महोबा : उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के कबरई कस्बे में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में सोमवार दोपहर क्रशर व्यवसायी का अंतिम संस्कार कर दिया गया. इसी बीच पुलिस द्वारा क्रशर व्यवसायी के एक सहयोगी को हिरासत में ले लेने से स्थिति तनाव पूर्ण हो गयी है. महोबा के पूर्व पुलिस अधीक्षक (अब निलंबित) मणिलाल पाटीदार के खिलाफ छह लाख रुपये की रिश्वत मांगने का वीडियो वायरल करने के कुछ ही घंटे बाद संदिग्ध परिस्थिति में गोली लगने से घायल हुए कबरई कस्बे के क्रशर व्यवसायी इन्द्रकांत त्रिपाठी (44) की रविवार देर शाम कानपुर के अस्पताल में मौत हो गयी थी, जिनका पुलिस बल की मौजूदगी में आज (सोमवार को) अंतिम संस्कार कर दिया गया.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार से कहा कि वह त्रिपाठी हत्याकांड में दिखावटी निलंबन की लीपापोती न करके गिरफ्तारी करें. यादव ने एक ट्वीट किया, ” महोबा के ‘इंद्रकांत त्रिपाठी सरकारी हत्याकांड’ में दिखावटी निलंबन की लीपापोती न करके सरकार गिरफ्तारी करे. आरोपित पुलिस कप्तान व जिलाधिकारी के खिलाफ इतनी ढिलाई क्यों? पुलिस किस अधिकार से जन प्रतिनिधियों को जनता से मिलने व उनके मुद्दे उठाने से रोक रही है? क्या कोई हिस्सेदारी है?”
मृत क्रशर व्यवसायी के बड़े भाई रविकांत त्रिपाठी ने आरोप लगाया, “अंतिम संस्कार से लौटते समय पुलिस ने उनके व्यवसायिक सहयोगी (पार्टनर) पुरुषोत्तम सोनी को रास्ते से जबरन उठाकर अपनी जीप में डाल कर ले गए और थाने में बंद कर दिया है.” रविकांत ने बताया, “अपर पुलिस अधीक्षक ने उनके व्यवसायी सहयोगी पुरुषोत्तम सोनी को उठाया था, लेकिन जिलाधिकारी के पहुंचते ही वे (एएसपी) थाने से चले गए और जिलाधिकारी से वार्ता होने के बाद थाने का घेराव बंद कर दिया गया है. अभी ग्रामीणों की भीड़ थाने में ही मौजूद है और सोनी को छोड़ने की बात चल रही है.”
उन्होंने आरोप लगाया, “पुलिस के अधिकारी निलंबित पुलिस अधीक्षक का बचाव कर रहे हैं और हमारा उत्पीड़न कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि “पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट थानाध्यक्ष हमारे (यानी शव के) साथ ही कानपुर से लेकर आये हैं, लेकिन अभी तक मामले में हत्या (302) की धारा नहीं जोड़ी गयी है.” गौरतलब है कि क्रशर व्यवसायी इन्द्रकांत को गोली लगने के मामले में रविकांत त्रिपाठी की तहरीर पर शुक्रवार की शाम कबरई थाने में निलंबित पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार, कबरई थाने के निलंबित थानाध्यक्ष देवेन्द्र शुक्ला और पत्थर खनन के विस्फोटक सामाग्री व्यवसायी ब्रम्हदत्त एवं सुरेश सोनी के खिलाफ जबरन धन वसूली (386), हत्या का प्रयास (307), साजिश रचना (120बी) एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा-7/8 का मुकदमा दर्ज हुआ था और शनिवार को अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश भी घटनास्थल का निरीक्षण करने पहुंचे थे.
रविकांत ने आरोप लगाया था कि पाटीदार ने उनके भाई से छह लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी और नहीं देने पर उसे झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेजने की धमकी दी थी. इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को महोबा के पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार को निलम्बित कर दिया था. मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के मामलों में हुये महोबा के निलम्बित पुलिस अधीक्षक की सम्पत्तियों की जांच विजलेंस के माध्यम से कराये जाने के निर्देश दिये हैं.
गृह विभाग के प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुये बताया था कि मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये हैं कि निलम्बित अधिकारी मणिलाल पाटीदार द्वारा की गयी अनियमितताओं में संलिप्त पुलिस कर्मियों की अलग से जांच कर उन्हें शीघ्र दण्डित कराया जाए. पाटीदार को पुलिस महानिदेशक कार्यालय से संबध्द किया गया है.
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