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UP GDP Ranking: नोएडा ने बिखेरी चमक तो चित्रकूट सबसे पिछड़ा, पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बदलेंगे तस्वीर

उत्तर प्रदेश की जीडीपी की ताजा ​रिपोर्ट में कई जनपदों ने अच्छा प्रदर्शन किया तो तो कुछ जनपद फिसड्डी साबित हुए हैं. नोएडा के अव्वल रहने के साथ भले ही लखनऊ और आगरा दूसरे व तीसरे स्थान पर हों. लेकिन, इनके प्रदर्शन में गिरावट दर्ज की गई है. कई अन्य जिलों की भी यही स्थिति है.

By Sanjay Singh | July 27, 2023 8:02 PM

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्धनगर जनपद में रहने वाले लोग GDP (सकल घरेलू उत्पाद) के लिहाज से सबसे ज्यादा बेहतर जीवनयापन कर रहे हैं. उन्हें प्रदेश में सबसे अधिक सुविधाएं मिल रही हैं. यहां तक की राजधानी लखनऊ का नंबर भी गौतमबुद्धनगर के बाद आता है.वहीं सुविधाओं के लिहाज से प्रदेश का चित्रकूट जनपद सबसे पिछड़ा साबित हुआ है.

इन 18 मानकों के आधार पर हुआ मूल्यांकन

प्रदेश के GDP में 14 जिलों की हिस्सेदारी लगातार कम हो रही है, जबकि 10 जिलों की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है. यह तथ्य उत्तर प्रदेश के जनपदों की खेती से लेकर उद्योग, भवन निर्माण, स्वास्थ्य, परिवहन, शिक्षा समेत 18 मानकों के आधार पर जीडीपी के किए गए आकलन में सामने आया है. अब प्रदेश सरकार इन तथ्यों के आधार पर जीडीपी में पिछड़े जनपदों के विकास पर और ज्यादा ध्यान केंद्रित करेगी.

GDP को लेकर आने वाले समय में बदलेगी तस्वीर

वहीं प्रदेश की GDP 19,16,913.42 करोड़ रुपए हो गई है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी पूर्वी, बुंदेलखण्ड और मध्य यूपी की तुलना में सबसे ज्यादा है. हालांकि, आने वाले वर्षों में पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के चलते हिस्सेदारी में पिछड़ रहे दोनों संभागों के तमाम जनपद की तस्वीर बदलना तय माना जा रहा है.

पूरे यूपी की GDP में इजाफा

खास बात है कि पूरे यूपी की GDP में इजाफा हुआ है. राज्य में संभाग व जिले की हिस्सेदारी की बात करें तो पश्चिमी यूपी सबसे अव्वल रहा है. हालांकि पूर्वांचल की स्थिति मध्य उत्तर प्रदेश से बेहतर है. प्रदेश की कुल जीडीपी में पश्चिमी यूपी की हिस्सेदारी 48.30 से बढ़कर 49.26 प्रतिशत हो गई है.

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इन शहरों की GDP में गिरावट दर्ज

योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से हाल में जारी जिला घरेलू उत्पाद उत्पाद अनुमान 2021-22 में यह तथ्य सामने आए हैं. राजधानी लखनऊ इस कसौटी पर नंबर दो पर है पर उसकी GDP 2020-21 के मुकाबले इस बार 4.05 से घटकर 3.95 प्रतिशत हो गई है. इसके साथ ही आगरा, प्रयागराज, बुलंदशहर की जीडीपी में भी मामूली गिरावट दर्ज हुई है. हालांकि, मेरठ ने अपनी जीडीपी में इजाफा किया है.

GDP की ताजा रिपोर्ट के अनुसार कभी प्रदेश की औद्योगिक राजधानी व पूरब के मैनचेस्टर कहे जाने वाले कानपुर राज्य के जीडीपी में हिस्सेदारी के लिहाज से अब भी प्रदेश के शीर्ष दस जिलों में शामिल है. लेकिन. लगातार तीन वर्षों से जीडीपी में इसकी कम हो रही हिस्सेदारी चिंता का विषय है.

जीडीपी के नतीजों से विकास योजनाओं पर फोकस

असल में योगी सरकार ने जिले की जीडीपी तैयार करने के निर्देश कुछ समय पहले दिए थे. जनपदवार जीडीपी के आकलन से पता चलता है कि किस जिले में कितनी संभावनाएं हैं और वहां कितने निवेश से कितना विकास तय समय में कराया जा सकता है.

प्रमुख शहरों की स्थिति

यूपी की GDP में शीष जनपदों की हिस्सेदारी की प्रतिशत में बात करें तो गौतमबुद्धनगर सबसे अव्वल और बुलंदशहर सबसे पीछे है.

जनपद- वर्ष 2020-21 वर्ष 2021-22

  • गौतमबुद्धनगर- 7.95 प्रतिशत- 8.66 प्रतिशत

  • लखनऊ- 4.05 प्रतिशत- 3.95 प्रतिशत

  • आगरा- 3.63 प्रतिशत- 3.61 प्रतिशत

  • प्रयागराज- 3.42 प्रतिशत- 3.32 प्रतिशत

  • मेरठ- 2.92 प्रतिशत- 3.09 प्रतिशत

  • गाजियाबाद- 2.73 प्रतिशत- 2.90 प्रतिशत

  • कानपुर नगर- 2.89 प्रतिशत- 2.85 प्रतिशत

  • बरेली- 2.70 प्रतिशत- 2.73 प्रतिशत

  • बिजनौर- 1.78 प्रतिशत- 2.03 प्रतिशत

  • बुलंदशहर- 2.01 प्रतिशत -1.98 प्रतिशत

उत्तर प्रदेश में संभागवार स्थिति प्रतिशत में

संभाग- जीडीपी-प्रतिशत

  • पश्चिमी यूपी- 944347.69-49.26 प्रतिशत

  • पूर्वी यूपी- 537232.22-28.03 प्रतिशत

  • मध्य यूपी- 336304.16-17.54 प्रतिशत

  • बुंदेलखंड- 99029.34 5.17 प्रतिशत

जिला घरेलू उत्पाद और मानक को समझें

जिला घरेलू उत्पाद और मानक की बात करें तो यह किसी जनपद में एक साल से उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य का योग होता है. जनपद में फसलें, पशु, वन उपज, मत्सय व खनन, निर्माण, बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपयोगी सेवाओं का आकलन किया जाता है. इसके साथ ही कारोबार, संपदा, आवास गृह का स्वामित्व, वाहन, बैंकिंग सेवाएं, व्यावसायिक सेवाओं, लोक प्रशासन, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल गतिविधियों और अन्य आदि सेवाओं के मानक के आधार पर जिला घरेलू उत्पाद का आकलन किया जाता है.

GDP को लेकर जनपदों का प्रदर्शन

जनपद- जीडीपी करोड़ रुपए में

  • गौतमबुद्धनगर- 166073.92

  • प्रयागराज- 63719.05

  • मेरठ- 59167.55

  • गाजियाबाद- 55677.70

  • कानपुर नगर- 54640.53

  • बरेली- 52423.42

  • बिजनौर- 38926.58

  • बुलंदशहर- 38044.70

  • गोरखपुर- 35383.22

  • सीतापुर- 34440.87

  • मुरादाबाद- 34411.98

  • सहारनपुर- 33898.80

  • लखीमपुर खीरी- 33688.66

  • अलीगढ़- 33213.72

  • वाराणसी- 32703.57

  • मुजफ्फरनगर- 30826.71

  • बाराबंकी- 29383.16

  • बदायूं- 26659.07

  • हरदोई- 26486.44

  • सोनभद्र- 25904.29

  • शाहजहाँपुर- 25082.80

  • आजमगढ़- 24842.15

  • रामपुर- 24535.76

  • उन्नाव- 24515.23

  • अमरोहा- 24479.77

  • फतेहपुर- 22835.17

  • कुशीनगर- 22474.34

  • मथुरा- 22335.98

  • झांसी- 22304.28

  • फिरोजाबाद- 22012.80

  • जौनपुर- 21810.91

  • गोंडा- 20728.22

  • गाजीपुर- 20371.25

  • रायबरेली- 19645.05

  • पीलीभीत- 19246.40

  • अयोध्या- 18937.98

  • बहराइच- 18720.09

  • मीरजापुर- 18260.88

  • संभल- 17196.41

  • जालौन- 16700.19

  • सुलतानपुर- 16654.46

  • बलिया- 16498.11

  • बस्ती- 16422. 34

  • हापुड़- 16233.99

  • प्रतापगढ़- 15963.98

  • देवरिया- 15781.56

  • अम्बेडकरनगर- 15763.40

  • हाथरस- 15705.00

  • महाराजगंज- 15690.10

  • बांदा- 15649.41

  • कन्नौज- 15210.21

  • कानपुर देहात- 14906.34

  • मऊ- 14870.12

  • एटा- 14778.94

  • इटावा- 14771.09

  • हमीरपुर- 14610.20

  • सिद्धार्थनगर- 14227.65

  • मैनपुरी- 13868.12

  • फर्रुखाबाद- 13730.42

  • बागपत- 13217.93

  • कौशाम्बी- 12593.27

  • अमेठी- 12310.33

  • ललितपुर-12165.18

  • कासगंज- 12062.58

  • शामली- 12019.20

  • महोबा- 11062.82

  • चन्दौली- 10831.71

  • भदोही- 10712.11

  • बलरामपुर- 9720.93

  • औरया- 9270.09

  • संतकबीर नगर- 8427.26

  • श्रावस्ती- 6908.65

  • चित्रकूट- 6537.26

GDP का मतलब होता है ‘ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट’ (Gross Domestic Product). जीडीपी एक विशेष समय अवधि में एक देश या प्रदेश के उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को दर्शाता है, जिसमें निजी क्षेत्र और सरकारी क्षेत्र का योगदान शामिल होता है.

GDP का अनुमान लगाने के लिए प्रमुख तरीके

  • उपभोक्ता खर्च (Expenditure Approach): इसमें सरकार, निजी क्षेत्र आदि के किए गए खर्च को मापा जाता है.

  • उत्पादन दृष्टिकोण (Production Approach): इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों में उत्पन्न वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य मापा जाता है.

  • जीडीपी एक महत्वपूर्ण आर्थिक मापदंड है, जिसका उपयोग देश की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन करने और विभिन्न देशों के बीच तुलना करने के लिए किया जाता है.

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