UP By-Election: यूपी की इन सीटों पर मुस्लिम वोटर बिगाड़ेंगे योगी का खेल! अखिलेश के लिए साबित होंगे संजीवनी
UP By-Election: उत्तर प्रदेश में 20 नवंबर दिन बुधवार को होने जा रहे उपचुनाव में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर हैं. यह 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद राज्य का पहला बड़ा चुनाव है, जिसमें भाजपा और समाजवादी पार्टी दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है.
UP By-Election: उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए बुधवार को वोटिंग होनी है, लेकिन हम बात करेंगे सीसामऊ विधानसभा, कटेहरी विधानसभा, कुंदरकी विधानसभा , फूलपुर विधानसभा और मझवां विधानसभा के जातीय वोटरों की संख्या और निर्णायक समीकरण पर. जिनके प्रभाव से जीत हार तय होती है. सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मुस्लिम वोटर है. इसलिए मौजूदा वक्त में यह यूपी की सर्वाधिक चर्चित विधानसभा सीटों में से एक है. इस सीट पर लगभग 45 फीसदी वोटर मुस्लिम हैं. यहां समाजवादी पार्टी कई बार से लगातार जीत हासिल कर रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में सपा के इरफान सोलंकी विधायक बने. कोर्ट से एक मामले में सजा होने के बाद सीट खाली हो गई और उपचुनाव कराया जा रहा है. सपा ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं भाजपा ने सुरेश अवस्थी को और बसपा ने वीरेन्द्र कुमार शुक्ला को टिकट दिया है.
जानें सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में जातीय वोटरों का समीकरण
मुस्लिम- 1,11,000
ब्राह्मण- 70,000
एससी- 60,000
कायस्थ- 26,000
अति पिछड़ा- 13,000
ठाकुर- 6,000
सिंधी और पंजाबी- 6,000
यादव- 4,000
कटेहरी विधानसभा सीट पर मुस्लिम वोटर करेंगे खेल
कटेहरी विधानसभा क्षेत्र में पहले नंबर पर 87 हजार एससी वोटर हैं. वहीं दूसरे नंबर पर 50 हजार मुस्लिम वोटर हैं. अयोध्या से सटे अंबेडकरनगर जिले की इस विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला सपा और भाजपा के बीच माना जा रहा है. हालांकि भाजपा लंबे समय से इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई है. पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के लालजी वर्मा जीते और फिर साल 2024 के लोकसभा चुनाव में अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से जीतकर सांसद बन गए. इस वजह से यहां पर उपचुनाव हो रहा है. सपा ने लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा और भाजपा ने धर्मराज निषाद को टिकट दिया है. वहीं बसपा ने अमित वर्मा को उतारा है. यहां बसपा की पैठ रही है, लेकिन इस बार मुख्य मुकाबले में नहीं दिख रही. सपा और भाजपा की नजर बसपा से छिटकते वोट बैंक पर है. ऐसा लग रहा है कि जिसे बसपा का वोट ट्रांसफर होगा, वह सीट पर जीत दर्ज करेगा.
कटेहरी विधानसभा क्षेत्र में जातीय वोटरों की संख्या
एससी- 87,000
मुस्लिम- 50,000
ब्राह्मण- 45,000
कुर्मी- 42,000
यादव- 29,000
निषाद- 21,000
राजभर- 18,000
ठाकुर- 18,000
बनिया- 13,000
प्रजापति- 11,000
मौर्य- 6,500
पाल- 5,500
विश्वकर्मा- 5,000
नाई- 5,000
कुंदरकी विधानसभा सीट पर मुस्लिम वोटरों का रहेगा दबदबा
कुंदरकी विधानसभा सीट मुरादाबाद जिले की मुस्लिम बाहुल्य सीट है. यहां 65 फीसदी मुस्लिम मतदाता है. यह दिग्गज नेता मरहूम शफीकुर रहमान बर्क के व्यक्तिगत प्रभाव वाली सीट रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में शफीकुर रहमान बर्क के पोते जियाउर्रहमान बर्क ने सपा के टिकट पर जीत हासिल की, जो साल 2024 के लोकसभा चुनाव में जीतकर संभल लोकसभा सीट से सांसद बन गए. जिससे कुंदरकी में विधानसभा उपचुनाव हो रहा है. इस बार भी यहां मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच माना जा रहा है. सपा ने हाजी रिजवान को चुनावी मैदान में उतारा है तो भाजपा ने रामवीर सिंह और बसपा ने रफतउल्ला उर्फ नेता छिद्दा को टिकट दिया है.
कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में जातीय वोटरों की संख्या
मुस्लिम- 2,20,000
अति पिछड़ा- 40,000
एससी- 30,000
सैनी- 25,000
ठाकुर- 20,000
लोधी- 15,000
यादव- 10,000
ब्राह्मण- 5,000
जाट- 4,000
फूलपुर विधानसभा सीट पर यादव और मुस्लिम करेंगे खेल
फूलपुर विधानसभा सीट एक जमाने में पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की राजनीतिक कर्मभूमि रही. यहां जीत हार काफी हद तक जातीय समीकरणों को साधने पर निर्भर करती है. हर बार आखिरी पलों तक सस्पेंस बना रहता है. पिछले चुनाव में भाजपा के टिकट पर जीतने वाले प्रवीण पटेल 2024 के लोकसभा चुनाव में सांसद बन गए तो उपचुनाव की नौबत आई. भाजपा ने पूर्व सांसद केसरी देवी पटेल के बेटे दीपक पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि सपा ने मुज्तबा सिद्दीकी को चुनावी मैदान में उतारा है. यूपी में सबसे कड़ा मुकाबला इसी सीट पर इस बार हो सकता है.
फूलपुर विधानसभा क्षेत्र में जातीय वोटरों की संख्या
एससी- 75,000
यादव- 70,000
पटेल- 60,000
मुस्लिम- 50,000
ब्राह्मण- 50,000
पासी- 35,000
निषाद- 22,000
वैश्य- 16,000
ठाकुर- 15,000
मझवां विधानसभा पर दो देवियों के बीच मुकाबला
मझवां विधानसभा सीट पर कभी कांग्रेस का वर्चस्व था. फिर बसपा का दौर आया और अब भाजपा का है. यहां से अब तक सपा का खाता तक नहीं खुल सका है. मिर्जापुर जिले की मझवां विधानसभा सीट पर पिछली बार भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी की तरफ से डॉ. विनोद बिंद चुनाव जीते. 2024 के लोकसभा चुनाव में वह भदोही से लोकसभा सांसद बन गए तो यह सीट खाली हुई. इस बार उपचुनाव में सीधा मुकाबला भाजपा-सपा के बीच है, लेकिन बसपा इस सीट पर मजबूती से चुनाव लड़ती दिख रही है. भाजपा ने सुचिस्मिता मौर्य को टिकट दिया है जबकि सपा ने पूर्व सांसद रमेश बिंद की बेटी ज्योति बिंद को दिया है. अबकी बार मुकाबला दो देवियों के बीच है. दोनों ही ओबीसी उम्मीदवार है. बसपा ने ब्राह्मण चेहरे के तौर पर दीपक तिवारी को उतारा है.
मझवां विधानसभा क्षेत्र में जातीय वोटरों की संख्या
बिंद- 70,000
एससी- 65,000
ब्राह्मण- 65,000
कुशवाहा/मौर्य- 35,000
यादव- 30,000
कुर्मी- 25,000
पाल- 22,000
भूमिहार- 22,000
मुस्लिम- 22,000
ठाकुर- 10,000