UP Election 2022: लखनऊ पहुंचा भारत निर्वाचन आयोग का दल, राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों से की मुलाकात
समाजवादी पार्टी ने सरकारी मशीनरी और धन के दुरुपयोग की शिकायत की, भाजपा ने कहा नकाब वाली महिलाओं की जांच के लिए हर बूथ पर हो महिला पुलिसकर्मी
UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधान सभा चुनाव की तैयारियों की जानकारी लेने के लिए मंगलवार को भारत निर्वाचन आयोग का दल तीन दिवसीय दौरे पर राजधानी लखनऊ पहुंच गया. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा के नेतृत्व में 13 सदस्यीय टीम लखनऊ पहुंची है. इसमें निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडेय भी शामिल हैं.
भारत निर्वाचन आयोग की टीम ने पहले दिन भाजपा, सपा, कांग्रेस, बसपा, रालोद के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की. सभी दलों के प्रतिनिधियों से आगामी चुनाव के लिए जरूरी सुझाव व आपत्तियां मांग गई. बताया जा रहा है कि मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भाजपा नेताओं की सभाओं में सरकारी मशीनरी, धन व अन्य संशाधनों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है.
सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल व केके श्रीवास्तव के नेतृत्व में गए प्रतिनिधि मंडल ने भाजपा नेताओं के धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देने वाले भाषणों की जानकारी आयोग को दी. उन्होंने कहा कि दिव्यांग और 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं की सूचनी विधानसभा और मतदान स्थल के अनुसार उपलब्ध कराई जाए.
संवेदनशील मतदान स्थालों की सूची विधान सभावार दी जाये. सपा नेताओं ने कहा कि फर्जी मतदान पर रोक लगाने के लिए डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम हटाए जाएं. सरकारी मशीनरी व धन के दुरुपयोग को रोका जाए. चुनाव की घोषणा होते ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता का सख्ती से अनुपालन हो.
भाजपा के एमएलसी अरविंद कुमार शर्मा और प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर ने हर बूथ पर एक महिला सुरक्षाकर्मी की तैनाती की मांग की. जिससे जरूरत पड़ने पर नकाब पहनने वाली महिलाओं की पहचान कराई जा सके. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के दिशा-निर्देशों के पालन के लिए बूथ खुले स्थानों पर बनाए जाएं. घनी बस्ती में बूथ न बनाए जाएं.
कांग्रेस नेता वीरेंद्र मदान और ओमकार नाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश शासन व पुलिस की कार्यशैली निष्पक्ष नहीं है. इसलिए आगामी चुनाव केंद्रीय सुरक्षा बलों की निगरानी में हों. बड़े अफसर पार्टी के कार्यकर्ताओं की तरह काम कर रहे हैं. उनके ट्वीट देखकर इसका पता लगाया जा सकता है. कोरोना संक्रमण से बचाव के दिशा-निर्देश सभी दलों के लिए एक समान हों.
बसपा नेताओं ने कहा कि चुनाव के दौरान सत्ता व धर्म का इस्तेमाल चुनाव में किया जा रहा है. इस तरह की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है. प्रदेश की जनता में निष्पक्ष, शांतिपूर्ण चुनाव का विश्वास बनाए रखने के लिए आदर्श चुनाव आचार संहिता का सख्ती से पालन कराया जाये. कोरोना के मामले बढ़ने के बावजूद जनसभा, रोड शो करने की अनुमति पर नजर रखी जाए.
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने प्रत्याशी की मांग पर 50 प्रतिशत वीवीपैट का मिलान करने की अनुमति, 80 वर्ष के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं की सूची सभी राजनैतिक दलों को उपलब्ध कराने की मांग चुनाव आयोग से की. उन्होंने कहा कि संविधान विरोधी बयानबाजी कर रहे सरकार के लोगों पर प्रतिबंध लगाया जाये.