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UP- राजस्थान में बदलता रहा ठिकाने, 10 फोन की ट्रैकिंग और दो महीने के पीछा के बाद एसटीएफ को मिला असद

असद अहमद 2005 में बसपा विधायक की हत्या के गवाह उमेश पाल की हत्या के मामले में वांछित था. उसकी सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी भी मारे गए थे. पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गयी थी. सीसीटीवी फुटेज में असद बंदूक लिए नजर आ गया था.

लखनऊ: गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे और उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद अहमद और उसके साथ शूटर गुलाम मोहम्मद को गुरुवार को एक मुठभेड़ में मार गिराया गया. उत्तर प्रदेश की स्पेशल टॉस्क फोर्स (UP STF) को यह सफलता असद का करीब दो महीने तक पीछा करने के बाद हासिल कर सकी है.

उमेश को मारने के बाद लखनऊ पहुंचा था असद

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उमेश पाल की दिनदहाड़े हुई हत्या ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए और इसमें शामिल लोगों को पकड़ने के लिए पुलिस हरकत में आ गई. हत्याकांड को अंजाम देने के बाद असद लखनऊ भाग गया था. पुलिस से बचने के लिए असद लगातार ठिकाना बदलता रहा.

दिल्ली से अजमेर पहुंचा, एमपी पहुंचने से पहले मारा गया

लखनऊ से असद कानपुर भाग गया. कानपुर से मेरठ गया और वहां एक सप्ताह तक छिपा रहा. मेरठ में फरारी काटने के बाद असद दिल्ली के संगम विहार इलाके में छिप गया. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र छोड़ने के बाद अजमेर पहुंच गया. अजमेर से मध्य प्रदेश भाग जाने का फैसला किया. योजना के मुताबिक वह झांसी के रास्ते मध्य प्रदेश पहुंचने की योजना थी. लगातार ठिकाने बदलने के दौरानप असद ने ट्रैकिंग से बचने के लिए 10 सिम कार्ड बदल दिए थे.

अतीक अहमद के गिरोह में पुलिस का मुखबिर

उत्तर प्रदेश पुलिस सूत्रों ने कहा कि अतीक अहमद के गिरोह में उनका एक मुखबिर था, जो उन्हें असद के ठिकाने के बारे में बताता रहता था. जैसे ही असद झांसी पहुंचा, पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए शहर में जगह-जगह छापेमारी शुरू कर दी. हत्याकांड में असद और उसका सह-आरोपी गुलाम बाइक से मध्य प्रदेश के लिए निकले और पुलिस ने उनको मार गिराया.

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