लखनऊ. यूपी में मानसूनी बारिश की व्यापक सक्रियता देखी जा रही है. वहीं, गंगा, यमुना, राप्ती, घाघरा, कोसी और सरयू के किनारे बसे शहरों में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. गंगा-यमुना में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है. सरयू में हर घंटे एक सेंटीमीटर पानी बढ़ रहा है. आगरा, कानपुर, कन्नौज, बागपत, वाराणसी, शहजहांपुर समेत कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. यूपी में लागातार बारिश की वजह से उफना रही नदियों की वजह से कई जिलों के गांवों में पानी घुस रहा है. जिसके कारण लोगों ने पलायन करना शुरू कर दिया है. अलीगढ़ में यमुना में जलस्तर बढ़ने से आसपास के गांव की 300 बीघा से ज्यादा फसल डूब गई है.
उत्तर प्रदेश में नदियों का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. बदायूं में कछला ब्रिज पर गंगा और मुजफ्फरनगर में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. सहारनपुर के 92 गांव और 16 शहरी इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं. बाढ़ से प्रभावित 512 लोगों को नौ राहत शिविरों में रखा गया है. वहीं, मुजफ्फरनगर के दो गांवों के 200 लोगों को शरणालय में रखा गया है. नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए मुख्य सचिव ने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की फ्लड यूनिट को 24 घंटे एक्टिव मोड में रखा जाए. राहत एवं बचाव कार्य में आपदा प्रबंधन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की आवश्यकतानुसार सहायता ली जाए. उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान जलभराव की स्थिति होने पर पशुओं को सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट कराया जाए. इसके लिए जिलों की स्थिति का चयन किया जाए.
यूपी में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण नोएडा के सेक्टर-125 के खादर क्षेत्र में यमुना नदी का पानी घरों और फसलों में भर गया है. किसानों की लाखों रुपए की फसल यमुना नदी में डूब गई है. कई परिवारों की गृहस्थी का सामान पानी में डूब गया है. बाढ़ प्रभावित गांवों से लोगों और मवेशियों को एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है. जिलाधिकारी राजस्व, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ जनपद का भ्रमण कर यमुना नदी के समीप स्थित ग्रामों में पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. डीएम ने स्थिति का जायजा लेते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों को स्थिति पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार करीब 3 लाख क्यूसेक पानी यमुना में ज्यादा है. इसी रिपोर्ट के आधार पर बाढ़ चौकियों को एक्टिव किया गया है. हिंडन और यमुना के प्रभावित गांवों में लेखपालों को तैनात किया गया है. अगर यमुना में और पानी छोड़ा गया तो हालात प्रभावित हो सकते हैं. यूपी के कई गांवों में स्थिति बिगड़ सकती है. यमुना की सहायक नदी हिंडन में भी वहां का पानी आ सकता है. हालांकि जिला प्रशासन के रेकॉर्ड के अनुसार, 1978 के बाद से कभी हिंडन में बाढ़ नहीं आई है. अभी हिंडन में 72 क्यूसेक पानी है, जो सामान्य से करीब 22 क्यूसेक ज्यादा है. जानकारी के अनुसार, गाजियाबाद के कई हिस्सों में हो रही बारिश की वजह से यमुना का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. हथिनी कुंड बैराज से और पानी छोड़ा गया तो यमुना की सहायक नदी हिंडन में जलस्तर खतरनाक स्तर से ऊपर जा सकता है. इसी वजह से जिला प्रशासन भी एक्टिव हो गया है.
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वाराणसी में तीन दिन स्थिर होने के बाद गंगा का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है. पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश होने के कारण यमुना में बाढ़ का असर दिखने लगा है. गंगा का जल स्तर दस एमएम प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. फिलहाल गंगा का जल स्तर 61.35 मीटर है. 64 मीटर पहुंचने पर नौका संचालन बंद हो जाता है. वहीं 71.26 मीटर खतरा के निशान पर माना जाता है. वहीं 70.26 मीटर चेतावनी बिंदु माना जाता है.
अयोध्या में पिछले 10 दिनों से सरयू का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इसका मुख्य कारण पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश और बैराज से अधिक पानी का छोड़ा जाना है. सरयू घाट की सीढ़ियों पर तेजी से पानी चढ़ रहा है. वहीं प्रशासन भी लगातार सरयू के जल स्तर पर निगाह बनाए हुए हैं. बताया जा रहा है कि पहाड़ी क्षेत्र और नेपाल की तरफ भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण बड़ी मात्रा में बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे सरयू का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जिस तरह रोज बारिश हो रही है और बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है, उससे ये इनकार नहीं किया जा सकता है कि सरयू खतरे के निशान को पार न कर जाए.