UP News Update उत्तर प्रदेश (UP) में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए चलाये जा रहे पंद्रह योजनाओं का लाभ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) मजदूरों को भी देने का निर्णय लिया है. हालांकि, इसका लाभ उन मनरेगा मजदूरों को मिलेगा, जिन्होंने एक साल में न्यूनतम 90 दिन मनरेगा के तहत काम किया होगा.
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में ऐसे मजदूरों को आवास, शौचालय, पेंशन, चिकित्सा जैसी सुविधाएं मिलेंगी. इसी के मद्देनजर कर्मकार कल्याण बोर्ड ने अपर आयुक्त (मनरेगा) से ऐसे मजदूरों की सूची मांगी है.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कोरोना संकट के दौरान देश के अन्य राज्यों से वापस लौटे उनके गांव और कस्बे के पास मनरेगा में रोजगार देने की जो मुहिम चलायी गयी, उसको लेकर अब नये साल में यूपी (उत्तर प्रदेश) मनरेगा योजना में सबसे अधिक रोजगार मुहैया कराने वाला राज्य बन जायेगा.
मीडिया रिपोर्ट में अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार के हवाले से बताया गया है कि सचिव उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य कर्मकार कल्याण बोर्ड के पत्र के आधार पर एक वर्ष में नब्बे दिन और इससे अधिक काम करने वाले मनरेगा मजदूरों की सूची तैयार करायी जा रही है. ऐसे मजदूरों का पंजीकरण कल्याण बोर्ड में होगा. निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड इस समय निर्माण श्रमिकों के लिए पंद्रह योजनाएं चला रहा है. मनरेगा श्रमिकों का विवरण मनरेगा पोर्टल से कर्मकार कल्याण बोर्ड के पोर्टल पर ऑनलाइन भेजा जाना है.
जानकारी के मुताबिक, विभाग ने तय किया है कि 31 मार्च तक 20 लाख परिवारों को 100 दिन काम देने का लक्ष्य हासिल किया जायेगा. फिलहाल करीब 20 लाख मनरेगा मजदूर विभिन्न कामों में लगे हुए हैं. 31 मार्च तक 90 दिन काम करने वालों की बड़ी संख्या हो जाने की उम्मीद है.
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Upload By Samir Kumar