UP Election 2022: तीसरे चरण में अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव सबसे बड़े चेहरे, ऐसा रहा है चुनावी सफर

करहल सीट से अखिलेश यादव तो जसवंतनगर से शिवपाल सिंह यादव चुनावी मैदान में है. अगर चुनावी इतिहास को देखें तो चाचा-भतीजे की जोड़ी के लिए जीत की राह आसान है. लेकिन, नतीजों के ऐलान के साथ 10 मार्च को सच सामने आएगा.

By Prabhat Khabar News Desk | February 19, 2022 7:00 AM
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UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के थर्ड फेज में 20 फरवरी को 16 जिले की 59 सीटों पर मतदान है. इसमें कई सीटें हाई-प्रोफाइल हैं, जिसमें सबसे ज्यादा चर्चा मैनपुरी की करहल और इटावा जिले की जसवंतनगर विधानसभा सीट की है. करहल सीट से अखिलेश यादव तो जसवंतनगर से शिवपाल सिंह यादव चुनावी मैदान में है. अगर चुनावी इतिहास को देखें तो चाचा-भतीजे की जोड़ी के लिए जीत की राह आसान है. लेकिन, नतीजों के ऐलान के साथ 10 मार्च को सच सामने आएगा.

करहल से अखिलेश करेंगे क्लीन स्वीप?

मैनपुरी जिले की करहल सीट से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को बीजेपी के एसपी सिंह बघेल चुनौती दे रहे हैं. यहां से बसपा ने कुलदीप नारायण को उतारा है. कांग्रेस पार्टी ने सपा-रालोद गठबंधन को गुडविल जेस्चर देते हुए किसी को भी टिकट नहीं दिया है. इटावा की जसवंत नगर सीट से अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव मैदान में हैं. यहां बीजेपी ने विवेक शाक्य और बसपा ने बृजेंद्र प्रताप सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. दोनों सीटों पर सारे प्रत्याशी जीत के अपने-अपने दावे कर रहे हैं.

करहल सपा की सबसे सेफ सीट में शामिल

करहल को सपा का गढ़ माना जाता है. यहां सपा को हराना आसान नहीं है. करहल में 3.71 लाख मतदाता हैं. इसमें यादव मतदाताओं की बात करें तो उनकी संख्या 1.44 लाख है, जो कुल मतदाताओं का 38 फीसदी है. करहल से मुलायम सिंह यादव का पुराना रिश्ता रहा है. किसी दौर में मुलायम सिंह ने करहल की धरती से कुश्ती के गुर सीखे थे. कहा जाता है एक शिक्षक के रूप में भी मुलायम सिंह यादव ने यहां सेवाएं दी. भले ही आज मुलायम सिंह सक्रिय राजनीति से दूर हों, आज भी उनका नाम जीत की गारंटी माना जाता है. अखिलेश यादव के लिए मुलायम सिंह यादव भी करहल में चुनाव प्रचार करते दिख चुके हैं. कहने का मतलब है कि करहल सपा की सबसे सेफ सीट में शामिल है.

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1996 में शिवपाल सिंह पहली बार जीते…

मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव का भी जसवंत नगर सीट पर ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है. मुलायम सिंह यादव ने 1996 में जसवंत नगर सीट शिवपाल सिंह यादव के लिए छोड़ी थी. उस समय शिवपाल सिंह यादव ने मुलायम सिंह यादव के कट्टर विरोधी स्व. दर्शन सिंह यादव को 11 हजार मतों से हराकर जसवंत नगर पर कब्जा जमाया था. इसके बाद हर चुनाव में जसवंत नगर से शिवपाल सिंह यादव को जीत मिलती रही. वो 1996 से लेकर 2017 तक के विधानसभा चुनाव में जीते हैं. इस बार भी शिवपाल सिंह यादव जीत के इरादे से मैदान में हैं.

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मुलायम सिंह यादव से छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव लगातार छठी बार जसवंत नगर सीट से चुनाव लड़ने उतरे हैं. मुलायम सिंह के परिवार में झगड़े की वजह शिवपाल सिंह यादव बने थे. इसके बाद अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के रिश्ते में दरार आ गई. इसके बावजूद 2017 के चुनाव में शिवपाल सिंह यादव ने जीत हासिल की थी. जसवंत नगर सीट से बीजेपी ने युवा नेता विवेक शाक्य को टिकट दिया है. उन पर जीत का दबाव है तो दूसरी तरफ बसपा के ब्रजेश प्रताप सिंह मैदान में हैं.

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