लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति में सुधार के बावजूद 13 जिलों के 346 गांव अब भी बाढ़ की चपेट में हैं. राज्य के राहत आयुक्त संजय गोयल ने रविवार को यहां बताया कि प्रदेश के अम्बेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, मऊ, संत कबीर नगर तथा सीतापुर के कुल 346 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.
संजय गोयल ने बताया कि इनमें से 106 गांवों के रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी भरा है, जबकि बाकी 240 गांवों में सिर्फ कृषि क्षेत्र प्रभावित है. आबादी प्रभावित 106 गांवों में से 10 गांवों का संपर्क दूसरे इलाकों से कटा हुआ है, जबकि 25 गांव कटान से प्रभावित हैं. गोयल ने बताया कि प्रदेश में बाढ़ प्रभावित लोगों के ठहरने के लिये कुल 384 बाढ़ शरणालय बनाये गये हैं. हालांकि, इस वक्त इनमें एक भी व्यक्ति नहीं रह रहा है. राहत एवं बचाव कार्य के लिये एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की कुल 26 टीमें लगायी गयी हैं.
राहत आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित जनपदों के जिलाधिकारियों को कटान प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करके जरूरी मरम्मत सामग्री मुहैया कराने के निर्देश दिये हैं ताकि नदी के किनारे के गांवों को बाढ़ के कारण हो रहे कटान से बचाया जा सके. उन्होंने बताया कि जिलाधिकारियों को प्रदूषित जलजनित तथा संचारी रोगों की रोकथाम के लिये जरूरी कार्यवाही करने तथा इन रोगों के इलाज के लिये समुचित औषधियों का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये हैं.
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