लखनऊ. उत्तर प्रदेश के DGP डीएस चौहान आज रिटायर हो जाएंगे. UP को एक बार फिर से कार्यवाहक डीजीपी से काम चलाना पड़ेगा. मौजूदा डीजीपी डॉ. डीएस चौहान को सेवा विस्तार नहीं मिला है. जिसके कारण आज डॉ. डीएस चौहान रिटायर हो रहे हैं. सरकार ने अब तक पूर्णकालिक डीजीपी के लिए यूपीएससी को पैनल नहीं भेजा है. कहा जा रहा है कि फिलहाल एडीजी एलओ प्रशांत कुमार को ही स्पेशल डीजी के रूप में डीजीपी का प्रभार सौंपा जाएगा.
बताया जा रहा है कि संभावित कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार भी सीएम योगी के करबी माने जाते हैं. फिलहाल, वह एडीजी लॉ एंड आर्डर की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. हालांकि इनके नाम के साथ ही कई अन्य अफसरों के नाम भी इस पद की दौड़ में शामिल हैं. वहीं कार्यवाहक डीजीपी डॉ. डीएस चौहान के रिटायमेंट से एक दिन पहले एडीजी एलओ प्रशांत कुमार समेत वर्ष 1990 बैंच के छह आईपीएस अफसरों को स्पेशल डीजी के पद पर प्रमोट किया गया है.
जानकारी के अनुसार, जिन अफसरों को स्पेशल डीजी के पद पर प्रमोट किया गया है उसमें एडीजी क्राइम के पद पर तैनात एमके बशाल, एडीजी ट्रेनिंग तनुजा श्रीवास्तव, एडीजी मानवाधिकार एसके माथुर, एडीजी पीटीएसअंजू गुप्ता, एडीजी साइबर क्राइम सुभाष चंद्र और एडीजी एलओ प्रशांत कुमार शामिल हैं. यूपी में तैनाज छह अफसर संदीप सालुंके, रेणुका मिश्रा, विजय कुमार मौर्य, एसएन साबत, अविनाश चंद्रा व डॉ. संजय एम तरडे पहले ही डीजी के पद पर प्रमोट हो चुके हैं. जबकि तीन अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्त पर हैं.
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उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी तक स्थाई डीजीपी के लिए यूपीएससी को पैनल प्रस्ताव नहीं भेजा है. स्थाई डीजीपी की न्यूक्ति से पहले यूपीएससी को प्रस्ताव भेजना होता है. इस प्रस्ताव पर यूपीएससी की ओर से मुहर लगने के बाद ही डीजीपी की नियुक्ति होती है. ऐसे में डीएस चौहान की सेवानिवृति के साथ ही कार्य वाहक डीजीपी की नियुक्ति होनी तय मानी जा रही है. डीजीपी के साथ ही आज डीजी इंटेलिजेंस और डीजी विजिलेंस के पद भी खाली हो जाएंगे. यह दोनों पद खुद डीजीपी ही संभाल रहे थे.