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UP Chunav 2022: असदुद्दीन ओवैसी का ‘यूटर्न’, ट्वीट कर दी सफाई, बोले- हिंसा के लिए नहीं उकसाया

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए यूपी पुलिस को चेतावनी दी, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है, इस बीच ओवैसी ने ट्वीट कर अपने इस वीडियो पर सफाई दी है.

UP Assembly Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव का समय दिन ब दिन नजदीक आता जा रहा है. इस बार यूपी चुनाव के जरिए एक नई पार्टी प्रदेश में एंट्री लेने की जद्दोजहद में जुटी हुई है. ये पार्टी है ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM), जिसके चीफ असदुद्दीन ओवैसी हैं. अवैसी ने प्रदेश में एंट्री के लिए धर्म की राजनीति को सबसे ऊपर रखा है, जिसका ताजा उदाहरण उनका हाल ही वायरल वीडियो है, जिसमें जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी यूपी पुलिस को चेतावनी देते नजर आ रहे हैं.

ओवैसी ने अपने भड़काऊ भाषण पर दी सफाई

ओवैसी ने अपने भड़काऊ भाषण पर विवाद बढ़ते देख अब ट्वीट कर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि #HaridwarGenocidalMeet (हरिद्वार में हुए एक कथित धार्मिक सम्मेलन) से ध्यान भटकाने के लिए मेरे द्वारा कानपुर में दिए गए 45 मिनट के भाषण में से सिर्फ 1 मिनट का क्लिप वीडियो प्रसारित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि, मैंने हिंसा के लिए न किसी को उकसाया और न किसी को धमकी दी. मैंने वीडियो में सिर्फ पुलिस अत्याचारों के बारे में बात की.

आखिर क्या कहा ओवैसी ने जो मच गया बवाल

दरअसल, ओवैसी ने मंच से कहा था कि, ‘मैं तो उन पुलिस के लोगों से कहना चाहता हूं, याद रखना मेरी बात को. हमेशा योगी मुख्यमंत्री नहीं रहेगा और हमेशा मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहेगा. हम मुसलमान वक्त के तिमार से खामोश जरूर हैं, मगर याद रखो हम तुम्हारे जुल्म को भूलने वाले नहीं हैं. हम तुम्हारे जुल्म को याद रखेंगे. अल्लाह… अपनी ताकत के जरिए तुम्हारी अंतिम को नेस्तनाबूद करेंगे, और हम याद रखेंगे. हालात बदलेंगे. जब कौन बचाने आएगा तुमको? जब योगी अपने मठ में चले जाएंगे, मोदी पहाड़ों में चले जाएंगे. जब कौन आएगा? हम नहीं भूलेंगे,’

Also Read: UP Chunav 2022: UP चुनाव की तैयारी में जुटा इलेक्शन कमीशन, कभी भी हो सकता है तारीखों का ऐलान यूपी चुनाव में क्या है ओवैसी की सियासी रणनीति

दरअसल, युपी चुनाव से पहले ओवैसी हर उस वर्ग तक अपनी पहुंच बना लेना चाहते हैं, जोकि किसी न किसी प्रकार से योगी सरकार से आहत हैं. यही कारण है कि ओवैसी लगातार यूपी के मुसलमानों को इज्जत और प्रदेश में उनकी कोई भागीदारी न होने का मुद्दा जोर शोर से उठा रहे हैं. तीन नए कृषि कानून और अन्य मुद्दों को लेकर (अब वापस हो चुके हैं) किसानों का एक बड़ा वर्ग बीजेपी से नाराज चल रहा है. ऐसे में ओवैसी मंच से मुसलमानों और किसानों की फिक्र करना नहीं भूलते जिसका सीधा मतलब युपी चुनाव से जोड़ कर देखा जा सकता है.

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