Lucknow: उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा 31 मई को रिटायर हो जाएंगे. अभी तक नए डीजीपी को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है, इस वजह से कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. इस बात को लेकर चर्चा है कि उत्तर प्रदेश को इस बार स्थायी डीजीपी मिलेगा या एक बार फिर कार्यवाहक डीजीपी से काम चलाया जाएगा.
दरअसल बीते एक साल से पुलिस महकमा कार्यवाहक डीजीपी के भरोसे रहकर अपना काम कर रहा है. योगी सरकार ने 11 मई 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्णकालिक डीजीपी मुकुल गोयल को अचानक हटा दिया था. उन पर अपनी जिम्मेदारी को ठीक तरीके से नहीं निभाने का आरोप था.
इसके बाद से देश के सबसे बड़े राज्य की सबसे बड़ी पुलिस फोर्स को उसका पूर्णकालिक डीजीपी नहीं मिल पाया है. मुकुल गोयल के बाद सरकार ने डीजी इंटेलिजेंस डीएस चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बनाया.
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इसके बाद 31 मार्च 2023 को डीएस चौहान के रिटायरमेंट के बाद डीजी पुलिस भर्ती बोर्ड आरके विश्वकर्मा को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया, जिनका मंगलवार को रिटायरमेंट है. इससे पहले ही डीजीपी की कुर्सी को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगी थीं. डीजीपी की रेस में कई अफसरों के नामों की चर्चा है. इनमें तीन आईपीएस अधिकारी वरिष्ठता क्रम के लिहाज से सबसे ऊपर हैं. इनके पास छह महीने से अधिक का कार्यकाल बाकी है.
नियमों के मुताबिक ऐसे वरिष्ठ आईपीएस अफसर को ही पूर्णकालिक डीजीपी बनाया जा सकता है, जिसके रिटायरमेंट में छह महीने का वक्त बाकी हो. ऐसे में मुकुल गोयल का नाम सबसे ऊपर है. उनके पास फरवरी 2024 तक का वक्त है. हालांकि जिस तरीके से मुकुल कुमार को एक बार इस पद से हटाया गया है, ऐसे में उन्हें दोबारा डीजीपी पद की कुर्सी मिलने की संभावना नहीं है.
इसके अतिरिक्त 1988 बैच के आईपीएस और डीजी को-ऑपरेटिव सेल आनंद कुमार भी इस रेस में हैं. आनंद अप्रैल 2024 में रिटायर होंगे. वह लंबे समय तक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और जेल जैसे अहम पदों पर रहे हैं. आनंद कुमार की कार्यशैली और छवि बेहद अच्छी मानी जाती है. हालांकि कुछ समीकरण के लिहाज से उन्हें इस पद पर बैठाए जाने की उम्मीद कम है.
इसके अलावा 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी विजय कुमार भी पुलिस महकमे के बॉस की रेस में हैं. विजय कुमार जनवरी 2024 में रिटायर होंगे. विजय कुमार वर्तमान में डीजी सीबीसीआईडी हैं और विजिलेंस का अतिरिक्त प्रभार भी उनके पास है. विजय कुमार दलित वर्ग से आते हैं. ऐसे में सियासी तौर पर संदेश देने के लिहाज से योगी आदित्यनाथ सरकार उनके नाम पर मुहर लगा सकती है.
जानकारी के मुताबिक अब तक डीजीपी के लिए केंद्र के पास पैनल नहीं भेजा गया है. इसके साथ ही वर्तमान में कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए भी सरकार की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है. ऐसे में तय माना जा रहा है कि एक बार फिर यूपी पुलिस को कार्यवाहक डीजीपी से ही काम चलाना पड़ेगा.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार पर कटाक्ष भी किया है. उन्होंने कहा कि क्या फिर से बीजेपी सरकार अपनी मनमानी करने के लिए बिना उत्तरदायित्व और जवाबदेही वाला कार्यवाहक डीजीपी यूपी को देगी.