UP Chunav 2022: ADR की रिपोर्ट में 45 विधायकों पर आरोप तय, नहीं लड़ सकेंगे चुनाव, लिस्ट में BJP के सबसे अधिक

एसोसिएट डेमोक्रेटिक रिफार्म (ADR) की रिपोर्ट ने प्रदेश के 45 मौजूदा विधायकों की चिंता बढ़ा दी है. दरअसल, इन विधायकों पर एमपी-एमएलए कोर्ट में आरोप तय हो गए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2021 9:45 AM

UP Chunav 2022: चुनाव आयोग कभी भी आगामी यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान कर सकता है. राजनीतिक पार्टी और उनके उम्मीदवार चुनावी तैयारियों में जुटे हुए हैं. इस बीच एसोसिएट डेमोक्रेटिक रिफार्म (ADR) की रिपोर्ट ने प्रदेश के 45 मौजूदा विधायकों की चिंता बढ़ा दी है. दरअसल, इन विधायकों पर एमपी-एमएलए कोर्ट में आरोप तय हो गए हैं, जिसके बाद विधायकों के चुनाव लड़ने पर रोक लगना लगभग तय है.

45 विधायक नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

एडीआर की रिपोर्ट के बाद अब चिन्हित 45 विधायक आगामी चुनाव लड़ने से तो वंचित रहेंगे ही, बल्कि इसके बाद के चुनाव में भी खड़े नहीं हो सकेंगे, क्योंकि सजा काटने और रिहाई के छह साल बाद तक आरोपियों के चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है. हालांकि चुनाव लड़ने की योग्यता और अयोग्यता का फैसला लेना केंद्रीय चुनाव आयोग के कार्य अधिकार क्षेत्र का मामला है.

किस पार्टी के कितने विधायक नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन विधायकों पर एमपी-एमएलए कोर्ट में आरोप तय हुए हैं उनमें बीजेपी के 32, सपा के पांच, बसपा के तीन, अपना दल के तीन, कांग्रेस का एक और अन्य दल का एक विधायक शामिल है. कुल 45 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित रहने की औसत संख्या 13 वर्ष है. 32 विधायकों के खिलाफ दस साल या उससे अधिक समय से कुल 63 मामले लंबित हैं.

इन विधायकों पर आरोप तय

  1. विधयाक का नाम- रमा शंकर सिंह, विधानसभा क्षेत्र- मड़िहान, पार्टी- भाजपा

  2. मुख्तार अंसारी- मऊ-बसपा

  3. अशोक कुमार राणा-धामपुर-भाजपा

  4. सूर्य प्रताप-पथरदेवा-भाजपा

  5. संजीव राजा-अलीगढ़-भाजपा

  6. कारिंदा सिंह- गोवर्धन-भाजपा

  7. सुरेश्वर सिंह-महसी-भाजपा

  8. राज कुमार पाल-प्रतापगढ़-अपना दल

  9. अमर सिंह-शोहरतगढ़-अपना दल

  10. हरिराम-दुद्धी- अपना दल

  11. उमेश मलिक-बुढ़ाना-भाजपा

  12. सत्यवीर त्यागी-मेरठ-किठोर

  13. मनीष असीजा-फिरोजाबाद-भाजपा

  14. नंद किशोर-लोनी भाजपा

  15. देवेन्द्र सिंह-कासगंज-भाजपा

  16. वीरेन्द्र-एटा-भाजपा

  17. विक्रम सिंह-खतौली-भाजपा

  18. धर्मेन्द्र कु सिंह शाक्य-शेखुपुर-भाजपा

  19. राजेश मिश्र-बिथरी चैनपुर-भाजपा

  20. बाबू राम-पूरनपुर-भाजपा

  21. मनोहर लाल-मेहरौनी-भाजपा

  22. बृजभूषण -चरखारी-भाजपा

  23. भूपेश कुमार-राबर्ट्सगंज-भाजपा

  24. सुरेन्द्र मैथानी-गोविंदनगर-भाजपा

  25. अभय कुमार-रानीगंज-भाजपा

  26. राकेश कुमार-मेंहदावल-भाजपा

  27. संजय प्रताप जायसवाल-रुधौली-भाजपा

  28. राम चंद्र यादव-रुदौली-भाजपा

  29. गोरखनाथ-मिल्कीपुर-भाजपा

  30. इंद्र प्रताप-गोसाईगंज-भाजपा

  31. अजय प्रताप-कर्नलगंज-भाजपा

  32. श्रीराम-मोहम्मदाबाद गोहना-भाजपा

  33. आनंद-बलिया-भाजपा

  34. सुशील सिंह-सैयदरजा-भाजपा

  35. रवीन्द्र जायसवाल-वाराणसी-भाजपा

  36. राजकरन-नरैनी-बांदा

  37. राकेश प्रताप सिंह-गौरीगंज-सपा

  38. शैलेन्द्र यादव ललई-शाहगंज-सपा

  39. प्रभुनाथ यादव-सकलडीहा-सपा

  40. मो रिजवान-कुंदरकी-सपा

  41. असलम अली-धोलना-बसपा

  42. मो असलम-भिनगा-बसपा

  43. अजय कुमार लल्लू-तमकुहीगंज-कांग्रेस

  44. विजय कुमार-ज्ञानपुर-अन्य दल

  45. एक अन्य (पार्टी का नाम ज्ञात नहीं)

क्या हैं एमएलए-एमपी की अयोग्यता के पैमाने

आरपी अधिनियम 1951 की धारा 8 (1), (2) और (3) के तहत सूचीबद्ध अपराधों में ये आरोप तय हुए हैं. इन मामलों में कम से कम छह महीने की सजा होती है. दरअसल, एक्ट की धारा आठ (1) में दोषी पाए जाने पर अयोग्य घोषित किया जाता है, जबकि धारा 8(2) के तहत कम से कम 6 महीने की सजा आयोग्य घोषित किया जाता है. इसके अलावा धारा 8(3) के तहत दोषी पाए जाने पर 2 साल से कम की सजा और अयोग्य घोषित किया जाता है.

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