लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली एनसीईआरटी की किताबें अवैध रूप से तैयार करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करके उसके चार सदस्यों को गिरफ्तार कर करीब नौ लाख किताबें बरामद की है. आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि एसटीएफ की मेरठ टीम को जानकारी मिली थी कि जिले में एनसीईआरटी की अवैध तरीके से छापी जा रही किताबें पश्चिम उत्तर प्रदेश तथा देश के अन्य राज्यों में बेची जा रही हैं.
सूत्रों के अनुसार पड़ताल में पता चला कि जिले के परतापुर थाना क्षेत्र स्थित अछरोड-काशीगांव मार्ग पर एक गोदाम में एनसीईआरटी की किताबें फर्जी तरीके से छापकर देश के विभिन्न राज्यों और जिलों में बेची जा रही हैं. उन्होंने कहा कि इस पर एसटीएफ की टीम ने गत शुक्रवार को उस गोदाम पर छापा मारा और शिवम, राहुल, सुनील और आकाश नामक व्यक्तियों को पकड़ा. सूत्रों ने बताया कि छापामार कार्रवाई के दौरान मौके से अवैध रूप से तैयार 8,90,439 किताबें बरामद की गयीं.
सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ पर बताया कि वे एनसीईआरटी की विभिन्न कक्षाओें की किताबों को अवैध तरीके से छापकर तथा फर्जी बिल तैयार करके बाजार में उनकी आपूर्ति करते हैं. सूत्रों के अनुसार आरोपियों ने बताया कि वे सात-आठ साल से इस धोखाधड़ी में लगे हुए हैं और इस कार्य से अब तक 35-40 करोड़ रुपये की संपत्ति बना चुके हैं.
सूत्रों के अनुसार, इस अवैध कारखाने में सुपरवाइजर का काम करने वाले सुनील कुमार ने यह भी बताया कि वे किताबें मेरठ के मोहकमपुर एनक्लेव स्थित संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता के प्रिटिंग प्रेस में तथा कुछ किताबें पीरशाह सैयद मुकदूस गजरौला स्थित प्रिन्टिंग प्रेस में तैयार होकर उनके पास भेजी जाती हैं और यहां से मांग के हिसाब से उत्तर प्रदेश तथा देश के अन्य राज्यों में थोक विक्रेताओं को बेच दी जाती हैं.
सूत्रों के मुताबिक, इन दोनों प्रिन्टिंग प्रेस को सील करने एवं नमूने लेने की कार्यवाही थाना परतापुर पुलिस द्वारा की जा रही है. सूत्रों ने बताया कि इस काम में नफीस तथा विकास त्यागी नामक व्यक्ति भी शामिल हैं. उनके अनुसार मामले में गिरफ्तार एवं फरार आरोपियों के विरूद्ध मामले दर्ज करके कार्यवाही की जा रही है.
Upload By Samir Kumar