यूपी में टाउनशिप का निर्माण करने वाले निजी डेवलपर्स को मिलेगी छूट, सिंगल विंडो सिस्टम हाेगा लागू
नई टाउनशिप का निर्माण करने वाले निजी डेवलपर्स को 'सिंगल विंडो सिस्टम' से परियोजना से संबंधित विभिन्न स्वीकृतियां व अनापत्तियां जारी की जाएंगी. विकासकर्ता को निर्माण का मिलेगा पूर्ण अधिकार मिलेगा.
लखनऊ: नई टाउनशिप पॉलिसी 2023 के तहत निवेश करने वाले निजी विकासकर्ताओं को योगी सरकार विभिन्न तरह के इंसेंटिव्स देगी. ऐसे विकासकर्ताओं को सबसे बड़ी राहत भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में मिलेगी. 5 लाख से अधिक और 10 लाख से कम आबादी वाले नगरों में टाउनशिप बनाने पर भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में 25 प्रतिशत, जबकि 5 लाख से कम आबादी वाले नगरों में 50 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी.
टाउनशिप के विकास के लिए निजी विकासकर्ता होंगे पात्र
यूपी में शहरीकरण की नई चुनौतियों को देखते हुए समाज के विभिन्न वर्गों को अफोर्डेबल हाउसिंग मुहैया कराने, शहरों के पेरीफेलर क्षेत्रों में अव्यवस्थित विकास को नियंत्रित करने, शहरी नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के साथ ही निवेश जुटाने के लक्ष्य के साथ योगी सरकार ने इस नीति का निर्धारण किया है. नीति के तहत टाउनशिप के विकास के लिए निजी विकासकर्ता पात्र होंगे.
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आवासीय उपयोग के लिए होगी 50 एकड़ से कम क्षेत्रफल की टाउनशिप
नीति के अनुसार टाउनशिप का क्षेत्रफल 50 एकड़ से कम होने पर केवल आवासीय उपयोग में ही अनुमति प्रदान की जाएगी. टाउनशिप का क्षेत्रफल 50 एकड़ या इससे अधिक होने पर कृषि उपयोग में भी अनुमति दी जाएगी. जिसके लिए नियमानुसार आवासीय में भू-उपयोग परिवर्तन की कार्यवाही की जाएगी. आवासीय के अतिरिक्त अन्य उपयोग की भूमि भी योजना में सम्मिलित होने की दशा में महायोजना मार्गों की भूमि को छोड़कर बाकी उपयोगों की भूमि को ‘स्वैपिंग किया जाना अनुमन्य होगा, जिसके लिए भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क देय नहीं होगा.
एफडीआई की भी मिलेगी सुविधा
भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्द्धन व आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा जारी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति (एफडीआई पॉलिसी) के अनुसार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सुविधा भी अनुमन्य होगी. इसके अतिरिक्त परियोजना से संबंधित विभिन्न स्वीकृतियों के लिए ग्रीन चैनल की व्यवस्था की जाएगी जिसके अंतर्गत समस्त स्वीकृतियां, अनापत्तियां ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ के माध्यम से निर्गत की जाएंगी.
आवास आयुक्त या उपाध्यक्ष देंगे अनुमति
टाउनशिप के क्षेत्रफल में विस्तार अनुमन्य होगा, जिसकी स्वीकृति उपाध्यक्ष या आवास आयुक्त स्तर से देय होगी. लाइसेंस निर्गमन एवं ले-आउट प्लान अनुमोदन की सरलीकृत प्रक्रिया निर्धारित है तथा कार्यवाही के लिए उपाध्यक्ष, आवास आयुक्त अधिकृत होंगे. विकासकर्ता को एक ही विकास क्षेत्र में एक से अधिक लाइसेंस प्राप्त करने तथा एक से अधिक कंसोर्शियम में सदस्य बनने की सुविधा अनुमन्य होगी.
विकासकर्ता को निर्माण का मिलेगा पूर्ण अधिकार
लाइसेंस एरिया के अंतर्गत विकास, निर्माण संबंधी पूर्ण अधिकार केवल डेवलपर, कंसोर्टियम को होंगे. यानी लाइसेंस के लिए प्रस्तावित क्षेत्र में लाइसेंसधारक विकासकर्ता, कंसोर्टियम के अतिरिक्त किसी अन्य भू-स्वामी या आवेदक द्वारा प्रस्तुत मैप को प्राधिकरण, आवास एवं विकास परिषद द्वारा स्वीकृत नहीं किया जाएगा तथा शासकीय अभिकरणों द्वारा क्षेत्र में अनधिकृत विकास, निर्माण को भी नियंत्रित किया जाएगा. इसके साथ ही टाउनशिप हेतु लैंड असेंबली के लिए विकासकर्ता, कंसोर्टियम द्वारा भू-स्वामियों, किसानों से लैंड पूलिंग एग्रीमेंट तथा डेवलपर एग्रीमेंट कर सकेगा.