UP Chunav 2022: भाजपा ने अब तक एक ही काम किया है, वह है सपा के खिलाफ साजिश रचना- अखिलेश यादव

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि राजनीति को अभद्र भाषा और असंगत कार्य व्यवहार से भाजपा ने बुरी तरह प्रदूषित किया है. उसे लोकलाज के विरूद्ध आचरण करने में जरा भी संकोच नहीं है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 30, 2021 7:41 PM

UP Chunav 2022: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा ने जनता को बुरी तरह निराश किया है. उसकी नीतियों और कार्यप्रणाली से उत्तर प्रदेश की जनता असंतुष्ट है. किसान, नौजवान, गरीब महंगाई की मार से टूट गए हैं. इसलिए जनता अब भाजपा से मुक्ति चाहती है. उसको भरोसा है कि समाजवादी सरकार बनने पर ही भला होगा.

अखिलेश यादव मंगलवार को सपा कार्यालय लखनऊ में डॉ. राममनोहर लोहिया सभागार में मौजूद कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि जनता यह भी जानती है कि भाजपा ने देश की अर्थव्यवस्था को तहस-नहस करने के साथ नोटबंदी और जीएसटी से व्यापार और काम धंधा भी चौपट कर दिया है. विकास अवरुद्ध है. समाजवादी सरकार के कामों को ही वह अपना बताकर अपनी अकर्मण्यता पर पर्दा डाल रही है. जब उसकी सत्ता से रवानगी के चंद दिन रह गए हैं तो लोगों को बहकाने के लिए भाजपा सरकार लोकार्पण और शिलान्यास का नाटक करने लगी है.

Also Read: UP Election 2022: जिन्ना को छोड़िए, अखिलेश यादव ओसामा बिन लादेन को अपना आदर्श बता दें- नंद गोपाल नंदी

सपा सुप्रीमो ने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा ने अब तक एक ही काम किया है. वह है- समाजवादी पार्टी के विरूद्ध साजिशें रचना. भाजपा का काम झूठे आरोपों का प्रचार-प्रसार करना भी है. राजनीति को अभद्र भाषा और असंगत कार्य व्यवहार से भाजपा ने बुरी तरह प्रदूषित किया है. भाजपा को लोकलाज के विरूद्ध आचरण करने में जरा भी संकोच नहीं.

Also Read: पहले भूमि अधिग्रहण बिल, फिर कृषि कानून, दोनों बार बीजेपी को जनशक्ति से माननी पड़ी हार: अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि उसके राज में अन्नदाता किसान और देश के भविष्य नौजवान दोनों की घोर उपेक्षा हुई है. अपने जीवन-मरण की लड़ाई लड़ रहे किसानों को भाजपा ने लांछित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. आज भी किसानों की आवाज नहीं सुनी गई है. नौजवान बेरोजगारी के शिकार हैं. प्रदेश में तमाम होहल्ले के बावजूद बाहर से निवेश नहीं आया. इस वजह से रोटी-रोजगार के साधन नहीं बन पाए. नौकरियां मिलने के बजाय छूट रही हैं. जनसामान्य के साथ बढ़ते अन्यायों के कारण हर तरफ आक्रोश है.

Posted By: Achyut Kumar

Next Article

Exit mobile version