UP: लखीमपुर खीरी में दो बच्चों का अपहरण, एक खेत में बोरी में बंद-दूसरा कुछ दूरी पर मिला, पिता-पुत्र गिरफ्तार

Lakhimpur Kheri: ग्रामीणों ने खेतों में तलाश शुरू की. काफी खोजबीन के बाद गांव से कुछ दूर गन्ने के खेत में एक प्लास्टिक की बोरी नजर आई. उसमें से बच्चे की आवाज आने पर जब बोरी को खोला गया तो अनिकेत बाहर निकला. गनीमत रही कि उसकी हालत ठीक थी. कुछ देर बाद दूसरा बच्चा अंकित भी खेत में बैठा मिल गया.

By Sanjay Singh | November 8, 2023 11:54 AM
an image

Lakhimpur Kheri: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में दो बच्चों का अपहरण कर लिया गया. घटना उचौलिया में गांव एग्घरा में हुई, जहां आंगनवाड़ी केंद्र से मंगलवार को घर लौट रहे दो बच्चों का गांव के ही पिता-पुत्र ने अपहरण कर लिया. दोनों ने एक बच्चे को बोरी में बंदकर गन्ने के खेत में डाल दिया. उधर मासूमों के गायब होने पर परिवार में हड़कंप मच गया और परिजन ग्रामीणों के साथ बच्चों की तलाश में जुट गए. काफी तलाश के बाद परिजनों को गन्ने के खेत में प्लास्टिक की बोरी नजर आई. उसको खोलने पर एक मासूम उसमें मिला. गनीमत रही कि उसकी हालत ठीक थी और बोरी में बंद करने से उसकी तबीयत नहीं बिगड़ी. वहीं कुछ देर बाद दूसरा बच्चा खेत में कुछ दूरी पर बैठा मिल गया. सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल के बाद तहरीर के आधार पर प्रकरण में आरोपी पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया. उधर इस घटना की पूरे इलाके में चर्चा है. मासूम बच्चे का खेत में बोरी से मिलने का वीडियो वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया पर लोग प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं, उनका कहना है जरा सी चूक होने पर बच्चें की जान पर गंभीर खतरा था. सही समय पर तलाश शुरू होने से उसकी जान बच गई.


बच्चों के काफी देर तक घर नहीं लौटने पर की गई तलाश

लखीमपुर खीरी के गांव एग्घरा निवासी इंद्रपाल ने बताया कि उनका चार वर्षीय बेटा अंकित और चार वर्षीय अवनीश पुत्र अनिकेत गांव के प्राथमिक विद्यालय परिसर में बने आंगनवाड़ी केंद्र में पढ़ने गऐ थे. वहां से करीब दस बजे दोनों घर वापस आते थे, मंगलवार को काफी देर तक बच्चों के घर नहीं लौटने पर परिजनों को चिंता हुई. उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्र में जाकर पता किया तो बताया गया कि दोनों बच्चे काफी पहले ही वहां से घर लौट गए थे. इसके बाद परिजनों ने अन्य ग्रामीणों के साथ उनकी तलाश शुरू कर दी. गांव में घरों में पूछताछ के बाद भी बच्चों का कोई सुराग नहीं मिला.

Also Read: यूपी में तीन आईपीएस अफसरों का तबादला, डायल 112 की महिला कर्मियों के प्रदर्शन के बाद हटाए गए ADG अशोक कुमार

इसके बाद ग्रामीणों ने खेतों में तलाश शुरू की. काफी खोजबीन के बाद गांव से करीब तीन किलोमीटर दूर गन्ने के खेत में एक प्लास्टिक की बोरी नजर आई. उसमें से बच्चे की आवाज आने पर जब बोरी को खोला गया तो अनिकेत बाहर निकला. गनीमत रही कि उसकी हालत ठीक थी. बच्चा सहमा हुआ था. कुछ देर बाद दूसरा बच्चा अंकित भी खेत में बैठा मिल गया.

बच्चों से पूछताछ पर हुआ आरोपियों का खुलासा

परिजनों के पूछने पर बच्चों ने बताया कि गांव निवासी राकेश और उसके पुत्र नरवीर उर्फ बड़क्के उनको मोटरसाइकिल पर बैठाकर यहां लाए थे. इसके बाद ग्रामीणों ने राकेश को गांव से पकड़कर पुलिस को सूचना दी. सूचना पाकर पहुंचे उपनिरीक्षक सोवरन सिंह, लोकेश राणा, कांस्टेबल टिंकू प्रजापति ने आरोपी नरवीर को दूसरे गांव से पकड़ लिया. दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

अनिकेत के पिता अवनीश ने बताया कि पिता-पुत्र दोनों आपराधिक प्रवृत्ति के हैं. वह बच्चों को बेचने के लिए अगवा कर ले जा रहे थे. शाम को अंधेरे में लेकर निकल जाते. प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

Exit mobile version