UP Election 2022: मतदाता वोट देने से पहले जान लें आखिर कैसे काम करता है EVM, क्या हैं इसके फायदे
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सात चरणों में होने वाले हैं. इसको लेकर निर्वाचन आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली है. हर बार की तरह इस बार भी ईवीएम से चुनाव होंगे. ऐसे में आज हम बताएंगे कि आखिर ईवीएम काम कैसे करता है.
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में चुनाव करवाना बेहद जटिल और कठिन कार्य है. इसी को सरल बनाने के लिए चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को उपयोग में लेना शुरू किया. इसका उपयोग भारतीय आम और राज्य चुनावों में किया जाता है. भारत में पहली बार इसका उपयोग 1998 में केरल के नॉर्थ पारावूर विधानसभा क्षेत्र के लिए होने वाले उपचुनाव के कुछ मतदान केंद्रों पर किया गया. इससे पहले केवल बैलेट पेपर और बैलेट बॉक्स की अनुमति थी.
वहीं साल 2004 के लोकसभा चुनाव के बाद देश के हर चुनाव चाहे, वो लोकसभा हो या फिर विधानसभा हो, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की मदद से ही पूरी की जाती है. कई बार इवीएम मशीन के हैक होने को लेकर सवाल खड़े होते रहे, लेकिन आज तक कोई भी इसे गलत प्रमाणित नहीं कर सका है.
EVM क्या है और यह कैसे काम करती है?
ईवीएम या फिर यूं कहे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के दो हिस्से होते है. पहला हिस्सा नियंत्रण के रूप में काम करता है, जो मतदान अधिकारी के पास रहता है. वहीं दूसरा हिस्सा मतदान ईकाई के रूप में काम करता है, जिसे मतदान कक्ष के अंदर रखा जाता है. ये दोनों पांच-मीटर केबल से जुड़ी होती हैं. शुरूआत में सबसे पहले मतदान अधिकारी मतदान बटन को दबाता है, जिसके बाद मतदाता पोलिंग बूथ में अपने पसंदीदा प्रत्याशी का चुनाव उसके पार्टी चिन्ह के सामने लगे नीले बटन को दबाकर करता है. जिसके बाद मशीन खुद को लॉक कर लेती है.
ईवीएम मतदाता को प्रत्येक विकल्प के लिए एक बटन प्रदान करती है, जो एक केबल की ओर से इलेक्ट्रॉनिक मतपेटी से जुड़ा होता है. इसको कंट्रोल में रखने के लिए सिलिकॉन से बने ऑपरेटिंग प्रोग्राम का इस्तेमाल किया जाता है. जिसमें एक बार अगर कोई मतदाता बटन दबा देता है, तो वह इसमें दोबारा बदलाव नहीं कर सकता है. वहीं अगर कोई मतदाता दो बार बटन दबाने की कोशिश करता है, तो मतदान दर्ज नहीं होता है. EVM को सिर्फ नए बैलेट नंबर से ही खोला जा सकता है. इस तरह, ईवीएम यह सुनिश्चित करती है कि एक व्यक्ति को केवल एक बार वोट मिले.
ये कंपनी बनाती है, ईवीएम की बैटरी
आपको बता दें कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बंगलूरू और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, हैदराबाद ईवीएम को संचालित करने वाली बैटरी का निर्माण करते हैं. ईवीएम को 6 वोल्ट की एक बैटरी से संचालित किया जाता है. ईवीएम में ज्यादा से ज्यादा 64 उम्मीदवारों के नामों को ही अंकित किया जा सकता है.
ईवीएम का फायदा
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EVM से वोट डालने में लगने वाला समय कम होता है.
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ईवीएम वोटों की गिनती और परिणाम घोषित करने में लगने वाले समय को भी कम करती है.
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ईवीएम कागज बचाती है
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ये मशीनें बैटरी की ओर से संचालित होती हैं और बिजली पर निर्भर नहीं होती हैं, जो निर्बाध मतदान सुनिश्चित करती हैं.
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ईवीएम एक निर्वाचन क्षेत्र में 64 उम्मीदवारों को समायोजित कर सकती है.
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वोट 10 साल तक संग्रहीत किए जा सकते हैं.
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ईवीएम के कार्यक्रम को बदला नहीं जा सकता है और इसमें एक सीलबंद सुरक्षा चिप है, इसलिए कार्यक्रम को नुकसान पहुंचाए बिना वोटों में हेराफेरी नहीं की जा सकती है. यह धोखाधड़ी को रोकता है.
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प्रति व्यक्ति की ओर से केवल एक वोट डाला जा सकता है, क्योंकि मशीन केवल पहला बटन दबाए जाने के लिए पंजीकृत होगी.
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ईवीएम हर मिनट के लिए 5 वोट प्रतिबंधित करता है.