रामपुर: सना खानम की जिंदगी तब बदल गई जब उन्होंने मामून शाह से शादी कर ली. एक निजी स्कूल में शिक्षिका से, वह कुछ ही हफ्तों में रामपुर नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष बन गईं. उन्होंने 15 अप्रैल को शादी की, अगले ही दिन उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया. श्री शाह खुद इस पद के लिए चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन यह पद महिलाओं के लिए आरक्षित होने के कारण ऐसा नहीं कर सके. मामून शाह कहते हैं कि वह पिछले 20 वर्षों से सामाजिक कार्यों में हैं . शहर में पोलियो उन्मूलन के लिए काम किया है. वह पहले कांग्रेस के रामपुर शहर अध्यक्ष थे, लेकिन हाल ही में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. शाह का कहना है कि “शादी का फैसला 13 अप्रैल को लिया गया था.
रामपुर नगर पालिका परिषद के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सना खानम ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह शादी अरेंज्ड थी. सना खानम ने कहा, “जब शादी हुई तो यह बहुत अच्छा महीना (रमजान) था. यह पूर्व निर्धारित था. चुनाव लड़ने का फैसला शादी के बाद किया गया क्योंकि सीट महिलाओं के लिए आरक्षित घोषित की गई थी.” सना खानम बताती हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने लोगों की समस्याओं को बेहद करीब से देखा और अब वह हर संभव तरीके से उनका समाधान करने का काम करेंगी. खानम ने यह भी कहा कि उनके स्कूल केछात्र शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में उनकी जीत से उत्साहित हैं.
आम आदमी पार्टी की खानम को 43,121 मत मिले, जबकि भाजपा उम्मीदवार मसरत मुजीब 32,173 मतों के साथ उपविजेता रहे. पार्टी नेता आजम खान के गढ़ माने जाने वाले जिले में समाजवादी पार्टी की फातमा जबी 16,273 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं. 45 वर्षीय मामून शाह ने कहा कि स्थानीय लोग उनसे प्यार करते हैं क्योंकि वह उनके संकट की घड़ी में उनके साथ खड़े रहे.कहा, “जिन लोगों ने पिछले 40 वर्षों में केवल आजम खान को वोट दिया है, उन्होंने इस बार हमें वोट दिया है. उन्होंने स्वीकार किया कि मैंने ही उनकी मदद की थी, लेकिन इसके बावजूद वोट आजम खान को जाता था.”