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In-depth: नहीं चलीं कांग्रेस की 1000 बसें, सिर्फ चला प्रियंका गांधी और योगी सरकार के बीच पॉलिटिकल ड्रामा

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा अन्य लोगों के खिलाफ मंगलवार को धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया. एक सरकारी प्रवक्ता ने यहां बताया कि प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू' तथा अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में हजरतगंज कोतवाली में परिवहन अधिकारी आरपी त्रिवेदी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

लखनऊ : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा अन्य लोगों के खिलाफ मंगलवार को धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया. एक सरकारी प्रवक्ता ने यहां बताया कि प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ तथा अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में हजरतगंज कोतवाली में परिवहन अधिकारी आरपी त्रिवेदी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

इन धाराओं के तहत मामला दर्ज

यह मुकदमा भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 420, 467 और 468 के तहत दर्ज किया गया है. यह मुकदमा उत्तर प्रदेश सरकार के उस आरोप के बाद दर्ज हुआ है जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस द्वारा प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक ले जाने के लिए दी गयी 1000 बसों की सूची में शामिल कुछ वाहनों के नंबर दो पहिया, तिपहिया वाहनों तथा कारों के तौर पर दर्ज पाये गये हैं.

1000 बसों को लेकर कांग्रेस और योगी सरकार आमने-सामने

उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों को ले जाने के लिए जिन 1000 बसों की पेशकश की है, उनमें से कई पंजीकरण नंबर दोपहिया, तीन पहिया और कारों के हैं. हालांकि, कांग्रेस ने इसका खंडन करते हुए चुनौती दी कि योगी आदित्यनाथ की सरकार बसों का ‘भौतिक सत्यापन’ करा ले. कांग्रेस के मुताबिक बसें राजस्थान-यूपी सीमा पर खड़ी हैं और उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में प्रवेश की अनुमति का इंतजार कर रही हैं.

16 मई को प्रियंका ने की थी ये पेशकश

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 16 मई को पेशकश की थी कि अपने घरों को जा रहे प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों के लिए उत्तर प्रदेश की सीमा पर कांग्रेस 1000 बसें मुहैया करायेगी. इस पेशकश पर उत्तर प्रदेश सरकार के दोपहिया एवं कार के पंजीकरण नंबर वाले दावे ने गतिरोध पैदा कर दिया है. कांग्रेस ने शुरुआत में दावा किया था कि राज्य की भाजपा सरकार उसकी पेशकश की अनदेखी कर रही है और तो और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पार्टी के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात से इन्कार कर दिया.

यूपी सरकार ने स्वीकार कर ली कांग्रेस की पेशकश, लेकिन…

कोरोना लॉकडाउन के बाद घरों को जा रहे प्रवासी श्रमिकों की स्थिति पर राजनीति करने का आरोप मढ़ने वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने हालांकि सोमवार को औपचारिक रूप से कांग्रेस की पेशकश स्वीकार कर ली. सरकार ने कांग्रेस से कहा कि वह बसों, उसके ड्राइवरों और कंडक्टरों की सूची सौंपे. लेकिन, गतिरोध यहीं नहीं दूर हुआ.

कांग्रेस के मुताबिक प्रियंका गांधी के निजी सचिव द्वारा सोमवार रात 11 बजकर 40 मिनट पर रिसीव किये गये ईमेल में उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस से कहा कि वह मंगलवार दस बजे तक बसों को लखनऊ भेज दे. निजी सहायक ने उत्तर प्रदेश सरकार को कहा कि जब हजारों श्रमिक यूपी की सीमाओं पर एकत्र हैं, तो ऐसे में खाली बसें लखनऊ भेजना अमानवीय है और यह गरीब विरोधी मानसिकता का परिचायक है. ”आपकी सरकार की ये मांग राजनीति से प्रेरित लगती है. ऐसा नहीं लगता कि आपकी सरकार हमारे श्रमिक भाइयों और बहनों, जो आपदा का सामना कर रहे हैं, की मदद करना चाहती है.”

इस पर उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने जवाब दिया कि बसों को सीमा पर ही लाने की अनुमति दी जाती है. उन्होंने कांग्रेस से कहा कि 19 मई के पत्र में आपने लखनऊ में बसें मुहैया कराने में असमर्थता जतायी है और आप उन्हें गाजियाबाद एवं नोएडा में देना चाहते हैं. अवस्थी ने कांग्रेस से कहा कि वह 500 बसें कौशांबी और साहिबाबाद बस स्टैंड पर पहुंचा दें, जहां गाजियाबाद के जिलाधिकारी उन्हें अपने पास ले लेंगे.

… फिर उठ खड़ा हुआ विवाद

अवस्थी ने कहा कि कांग्रेस 500 बाकी बसें गौतम बुद्ध नगर में एक्सपो मार्ट के निकट लगवा दें और वहां के जिलाधिकारी को सौंप दें. अवस्थी ने कहा कि जिलाधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं कि वे ड्राइवर एवं कंडक्टर के ड्राइविंग लाइसेंस, पहचान पत्र, परमिट, फिटनेस, बीमा आदि की जांच करने के बाद तत्काल बसों का इस्तेमाल करें. राज्य सरकार ने हालांकि कहा कि जिन 1000 बसों की सूची सौंपी गयी है, उनमें अन्य वाहनों के पंजीकरण नंबर दर्ज हैं. इसके बाद बसों को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ.

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने कहा कि कांग्रेस की ओर से मुहैया करायी गयी सूची में मोटरसाइकिलों, तीन पहिया वाहनों, एक एंबुलेंस और निजी कारों के नंबर हैं. उन्होंने एक एंबुलेंस, एक कार और चार तीन पहिया वाहनों के पंजीकरण नंबर भी बताये. उन्होंने बताया कि यह ब्यौरा ‘एम परिवहन’ ऐप के जरिये हासिल किया गया है.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने हालांकि इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि 1000 बसें हैं और अगर उत्तर प्रदेश सरकार को कोई संदेह है तो वह राज्य की सीमा पर वाहनों को सामने देखकर उनकी पुष्टि कर सकती है. प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह की ओर से अवस्थी को 19 मई की दोपहर लगभग सवा बारह बजे भेजे एक पत्र में कहा गया कि हमारी कुछ बसें राजस्थान से आ रही हैं और कुछ दिल्ली से. इसके लिए परमिट देने की प्रक्रिया जारी है. बसों की संख्या चूंकि काफी ज्यादा है, इसलिए कुछ घंटे लग सकते हैं. हम आपसे आग्रह करते हैं कि शाम पांच बजे तक यात्रियों की सूची और रूट मैप तैयार रखें ताकि हमें परिचालन में कोई दिक्कत ना आये.

उसके बाद अपराह्न पौने चार बजे संदीप सिंह की ओर से अवस्थी को भेजे पत्र में कहा गया कि पिछले तीन घंटे से हमारी बसों का बेडा उंचा नांगला यूपी सीमा पर खड़ा है, लेकिन आगरा प्रशासन हमें प्रवेश नहीं करने दे रहा है. हम आपसे पुन: अनुरोध करते हैं कि संवेदनशीलता दिखाएं. कृपया हमारी सभी बसों को अनुमति का पत्र भेजें, ताकि हम आगे बढ़ सकें.

यूपी के डिप्टी सीएम ने ट्वीट कर कही ये बात

इस बीच उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा कि झूठ बोलकर लोगों को गुमराह करना कांग्रेस पार्टी के डीएनए में है और बस घोटाला कांग्रेस के घोटालों में नयी कड़ी है. मौर्य ने कहा कि ‘बस घोटाला’ बोफर्स, 2-जी, कोल गेट और राष्ट्रमंडल घोटालों की श्रृंखला में नयी कड़ी है. कांग्रेस बसों के नाम पर ऑटो रिक्शा और मोटरसाइकिलों का ब्यौरा देकर मजदूरों का मजाक बना रही है.

मौर्य ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “कांग्रेस अपनी ही चाल में फंस गयी है. बसों की सूची में भी घोटाला है.” प्रदेश के ही उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयत्न कर रही है और उसे अपना बर्ताव सुधारना चाहिए.

जानें… अखिलेश और मायावती ने क्या कहा…

उधर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश की आम जनता हैरत में है कि राज्य सरकार फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए हजारों बसों का उपयोग क्यों नहीं कर रही है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अगर कांग्रेस के पास 1000 बसें हैं तो उसे उन्हें लखनऊ भेज देना चाहिए, जहां बड़ी संख्या में लोग घर जाने का इंतजार कर रहे हैं.

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