5 वर्षों में आवारा पशुओं की संख्या में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. आवारा पशुओं की 11.15 लाख बढ़ी है. सरकार ने खेत के चारों और कंटीले तार लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके जवाब में सरकार की ओर से कहा गया ​कि कंटीले तारों की वजह से गोवंश की मौत हो रही थी. उनके पेट में जहरीले तार लगने के कारण वह तड़प कर मर जाते हैं, इसलिए इस पर रोक लगाई गई है. किसान इसके अलावा दूसरे तार लगा सकते हैं.

Next Article

Exit mobile version