लखनऊ: गैर पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों को अपनाने की दिशा में उत्तर प्रदेश ने तेजी से कदम बढ़ा दिए हैं. ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन के दृष्टिगत प्रदेश में स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा उत्पादन स्रोतों को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपीनेडा के अधिकारियों के साथ यूपी ग्रीन हाइड्रोजन नीति-2023 की तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को नई ग्रीन हाइड्रोजन नीति का प्रभावी ड्राफ़्ट तैयार करने के निर्देश दिये हैं. इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टेक होल्डर से भी परामर्श लेने के लिये उन्होंने कहा है.
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को समीक्षा बैठक में कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन एक स्वच्छ ऊर्जा एवं औद्योगिक ईधन होने के कारण नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगा. ऐसे में ग्रीन हाइड्रोजन नीति को लेकर विभाग भारत सरकार की नीति का गहन अध्यन कर एक प्रभावी नीति तैयार करे. उन्होंने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन के निर्माण में पानी का महत्वपूर्ण योगदान रहता है. उत्तर प्रदेश में नदियों की भरमार है. हम इसका फ़ायदा उठा कर देश के सबसे बड़े ग्रीन हाइड्रोजन निर्माता बन सकते हैं.
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सीएम योगी ने कहा कि इसके लिये सिंचाई विभाग से समन्वय बनाकर प्रदेश की छोटी बड़ी नदियों के पास रिज़र्व वॉटर बनाकर बरसात के पानी का उपयोग ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के लिये करने को निर्देशित किया. साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी पर काम करने वाली फ़र्मों को ज़्यादा से ज़्यादा इंसेंटिव देकर प्रोत्साहित करने के भी निर्देश उन्होंने दिये हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 (GIS-2023) के दौरान ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में इकाइयां स्थापित करने के लिए यूपी को 20 कंपनियों से 2.73 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. इससे 60 हजार से अधिक लोगों के लिए नौकरी के अवसर पैदा होंगे. प्रदेश सरकार जीआईएस-2023 में हुये सभी एमओयू को ईमानदारी से लागू करने के लिये प्रतिबद्ध है. ऐसे में हमें अपनी जवाबदेही तय करने के लिये जल्द से जल्द ग्रीन हाइड्रोजन नीति लागू करनी है.
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए रिफॉर्म के लिये तैयार रहें. इसके लिये प्रदेश में हर स्तर पर निवेशकों के लिये हर द्वार खोलने होंगे. वर्तमान में प्राकृतिक गैस का उपयोग कर उत्पादित की जा रही ग्रे हाइड्रोजन की तुलना में ग्रीन हाइड्रोजन की उत्पादन लागत अधिक है. अतः ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं को गति प्रदान करने के लिये प्रारंभिक अवस्था में विभिन्न प्रोत्साहन दिया जाना आवश्यक एवं औचित्यपूर्ण है.
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सीएम योगी ने कहा कि उप्र ग्रीन हाइड्रोजन नीति 2023 के ड्राफ़्ट में राज्य के विकास और रोजगार को बढ़ावा देने पर फोकस किया जाए. इसके साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन रहित एवं जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों के सापेक्ष राज्य के योगदान को पूर्ण करने , ग्रीन हाइड्रोजन/अमोनिया उत्पादन, बाजार निर्माण और मांग एकत्रीकरण को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाए. जिससे प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन/अमोनिया अर्थव्यवस्था बनाने के लिये अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र तैयार हो सके.